Monday, March 3, 2025
27.1 C
Delhi
Monday, March 3, 2025
HomeNationalमतदाता सूची में नाम कटने या जुड़ने की सूचना ईमेल और मोबाइल...

मतदाता सूची में नाम कटने या जुड़ने की सूचना ईमेल और मोबाइल पर मिलेगी, चुनाव आयोग का ऐतिहासिक फैसला

देश के लगभग 99 करोड़ मतदाताओं में से करीब 65 करोड़ मतदाताओं के मोबाइल व ईमेल आयोग के पास पहले से मौजूद हैं। इनमें से ज्यादातर मतदाताओं ने नाम जुड़ने के लिए आवेदन करने के साथ ही इसे दर्ज करा दिया है, जबकि बाकी मतदाताओं की ओर स्वैच्छिक रूप से अपना आधार...

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव हों या विधानसभा के राजनीतिक दलों की ओर से मतदाता सूची से नाम काटने एवं जोड़ने को लेकर हाल में जिस तरह से आरोपों की बाढ़ आई है उससे निपटने के लिए चुनाव आयोग मुस्तैदी से जुट गया है। जो अहम कदम उठाने के संकेत मिले हैं, उनमें मतदाता सूची को अनिवार्य रूप से मोबाइल और ईमेल से जोड़ने की तैयारी है। ताकि मतदाता सूची से नाम कटने या जुड़ने पर मतदाताओं को तुरंत ही इसकी जानकारी मुहैया कराई जा सके।

देश भर में इसे लेकर व्यापक अभियान चलाने की तैयारी है। मतदाता सूची में अभी किसी का नाम कटने पर उसे नोटिस भेजकर जानकारी देने की व्यवस्था है, लेकिन अधिकतर मामलों में उस पते पर व्यक्ति के न मिलने से वह नोटिस पहुंचता ही नहीं है। या बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) इस पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर चुप बैठ जाता है।

आयोग से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो मोबाइल और ईमेल के अपडेट होने से मतदाता सूची से नाम कटने से जुड़ी जानकारी न मिलने जैसी सारी समस्या खत्म हो जाएगी। आयोग की ओर से नाम सूची से हटाने या जोड़ने के साथ ही मोबाइल पर तुरंत संदेश पहुंच जाएगा। खास बात यह है कि इनमें जिस वजह से नाम मतदाता सूची से हटाया गया उसकी भी जानकारी मिल जाएगी। ऐसे में यदि मतदाता इससे संतुष्ट नहीं है तो वह तुरंत उच्च स्तर पर उसे चुनौती भी दे सकेगा। आयोग इस मुद्दे पर चार व पांच मार्च को नई दिल्ली में होने वाली सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) की बैठक में भी चर्चा करेगा। माना जा रहा है कि इस चर्चा में ही इसके अमल का रोडमैप तैयार हो सकता है।

सूत्रों की मानें तो देश के लगभग 99 करोड़ मतदाताओं में से करीब 65 करोड़ मतदाताओं के मोबाइल व ईमेल आयोग के पास पहले से मौजूद हैं। इनमें से ज्यादातर मतदाताओं ने नाम जुड़ने के लिए आवेदन करने के साथ ही इसे दर्ज करा दिया है, जबकि बाकी मतदाताओं की ओर स्वैच्छिक रूप से अपना आधार नंबर दिए जाने से चुनाव आयोग के पास यह ब्योरा मौजूद है।

ऐसे में आयोग का फोकस बाकी बचे करीब 34 करोड़ मतदाताओं को लेकर है, जिनके मोबाइल और ईमेल जुटाए जाने हैं। गौरतलब है कि अभी आयोग को ऐसे मामलों से जूझना होता है जब बूथ पर मतदान के लिए पहुंचने के बाद लोगों को पता चलता है कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है। मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने के नियम काफी सख्त हैं। नाम जोड़ने के लिए फार्म-6 भरना होता है। इसके साथ ही इस बात के प्रमाण प्रस्तुत करने होते हैं कि व्यक्ति उस क्षेत्र में इस पते पर रहता है। साथ ही उसका मतदाता सूची में कहीं दूसरी जगह नाम नहीं है।

इनमें अधिकतर 18 वर्ष के नए मतदाता होते हैं। जबकि नाम हटाने के लिए फार्म-7 भरना होता है। इसमें नाम हटाने के सही कारण देने होते हैं। यह फार्म किसी भी राजनीतिक दल की ओर से दिया जाता है। जिसकी बीएलओ जांच करता है और यदि संबंधित व्यक्ति उस पते पर नहीं रहता है तो फिर उसके वोटर लिस्ट में जिस जगह से नाम है तो उसे हटा देता है। फार्म-8 तब भरना होता है जब आप किसी एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में शिफ्ट हो रहे हैं या फिर अपने नाम, पते, मोबाइल नंबर आदि को अपडेट या सुधार करना चाहते है तो इसे बीएलओ को देकर ठीक करा सकते हैं। जैसे ही जानकारी अपडेट होगी, आपको संदेश मिल जाएगा

Gajendra Ingle
Gajendra Ingle
Our vision is to spread knowledge for the betterment of society. Its a non profit portal to aware people by sharing true information on environment, cyber crime, health, education, technology and each small thing that can bring a big difference.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular