ग्वालियर मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश भाजपा के युवा नेता शिवराज सिंह यादव के उन दावों पर मोहर लग गई है जिसमें वह यह।दावा कर रहे थे कि हरियाणा में भाजपा सरकार की जीत डॉ मोहन यादव के हरियाणा में चुनाव प्रचार के कारण हुई है। शिवराज सिंह का दावा है थी मोहन यादव रैलियों और बयानों से प्रभावित होकर ही हरियाणा के यादवों ने भाजपा को वोट दिया है और जिसका परिणाम रहा हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को पिछले चुनाव के मुकाबले भी इस बार अधिक सीटों से जीत मिली। अहीर बाहुल्य अट्ठाईस विधानसभाओं में से इक्कीस विधानसभाएं भाजपा की झोली में आई हैं।
16 अक्तूबर को भाजपा के विधायक दल की बैठक में विधायक दल के नेता के चुनाव में केंद्रीय नेतृत्व की मंशा के अनुसार नेता का चयन हो। हरियाणा में बीजेपी की बढ़ती गुटबाजी को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव वहां के पर्यवेक्षक बन कर जा रहे हैं। आपको बता दें के ग्वालियर के युवा भाजपा नेता शिवराज सिंह यादव ने अपने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए यह दावा किया था। की हरियाणा में भाजपा की जीत ये एक बड़ी वजह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव भी हैं। उनके इस पोस्ट को लेकर मध्यप्रदेश की राजनीति में तमाम तरह की चर्चाओं का बाजार भी गर्म था। लेकिन इसी बीच हरियाणा में मुख्यमंत्री चुनाव के लिए पर्यवेक्षक के रूप में जब डॉक्टर मोहन यादव को चुना गया तो शिवराज सिंह यादव के इस दावे पर मुहर लग गई की भाजपा हाई कमान भी डॉ मोहन यादव पर भरोसा जता रही है।
इस बारे में शिवराज सिंह यादव ने द इंग्लेज पोस्ट को बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के प्रयासों से हरियाणा में भाजपा की जीत का जो। दावा किया था अब हाईकमान ने उस पर मुहर लगा दी है। भाजपा में अन्य कई राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य कई नेता थे जिन्हें पर्यवेक्षक बनाया जा सकता था। लेकिन गृह मंत्री अमित शाह जी के साथ यह अवसर डॉ मोहन यादव को दिया गया है यह साफ बताता है कि भाजपा हाईकमान भी हरियाणा चुनाव की जीत में डॉक्टर मोहन यादव योगदान को मानता है। हकीकत यही है कि हरियाणा में यादवों का जो? वोट भाजपा को मिला है, वह सीएम डॉक्टर मोहन यादव की वजह से ही मिला है। शिवराज सिंह यादव एक युवा नेता हैं लेकिन उनका डॉ॰ मोहन यादव को लेकर एक सटीक आकलन यह बताता है के आने वाले समय में उनमें राष्ट्रीय स्तर में एक बड़ा नेता बनने की क्षमता है।
सूत्रों का दावा है कि विधायक दल का नेता चुनने के समय अनिल विज सीएम पद को लेकर अपना दावा ठोक सकते हैं। इसके अलावा, बाहर से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी मुख्यमंत्री पद को लेकर दावा जताते रहे हैं। पार्टी हाईकमान ने इन दोनों के तेवरों को देखते ही अमित शाह और डॉ॰ मोहन यादव को यह जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि पार्टी में कोई गुटबाजी न दिखे और सारी प्रक्रिया आराम से पूरी हो सके। जिस तरह से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ॰ मोहन यादव को हरियाणा चुनाव और अब बाद में मुख्यमंत्री चुनाव में तवज्जो दी जा रही है, उसको देखकर तो यही लगता है कि युवा नेता शिवराज सिंह यादव ने सीएम यादव को लेकर जो दावा किया है भाजपा हाईकमान भी वही मानती है। जिस कार्यकुशलता से डॉ मोहन यादव ने अहीर बाहुल्य सीटों में भाजपा प्रत्याशियों की जीत की राह सुनिश्चित की, अब उम्मीद की जा सकती है कि सभी तरह की गुटबाजियों को दूर कर एक मत से विधायक दल। का नेता और होने वाले मुख्यमंत्री को चुनने में भी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।