नई दिल्ली: केंद्र सराकर सामने एक ऐसी रिपोर्ट निकल कराई है जिसने कई सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी मामला जम्मू और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को लेकर है। और रिपोर्ट के अनुसार जम्मू और कश्मीर में कई आतंकियों के छुपे होने का खुलासा हुआ है। जम्मू-कश्मीर में रह-रहकर हो रहे आतंकी हमलों के बीच सिक्योरिटी एजेंसियों के खुफिया इनपुट से पता लगा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 77 आतंकवादी छिपे हैं। जो मौका मिलते ही सिविलियन या फिर फोर्स पर हमला करने की ताक में हैं।
इनमें 60 आतंकवादी पाकिस्तान से संबंध रखते हैं। जो की आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैएबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के हैं। एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, इन 60 विदेशी आतंकवादियों में सबसे अधिक 35 आतंकवादी लश्कर के हैं। दूसरे नंबर पर 21 आतंकवादियों के साथ जैश-ए-मोहम्मद और सबसे कम हिज्बुल मुजाहिद्दीन के हैं। जबकि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय स्तर पर भी 17 आतंकवादी सक्रिय हैं। इनमें तीन जम्मू रीजन में और 14 वैली में सक्रिय हैं।

यह सब आतंकवादी दो-तीन के छोटे-छोटे ग्रुप में छिपे हुए हैं। इनमें से अधिकतर पहाड़ी और जंगली इलाकों में छिपे हुए हैं। जो मौका मिलते ही सड़क मार्ग पर या लोगों पर हमला कर रहे हैं। इनपुट मिलने पर सुरक्षाबलों के साथ इनके कई साथी मुठभेड़ में मारे भी गए हैं, लेकिन फिलहाल 77 आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में छिपे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में बुधवार को सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की मदद करने वाले दो मददगारों को गिरफ्तार भी किया। इनके पास से एक पिस्तौल, दो ग्रेनेड, एक एके-47 रायफल मैगजीन और अन्य गोला-बारूद बरामद किया गया। 22 फरवरी को भी सीआरपीएफ की 126वीं बटालियन ने रियासी इलाके में 268 राउंड गोलियां बरामद की थी।
अभी हाल ही में 8 मार्च को कठुआ में तीन नागरिकों के शव मिले थे। इस घटना को आतंकवादी हमले से जोड़कर देखा जा रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए भी इस मामले की तफ्तीश में लगी है। हालांकि, घटना की मुख्य जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस कर रही है। जिसमें यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि सही में यह आतंकवादी हमला ही था या फिर कुछ और?
