नई दिल्ली: आने वाले समय में तमाम बैंकिंग नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं और इन बदलावों से संबंधित विधेयक वर्तमान में संसद को शीतकालीन सत्र में लाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के निचले सदन में अपने संबोधन में बताया कि बैंकों को पेशेवर तरीके से चलाया जा रहा है। मेट्रिक्स स्वस्थ हैं। वे बाजार में जा सकते हैं और बॉन्ड जुटा सकते हैं, ऋण जुटा सकते हैं और अपने व्यवसाय को उसी के अनुसार चला सकते हैं। इसे देखते हुए बैंकिंग प्रावधानों में कई बदलाव किए गए हैं। वित्तमंत्री किन बदलावों की बात कर रही है आप पर उन बदलावों? का, क्या असर होने वाला है, यह जानना आपके लिए बहुत जरूरी है।तो आइए आपको बताते हैं कि ऐसे बदलावों का आपके ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया। यह विधेयक बैंकिंग से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। इस बिल के पारित होने के बाद जमाकर्ताओं को अपने बैंक और सावधि जमा खातों में अधिकतम चार नॉमिनी जोड़ने की छूट मिल सकेगी। मौजूदा नियमों के तहत जमाकर्ता के बैंक अकाउंट में डिपॉजिट या लॉकर में रखे सामान के लिए केवल एक व्यक्ति को नॉमिनी बनाने की अनुमति थी, लेकिन अब जमार्कताओं के पास एक के बाद किसी अन्य को या एक ही समय में अपने बैंक अकाउंट में चार अलग-अलग नॉमिनी जोड़ने का विकल्प होगा।
नए प्रावधान बैंकों को वैधानिक लेखा परीक्षकों के पारिश्रमिक को तय करने में अधिक स्वतंत्रता देते हैं और नियामक रिपोर्टिंग की समयसीमा को मौजूदा दूसरे और चौथे शुक्रवार की जगह हर महीने की 15वीं और आखिरी तारीख के लिए संशोधित किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955, बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन करने के लिए विधेयक को विचार और पारित करने के लिए आगे बढ़ाया था।