लखनऊ, उत्तर प्रदेश: यदि आप सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स हैं। आपके फॉलोअर्स की अच्छी खासी संख्या इंस्टाग्राम और फेसबुक पर है। या यूट्यूब पर के अच्छे खासे व्यूज आते हैं। तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए लाखों रुपए महीना कमाने की राह खोल दी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान कर दिया है कि अब प्रभावशाली सोशल मीडिया क्रिएटर्स को प्रोत्साहित करने के लिए अलग अलग श्रेणियों में लाखों रुपए दिए जाएंगे। तो आप जल्दी से सूचना विभाग की वेबसाइट पर जाइए अपना पंजीयन करा लीजिए।
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नई डिजिटल मीडिया नीति जारी की है, जिसके तहत राज्य की योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रभावशाली व्यक्तियों को प्रति माह 8 लाख रुपये तक का भुगतान किया जाएगा। नीति में राष्ट्र विरोधी, असामाजिक या अपमानजनक पोस्ट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी अधिकार दिया गया है। इस कदम से विपक्षी दलों की आलोचना हुई है। नीति का उद्देश्य राज्य सरकार की योजनाओं से संबंधित सामग्री प्रदर्शित करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को प्रोत्साहित करके रोजगार सृजन करना है। यह भारत और विदेशों में रहने वाले उत्तर प्रदेश के निवासियों को लक्षित करता है। भुगतान के उद्देश्यों के लिए नीति सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को फॉलोअर्स और सब्सक्राइबर के आधार पर वर्गीकृत करती है।
सरकार प्रभावशाली व्यक्तियों और सोशल मीडिया अकाउंट धारकों को सूचीबद्ध करेगी और उन्हें उनकी पहुंच के अनुसार भुगतान करेगी। आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने कहा कि सामग्री अश्लील, अश्लील या राष्ट्र विरोधी नहीं होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने जानकारी दी है। कि राज्य सरकार अपनी नीतियों को कंटेंट ट्वीट वीडियो और रील्स। के जरिए प्रमोट करने के लिए एजेंसियों और इन्फ्लुएंस को मौका दे रही है। सूचना विभाग ने इस। काम के लिए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसेज़ और एजेंसियों को उनके फॉलोअर सब्सक्राइबर्स काउंट के आधार पर चार वर्गों में बांटा है इस कैटेगरी के अनुसार यूट्यूब वीडियो, शॉर्ट्स और पॉडकास्ट के लिए सीमा 8 लाख रुपये, 7 लाख रुपये, 6 लाख रुपये और 4 लाख रुपये प्रति माह है। X, फेसबुक और इंस्टाग्राम के लिए अधिकतम भुगतान सीमा क्रमशः 5 लाख रुपये, 4 लाख रुपये, 3 लाख रुपये और 2 लाख रुपये प्रति माह है।
भाजपा ने इस नीति का बचाव करते हुए इसे योगी आदित्यनाथ सरकार का एक अभिनव कदम बता रही है। भाजपा ने रोजगार सृजन और सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं पर अंकुश लगाने की इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला। एक आधिकारिक बयान ने स्पष्ट किया कि नीति में राज्य की योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तियों और फर्मों को सूचीबद्ध करना शामिल है। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने भाजपा सरकार पर असंतोष को दबाने के लिए जनता के पैसे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। यादव ने X पर इस नीति की आलोचना करते हुए इसे पक्षपात के लिए रिश्वत बताया। सपा ने दावा किया कि नीति का उद्देश्य सरकार की प्रशंसा करने वालों को पुरस्कृत करना और आलोचकों को दंडित करना है।