“बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी” के नारों के साथ झांसी से चलकर शहीद ज्योति ग्वालियर की महारानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर लाई गई,बता दें कि ग्वालियर में दो दिवसीय वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई बलिदान मेले का रजत जयंती वर्ष समारोह आयोजित किया जा रहा है।
वीओ-: वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के 166वें बलिदान वर्ष में झांसी किले से लाई गई शहीद ज्योति को ग्वालियर में कट्टर हिन्दू वादी नेता और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया द्वारा रानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर स्थापित किया गया, बता दें कि यह बलिदान मेले का 25वां रजत जयंती वर्ष है वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के रूप में स्कूली छात्राओं ने हाथ में तलवार लेकर घोड़े पर कदमताल कर वीरांगना की समाधि तक भव्य शोभायात्रा निकाली, हजारों की संख्या में भाजपा समेत विभिन्न संगठनों के लोगों ने इस समारोह में शिरकत की, बता दें कि पिछले 25 वर्षों से लगातार ग्वालियर के रानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर बलिदान मेले का आयोजन किया जा रहा है जिसे लेकर ग्वालियर की जनता में काफी उत्साह देखा जाता है, 18 जून को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन में वीर रस राष्ट्रवादी कवि हरिओम पंवार, गीतकार विष्णु सक्सेना विनीत चौहान जानी बैरागी शम्भू शिखर समेत देश के प्रख्यात कवियों द्वारा काव्य पाठ किया जाएगा,
वहीं 250 से ज्यादा पात्रों द्वारा महानाट्य का आयोजन किया जाएगा जो स्वतंत्रता संग्राम के युद्ध का जीवंत चित्रण करेगा।
रानी लक्ष्मीबाई के 166वे बलिदान वर्ष पर उन्हें ऐसे किया याद
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