कानपुर उत्तर प्रदेश; शुक्रवार देर रात कानपुर के पास पनकी में हुए साबरमती एक्सप्रेस हादसे में कुछ ऐसे तथ्य निकलकर आ रहे हैं जो इस घटना के पीछे बड़ी साजिश की शंका बता रहे हैं। सब कुछ ठीक होने के बावजूद भी पटरी। में ऐसा क्या छेड़खान की गई थी ही ट्रेन के 20 डब्बे पटरी से उतर गए वह? तो किस्मत अच्छी रही कि यह डब्बे पलटे नहीं और कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई लेकिन षड्यंत्र। कार्यों का यही प्रयास सामने आ रहा है। कि वह किसी बड़े हादसे को अंजाम देना चाहते थे।
वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस (19168) के बेपटरी होने की जांच के बीज कई बड़े तथ्य सामने निकलकर आ रहे हैं।। जांच में साजिश की आशंका जताई जा रही है। मौके पर मिले पटरी के टुकड़े और क्लैंप से ट्रेन हादसे के पीछे साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि एटीएस समेत कई जांच एजेंसियां साजिशकर्ताओं की तलाश में जुटीं हैं। जिस तरह से पटरी का टुकडा मुख्य पटरी से बांधा गया था वह साफ बता रहा है कि साजिशकर्ताओं की प्लानिंग बड़े हादसे की थी।
फोरेंसिक टीम ने आशंका जताई थी कि इस पटरी के टुकड़े को क्लैंप की मदद से ट्रैक पर बांधा गया था। आशंका जताई जा रही है कि ट्रेन को पलटाने की साजिश थी। हालांकि इस पर चढ़ने के बाद ट्रेन पटरी से उतर गई थी। पनकी पुलिस ने शनिवार देर रात सीनियर सेक्शन इंजीनियर महेंद्र प्रताप सिंह सिसोदिया की तहरीर पर अज्ञात पर रिपोर्ट भी दर्ज की थी।
साबरमती एक्सप्रेस (19168) के शुक्रवार देर रात पनकी क्षेत्र में बेपटरी होने के पीछे साजिश की आशंका जताई जा रही है। यदि साजिशकर्ता अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते तो साबरमती ट्रेन पलट सकती थी और एक बड़ी जनहानि हो सकती थी। एटीएस, पुलिस, आरपीएफ के साथ ही अन्य जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। घटना की जांच के लिए करीब दो हजार लोगों के बयान लिए जाएंगे। इसमें यात्रियों के अलावा टीटीई, गार्ड, वेंडर, क्रॉसिंग के गेटमैन आदि शामिल हैं। साथ ही पूरे क्षेत्र के सीसीटीवी और अन्य तथ्य जांच कर साजिशकर्ताओं तक पहुंचने का प्रयास भी किया जा रहा है।