यदि आपकी कॉपी किताबें पुरानी हो जाएं वह भी बढ़ जाएं। किताबें खराब हो जाएं तो आप क्या करते हैं? संभवतः ज्यादातर लोग इसे रस्ती में भेज देते होंगे। यहां कुछ लोग कचरे में भी फेंक देते होंगे वो कुछ लोग शायद चला भी देते हो लेकिन यदि आप अपने पुराने कॉपी के पन्नों को जमीन में गाड़ दें और उनसे वह पौधा निकल आए जो बड़ा होकर आपको कीमती ऑक्सीजन दे और पर्यावरण की रक्षा दे तो यह। आईडिया कैसा रहेगा जी हां यह सब। रहे और यह संभव कर दिखाया है हमारे देश के ही एक युवा ने।
दिल्ली में प्रति मैदान में किब्स ऑफ चल रहा है और इस टेस्क में तरह तरह के उत्पाद का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी एक्सपो के अंतर्गत व्यक्ति मैदान के हॉल नंबर्तों में दिल्ली के तीस।टॉप कैलाश निवासी अमित अरोरा ने भी अपनाने पिस्तौल लगाया है। अमित अरोरा बताते हैं कि अक्सर लोग अपनी पुरानी कॉपियां रद्दी में दे देते हैं इससे उनका ज्यादा अधिक उपयोग नहीं हो पाता है। इन कॉपी और पन्नों को बनाने के लिए तमाम पेड़ काटने पड़ते हैं व पर्यावरण को बहुत नुकसान होता है।इसी समस्या को देखते हुए उन्होंने अपना एक स्टार्टअप शुरू किया है। जिसमें वह एक विशेष प्रकार का कागज बनाते हैं और इन।कागजों में औषधीय पौधों सब्जियों आदि के छोटे छोटे बीज होते हैं। इन कागजों से बनी कॉपी का उपयोग करने के बाद जब यह भर जाए। तो इन पन्नों को आप जमीन में गाड़। दें तो जब जमीन में गाड़ेंगे तो यह बीज अंकुरित हो जाएंगे और नए पौधों को जन्म देंगे।इससे पर्यावरण को एक बहुत बड़ा लाभ होगा। आगे इन्हीं पन्नों से और भी अलग अलग प्रकार की सामग्रियां बनाने के लिए अमित अर्राफ अपने स्टार्टअप में प्रयास कर रहे हैं।
इस ऐप्स को में अमित अनुराग के इस तरह की पन्ने आकर्षण केंद्र बने हुए साथ ही काश।से बनी और लकड़ी के छिलकों से बनी कॉपी पैन डायरी बोतलें आदि चीजें भी लोगों को आकर्षित कर रही है। अमित अरोरा जिस समय दिल्यूनिवर्सिटी में अध्ययन कर रहे थे उसी समय उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर इस स्टार्टअप की शुरुआत की थी।इस स्टार्टअप में वह लोगों को गिफ्ट देने के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी जागरूक कर रहे हैं। इस समय पर्यावरण को हो रहा नुकसान एक बहुत बड़ा गंभीर विषय है।और इसी को देखते हुए कई बड़ी कंपनियां अपने आपको पर्यावरण के अनुकूल सामग्री बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रही है। अमित अरोरा के उत्पादों को भी एक्सपो। में अच्छा खासा समर्थन मिल रहा है।