Wednesday, October 16, 2024
32.1 C
Delhi
Wednesday, October 16, 2024
HomePoliticsएमपी की मोहन सरकार और शराब माफिया के बीच गठजोड़! सरकार के...

एमपी की मोहन सरकार और शराब माफिया के बीच गठजोड़! सरकार के अपने ही विधायकों ने खोली पोल

भोपाल मध्य प्रदेश : मध्य प्रदेश में माफिया राज किस तरह हावी है इसकी बानगी हमें उस समय देखने को मिली जब भाजपा सरकार के अपने ही विधायकों ने अपनी ही सरकार को आईना दिखा दिया। पहला मामला रीवा से है जहां से उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी आते हैं। वहाँ मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल रीवा आईजी र्यालय और मुगंज एसपी कार्यालय में एएसपी के सामने दंडवत होते हुए दिखाई दिए थे जिसकी फोटो खूब वायरल हुई। उनका साफ आरोप था की पुलिस शराब। माफिया को संरक्षण दे रही है और उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। यह विरोध उन्होंने यह सब जानते हुए किया कि मध्यप्रदेश भाजपा की ही सरकार है और भाजपा की ही पुलिस है। उनको पुलिस अधिकारी से यह तक कहना पड़ा कि आप मेरा गुंडों से मर्डर करवा दो। और उनका यह बयान एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। की क्या शराब? माफिया का विरोध करने वालों का मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार मर्डर करवा देती है?

मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल के समर्थन में पाटन से भाजपा विधायक अजय विश्नोई भी अपनी ही सरकार के मैदान में उतर आए। उन्होंने विधायक प्रदीप पटेल की बात का समर्थन करते हुए कहा कि प्रदीप जी, आपने सही मुद्दा उठाया है पर क्या करें पूरी सरकार शराब ठेकेदारों के आगे दंडवत है। अजय विश्नोई जो खुद भाजपा विधायक हैं और वह खुद यह स्वीकार कर रहे हैं कि उनकी खुद की भाजपा सरकार शराब ठेकेदारों के आगे दंडवत है। और उनके इस बयान से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरीके से मध्यप्रदेश में जंगलराज कायम है और मोहन सरकार शराब माफियाओं को संरक्षण दे रही है। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के अपने ही भाजपा विधायकों द्वारा इस तरह खुले आम सरकार और शराब माफिया के गठबंधन को उजागर करना साहब बताता है की मध्य प्रदेश में सुशासन नहीं शराब माफिया शासन हावी है और इसी कदर हावी है। किसी छोटे मोटे शिकायतकर्ता को तो छोड़िए बड़े बड़े विधायक और भाजपा के विधायकों की भी कोई सुनवाई नहीं है। 

भाजपा के ही एक और विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने तो अपने पद। से इस्तीफ़ा तक दे दिया। और उनकी मजबूरी भी मध्यप्रदेश में फैले कुशासन से जुड़ी हुई है। यहां बृज बिहारी पटेरिया सागर जिले के देवरी से भाजपा के विधायक हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र के केसली थाना क्षेत्र में ग्राम मेड़की में सर्पदंश से एक व्यक्ति की मौत हो गई और ग्रामीणों का आरोप था कि अस्पताल में डॉक्टर ने रिपोर्ट में सर्पदंश से मौत लिखने की ऐवज में चालीस हजार रुपए मांगे। साक्ष्य होने के बाद भी मोहन सरकार की पुलिस ने दोषी डॉक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की और जब विधायक थाने पहुँचे। तो विधायक की शिकायत पर भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी। इस सब घटनाक्रम से आहत होकर देवरी। के भाजपा विधायक बृज बिहारी पटेरिया को यह तक कहना पड़ा की सत्ता पक्ष का विधायक होने के बाद भी अगर प्रमाण पर प्राथमिकी दर्ज नहीं हो रही है तो इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है? भाजपा विधायक इसे शर्मनाक बात बता रहे हैं यह शर्मनाक बात भाजपा सरकार में मध्यप्रदेश में व्याप्त अव्यवस्था के चलते उन्होंने स्वयं महसूस की है।

यह 3 विधायक भाजपा के ही विधायक है और मध्यप्रदेश। में भाजपा की ही सरकार है और भाजपा सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव मंच से हमेशा सुशासन शासन की बड़ी बड़ी बातें करते हैं। लेकिन भाजपा की अपनी ही सरकार के इन। तीन विधायकों के जो बयान आज आपके सामने है। वह इस बात का प्रमाण है कि मध्य प्रदेश में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। यदि यही विरोध कोई विपक्ष के विधायक करते तो भाजपा इस पर कुतर्क कर सब कुछ चंगा साबित कर देती। लेकिन इन 3 विधायकों के विरोध के स्वर। के चलते अब मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार अपने विधायकों के सवालों में ही घिरती हुई नजर आ रही है। और हमें इन विधायकों के हिम्मत और स्पष्टवादिता तारीफ कर इनकी हौसला अफजाई करनी चाहिए कि उस भाजपा में जहां हर एक व्यक्ति मूक दर्शक की तरह गलत को भी गलत कहने से बचता नजर आता है। वहां इन 3 विधायकों प्रदीप पटेल अजय विश्नोई और बृज बिहारी पटेरिया ने लोकतंत्र में लोक की आवाज उठाकर तंत्र की खामियों को उजागर करने का प्रयास किया है। 

theinglespost
theinglespost
Our vision is to spread knowledge for the betterment of society. Its a non profit portal to aware people by sharing true information on environment, cyber crime, health, education, technology and each small thing that can bring a big difference.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular