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आरोपित की बीच सड़क पर गोलियों से भूनकर हत्या कानून व्यवस्था से उठता विश्वास तो नहीं?

ग्वालियर मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के डबरा। क्षेत्र में जसवंत सिंह गिल नामक व्यक्ति की गुरुवार रात लगभग 7:30 बजे बीच सड़क पर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी जाती है। आपको बता दें जसवंत सिंह के ऊपर न्यायालय में एक प्रकरण चला जिसमें 8 साल पहले पत्नी के ममेरे भाई सुखविंदर की गोली मारकर जसवंत सिंह ने हत्या कर दी थी। इस मामले में रिश्ते में मामा रविंदर और मामी को भी गोली लगी थी। न्यायालय द्वारा इस मामले में जसवंत सिंह गिल को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा दी थी। अट्ठाईस अक्टूबर को जसवंत सिंह को पन्द्रह दिन की पैरोल मिली थी, जिस वजह से वह बाहर था।

सुखविंदर सिंह की हत्या के बाद उनके पिता रविंदर भाई सत्यपाल सिंह और अन्य परिवार के लोग कनाडा शिफ्ट हो गए थे इसलिए जसवंत के परिवार के लोग यह शक जाहिर कर रहे हैं कि कनाडा से ही सुखविंदर के परिवार के लोगों ने सुपारी। देकर जसवंत की हत्या कराई है जिस तरह से शूटरों ने बेखौफ होकर तक हत्या की है उससे यह भी स्पष्ट है कि वे प्रोफेशनल शूटर्स हैं और कहीं बाहर से केवल इस घटना को अंजाम देने के लिए ही आये थे। शाम को लगभग 7:30 बजे जब जसवंतसिंह बाहर टहल रहा था और घर के आगे पहुंचा यहां मोहल्ले में रहने वाले कुछ लोग खड़े थे। इनसे बातचीत करने लगा। तभी बाइक पर सवार होकर दो शूटर आए। पीछे बैठे शूटर ने इशारे से जसवंत को बुलाया और जैसे ही जसवंत उसकी तरफ आने लगा शूटर ने बाइक से उतरकर पहली गोली चलायी। जो सीधे जसवंत के सीने में लगी जसवंत ने पीछे भागने की कोशिश की तो एक ओर गोली उसे लगी जिससे जसवंत जमीन पर गिर पड़ा। और गोली लगने से उसकी मौत हो गई।

यह घटना मध्यदेश की लचर कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल करती है और साथ ही यह सवाल भी खड़े करती है कि यदि जसवन्त के परिवार वालों के इस शक को सही मान लें की जसवंत की हत्या सुखविंदर के परिवार के लोगों ने सुपारी देकर कराई है, तो यहां यह सवाल भी उठता है कि क्या सुखविंदर के परिवार के लोगों को देश की कानून व्यवस्था पर विश्वास नहीं है कि उन्होंने सुखविंदर को मारने अपने परिवार के जसवंत सिंह को न्याय दिलाने के लिए खुद ही यह कदम उठा लिया हो। इस मामले में ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह स्वयं भी यह आशंका जता रहे हैं। के हत्या का बदला लेने के लिए यह वारदात हुई हो क्योंकि जिस तरह युवक की हत्या हुई है व हत्या के मामले में आजीवन सज काट रहा है और पैरोल पर भार आया था, इसी दौरान हत्या हुई है। 

दिनदहाड़े गोली मारकर पैरोल पर बाहर आए आरोपित की हत्या की यह घटना यह सवाल खड़ा करती है कि क्या न्यायालय द्वारा दिए गए आजीवन? कारावास की सजा से मृतक सुखविंदर के परिवार के लोग से संतुष्ट नहीं थे? यह सवाल भी खड़ा होता है की क्या पैरोल पर आरोपित के बाहर आने से सुखविंदर के परिवारजन कानून व्यवस्था से नाराज थे? यहां यह सवाल भी उठ रहा है कि ग्वालियर में यह कैसी पुलिस व्यवस्था है जो चौराहे पर खड़े होकर बाइक सवारों से अवैध वसूली तो करती हैं लेकिन पिस्टल लेकर घूम रहे बाइक सवार उनकी नजर से बच जाते हैं। पुलिस की जिम्मेदारी है कि आम लोगों को अपराध मुक्त शांतिपूर्ण माहौल मिले। लेकिन जिस तरह से लगातार अपराध की घटनाएं हो रही हैं और पूरे ग्वालियर क्षेत्र में लगातार हत्या की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं वह साफ सवाल खड़ा कर रही है कि ग्वालियर में पुलिस का खौफ़ पूरी तरह खतम हो चुका है। इस तरह खुले आम बीच सड़क पर अपराधी बाइक पर बैठकर आते हैं हत्या करते हैं और आराम से निकल जाते हैं। और पुलिस हत्या के बाद आकर लकीर पीटती है। अब देखना होगा दिनदहाडे हुई इस हत्या से सबक लेकर पुलिस अपनी व्यवस्था में क्या सुधार करती है?

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