हाल ही में श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम के चयन में सबको चौंका दिया है। कुछ खिलाड़ियों का स्टीम में न होना तो। कुछ का होना लोगों के मन।में कई सवाल बड़े कर रहा है। जिम्बाब्वे दौरे पर टीम इंडिया ने कई युवा खिलाड़ियों को मौका दिया। अभिषेक शर्मा ने सीरीज के दूसरे मैच में 46 गेंद पर शतक ठोका। रुतुराज गायकवाड़ भी उस टीम में थे। उन्होंने भारत के लिए टी20 फॉर्मेट में मौका मिलने पर बल्ले से कमाल किया है। दोनों श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया में नहीं हैं। संजू सैमसन का वनडे में शानदार रिकॉर्ड है। उन्हें सिर्फ टी20 में ही चयनकर्ताओं ने मौका दिया है। इन फैसलों से क्रिकेट जगत में जो। लोग इन खिलाड़ियों के प्रशंसक हैं उनमें निराशा है और साथ ही कई क्रिकेट विश्लेषक भी इस तरह के टीम सेलेक्शन को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।
श्रीलंका दौरे की टीम की घोषणा के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर और मुख्य कोच गौतम गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से चर्चा की अजीत अगर करने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जब भी किसी अच्छे खिलाड़ी को अच्छे प्रदर्शन के बाद बाहर किया जाता है तो उसको बुरा लगना स्वाभाविक है लेकिन हमारा काम केवल पन्द्रह खिलाड़ियों को चुनना है। टी20 विश्व कप से पहले रिंकू सिंह का शानदार प्रदर्शन रहा था। लेकिन उनको टीम में जगह नहीं मिली थी उस समय भी यही चर्चाएं थी।
श्रीलंका दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम के वनडे स्क्वाड में संजू सैमसन को जगह नहीं मिलने पर भी तमाम तरह की चर्चाएं हैं। भारतीय टीम ने 2023 के अंत में अपना आखिरी वनडे मुकाबला साउथ अफ्रीका में खेला था। संजू सैमसन उस मैच में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे। उनके बल्ले से शतकीय पारी भी निकली थी। इसके बाद भी अब वह भारत के अगले वनडे मैच में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं होंगे। अपने तीन साल के वनडे करियर में संजू को सिर्फ 16 मैच मिले हैं। उन्होंने 56.67 की औसत और 100 की स्ट्राइक रेट से 510 रन बनाए हैं। जबकि जिम्बाब्वे दौरे पर अपने प्रदर्शन से निराश करने वाले रेयान प्रयाग। श्रीलंका दौरे पर टी ट्वेंटी और वनडे दोनों ही टीम में शामिल किए गए हैं। चयनकर्ताओं का रियान प्रयाग को यह मौका देना भी चौंकाने वाला है।
इस पूरी टीम के चयन के मामले में यदि हम देखें तो कुछ हद तक अजीत अगरकर। की बात सही भी है क्योंकि फाइनल सिलेक्शन के समय स्क्वाड में केवल पन्द्रह खिलाड़ी हो सकते हैं और वर्तमान में भारत की टीम में लगभग 30 ऐसे खिलाड़ी हैं जो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसलिए कुछ खिलाड़ियों के अच्छे खेलने पर भी आगामी सीरीज में चयन न होना स्वाभाविक है क्योंकि शायद चयन करता भी रोटेशन के आधार पर सभी खिलाड़ियों को मौका देना चाहते हैं जिससे आगामी विश्व कप। से पहले एक मजबूत थी तैयार हो सके।
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