Thursday, October 17, 2024
28.1 C
Delhi
Thursday, October 17, 2024
HomeBusinessसिंधिया का तोहफ़ा नया एयरपोर्ट टर्मिनल बना हाथी दांत, मुख्य शहरों से...

सिंधिया का तोहफ़ा नया एयरपोर्ट टर्मिनल बना हाथी दांत, मुख्य शहरों से एयर कनेक्टिविटी देने में फैल

ग्वालियर मध्य प्रदेश: ग्वालियर शहर की एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए ग्वालियर एयरपोर्ट का विस्तार कर नए एयर टर्मिनल निर्माण 500 करोड की लागत से किया गया था। केवल सोलह महीने के कम समय में बने इस एयर टर्मिनल के बनने के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि ग्वालियर को नए शहरों से एयर कनेक्टिविटी की सौगात मिलेगी। सोलह महीने के कम समय में इतनी तीव्र गति से जब यह नया टर्मिनल बनाया गया तो यही लग रहा था कि जल्द ही नए बड़े शहरों के लिए हवाई सेवा भी उपलब्ध होगी। लेकिन नए शहरों की हवाई सेवा चौड़ी छोड़िए पुरानी पुरानी जो एयर कनेक्टिविटी थी वह नया टर्मिनल बनने के बाद और बंद हो गई और अब पाँच सौ करोड़ की लागत से बने यह टर्मिनल की हालत हाथी दांत की तरह हो गई है। 

जब अब एयरपोर्ट के पुराने टर्मिनल से हवाई सेवाओं का संचालन होता था तब ग्वालियर से 8 शहरों के लिए हवाई सेवा उपलब्ध थी। नए टर्मिनल को बनने से। एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिंग क्षमता बढ़ाने और टैक्सी वे बनाया गया था? एयरपोर्ट का विस्तार होने के बाद नए शहरों से कनेक्टिविटी की। उम्मीद बढ़ गई थी जो लगातार घट रही है 28 अक्टूबर से विंटर। शेड्यूल भी लागू हो जाएगा इस नए शेड्यूल। में आकाशा एयर इंडिया एलायंस एयर ने हाथ खींच लिया है। इस विंटर शेड्यूल में अब सिर्फ एयरइंडियाएक्सप्रेस की बेंगलुरु दिल्ली इंडिगो की दिल्ली और मुंबई। हवाई यात्रा के लिए ही सुविधा मिलेगी जबकि एलायंस एयर इंदौर एयर इंडिया एक्सप्रेस ने हैदराबाद आकाशा ने मुंबई अहमदाबाद के लिए फ्लाइट संचालन के लिए आवेदन ही नहीं किया है। यह आंकड़े शाह बताते हैं कि जहां पहले आठ शहरों तक हवाई सेवा चल रही थी। वह नया टर्मिनल बनने के बाद अब अगले महीने से। केवल तीन शहरों के लिए ही रह जाएगी। 

घटती हवाई सेवाओं के लिए अब एयरपोर्ट प्रबंधन तरह तरह के बहाने बता रहा है। लेकिन सवाल यह खड़ा होता है यदि उनके बहाने सही हैं। तो फिर इतना बड़ा नवीन एयर टर्मिनल। बनाने की आवश्यकता क्या थी? क्या नया एयर टर्मिनल बनाने से पहले इस बात का सर्वे नहीं किया गया था? ग्वालियर में हवाई यात्रियों की संख्या ही इतनी नहीं है जिसके लिए नए रुट पर हवाई सेवाएं दी जाएं और जिसके लिए इतने बड़े टर्मिनल की आवश्यकता होगी। यदि विमान कंपनी नई हवाई सेवा उपलब्ध कराने में रुचि नहीं दिखा रही हैं तो फिर यह इतना बड़ा नया टर्मिनल किसके लिए बनाया गया है। 500 करोड की लागत से बने नया टर्मिनल के बाद हवाई सेवाओं में वृद्धि न होना यह सवाल खड़े कर रहा है कि इतना बड़ा इनवेस्टमेंट क्या इन सभी हकीकतों को नजरअंदाज करके बनाया गया?

theinglespost
theinglespost
Our vision is to spread knowledge for the betterment of society. Its a non profit portal to aware people by sharing true information on environment, cyber crime, health, education, technology and each small thing that can bring a big difference.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular