नई दिल्ली; हिंडनबर्ग ने हाल ही में जारी अपनी एक रिपोर्ट में आरोप लगाए हैं कि सेबी चीफ और उनके पति की अदाणी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल की गई दोनों ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हमें यह एहसास नहीं था वर्तमान सेबी अध्यक्ष और उनके पति धवल बुच ने ठीक उसी बेनामी ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड में हिस्सेदारी छिपाई थी, जो उसी शेल कंपनियों में पाई गई थी, जिसका उपयोग विनोद अदाणी द्वारा किया गया था। हालांकि, सेबी की अध्यक्ष और उनके पति ने आरोपों को खारिज करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया। माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी द्वारा प्रवर्तन कार्रवाई और कारण बताओ नोटिस का जवाब उनके चरित्र हनन के प्रयास से दिया है। उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट सेबी की कार्रवाई के खिलाफ लाई गई है।
इससे पहले जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें अदाणी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया, जिसके कारण कंपनी के शेयर की कीमत में भारी गिरावट आई। उस समय समूह ने इन दावों को खारिज कर दिया था। और उसके बाद इस रिपोर्ट का क्या हुआ यह तो सभी को पता है लेकिन हाँ रिपोर्ट के तात्कालिक प्रभाव से उस समय पूरे देश में खलबली जरूर मच गई थी। देश के हर कोने में इस बात की चर्चा होने लगी थी के हिडन वर्ग। की रिपोर्ट पर विश्वास करें या अपने देश की किसी संस्थान पर?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि उसने एक व्हिसलब्लोअर द्वारा प्रदान किए गए दस्तावेजों और अन्य संस्थाओं द्वारा की गई जांच के आधार पर नए आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने पहली बार 5 जून 2015 को सिंगापुर में IPE प्लस फंड 1 के साथ अपना खाता खोला था। IIFL के एक अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित फंड की घोषणा में कहा गया है कि निवेश का स्रोत “वेतन” है और दंपति की कुल संपत्ति 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी गई है।
आपको हम बता दें कि हिंडनबर्ग अपनी रिपोर्ट में जब भी आरोप लगाता है वह कुछ दस्तावेजों की बात तो करता है। लेकिन ऐसे किसी भी प्रमाणिक दस्तावेज का खुलासा नहीं करता और रिपोर्ट कि सारे दावे कुछ समय बाद कहां जाते हैं पता नहीं चलता। 2023 में भी जब अडानी पर आरोप लगाते हुए हिंडन पर रिपोर्ट आई थी उसके बाद जेठमलानी ने खुलासा किया था। की यह रिपोर्ट चीन ने अडानी को बदनाम करने के लिए क्रूट रचित तरीके से जारी करवाई थी क्योंकि अडानी को मिल रहे तमाम प्रोजेक्ट की वजह से चीन को नुकसान हो रहा था। जेठमलानी ने आरोप लगाया था कि अडानी समूह पर किया गया हमला हाइफा बंदरगाह जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को खोने के लिए चीन का बदला था। जेठमलानी ने कहा, ‘अब जब हिंडनबर्ग द्वारा अडानी समूह पर किए गए हमले के पीछे चीन का हाथ होने की बात सामने आ गई है, तो भारत सरकार को उन सबसे तेज राजनीतिक आवाजों के बीच संबंधों की जांच करनी चाहिए।