भोपाल मध्य प्रदेश: महाराष्ट्र चुनाव भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि जिस तरीके से लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपनी सीटें खोना पड़ी थी उस नुकसान की भरपाई विधानसभा चुनाव में भाजपा करना चाहती है और इसके लिए भाजपा ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है और अब भाजपा ने अपने तमाम दिग्गजों को महाराष्ट्र के चुनावी रण (Maharashtra Assembly election 2024) में उतार दिया है। मध्य प्रदेश के नेता नरेंद्र सिंह तोमर तो कई राज्यों के चुनाव प्रभारी रह चुके हैं। कैलाश विजयवर्गीय भी पिछले विधानसभा चुनाव में बंगाल के प्रभारी रहे हैं। मप्र में विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में रिकार्ड तोड़ जीत के चलते मध्य प्रदेश के नेताओं पर शीर्ष नेतृत्व का भरोसा बढ़ा है।
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, विश्वास सारंग, पूर्व मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद को महाराष्ट्र में चुनाव की अहम जिम्मेदारी दी गई है। कई और नेताओं को महाराष्ट्र के अलग-अलग क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया है। ये दिग्गज फिलहाल वहां संगठन के साथ मिलकर चुनाव प्रबंधन का काम संभाल रहे हैं। अधिकतर नेताओं को पार्टी ने विदर्भ क्षेत्र की अलग-अलग विधानसभाओं का काम सौंपा है। आपको बता दें कि यह सभी नेता अपने अपने क्षेत्र में रणनीति बनाने में माहिर हैं और महाराष्ट्र में जिस तरह से चुनावी बयार बह रही है उसको देखते हुए मध्य प्रदेश के इन। नेताओं कि महाराष्ट्र में उपस्थित भाजपा के पक्ष में माहौल बना सकती है।
आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा ने महाराष्ट्र में खुद को मजबूत करने के लिए मध्य प्रदेश के भाजपा नेताओं पर भरोसा दिखाया हो इससे पहले भी मध्य प्रदेश से हिंदूवादी नेता जयभान सिंह पवैया पहले से ही महाराष्ट्र के सह प्रभारी की भूमिका में हैं और अभी तक वह महाराष्ट्र में सह प्रभारी के रूप में सक्रिय हैं। इस बार महाराष्ट्र में चुनाव वैसे ही काफी दिलचस्प होने वाला है क्योंकि यह पहली बार होगा जब महाराष्ट्र में एक या दो नहीं बल्कि 6 पार्टियों के बीच मुकाबला होगा क्योंकि कांग्रेस और भाजपा तो दो। राष्ट्रीय दल हैं ही इसके अलावा महाराष्ट्र की दोनों बड़ी क्षेत्रीय पार्टियां शिवसेना और एनसीपी अब दो फाड़ हो गई हैं। और चुनाव से पहले उनके एक होने की कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही है।