सरकार की असफलता का नतीजा है फर्जी बाबाओं का बढता मायाजाल

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरज पाल जाटव के सत्संग के दौरान जब 123 लोगों की मौत हो गई तो एक बार फिर भारत में एक ऐसा बाबा सुर्खियों में आ गया जो लोगों को मूर्ख बनाकर उनकी भावनाओं से खेलकर और चमत्कारों का झूठा दिखावा कर अपनी चांदी काट रहा था। लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि लाखों करोड़ों लोगों की ऐसी क्या मजबूरी होती है जो शिक्षित होते हुए समझदार होते हुए की इन बाबा के मायाजाल में फंस जाते हैं। हो सकता है कि आप में से कुछ पाठक इस बात से इत्तेफाक रखें लेकिन मेरा अनुभव है कि तमाम सारे ऐसे बाबाओं के तमाम ऐसे भक्त हैं जो शिक्षित होते हैं बडे बडे शासकीय पदों से रिटायर होते हैं और उसके बावजूद भी वह इन बाबाओं की चमत्कारिक ढोंग में फँस जाते हैं।

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का जो हाथरस हत्याकांड का मामला इस समय मीडिया में गरमाया हुआ है वह बाबा और उसके आश्रम की तमाम खामियों के बारे में तो सब कुछ बता रहा है लेकिन अभी तक कहीं पर भी इस बात पर चर्चा नहीं हो रही है कि ऐसी क्या मजबूरी होती है की ये भोले भाले लोग? लाखों करोड़ की तादाद में किसी न किसी बाबा के मायाजाल में फंस जाते है। इतने व्यस्त समय में से दूर दूर से अपना सब कुछ छोड़कर और पैसा जेब से खर्च कर ये सब लोग है। क्यों इन बाबाओं के आश्रम में सत्संग में पहुंचते हैं। इन्हें ऐसा किस चीज़ की लालच होती है? यह इनको ऐसा क्या लाभ मिलने वाला होता ह? क्योंकि यह मानव प्रवृत्ति है कि मनुष्य किसन किसी लाभ के बिना शायहरी कही जाता हो।

इस सवाल का जवाब इन भक्तों की बातों में ही छुपा होता है। आप जब भी इन भक्तों से बातें करेंगे तो यह जानकारी मिलेगी के कहीं न कहीं यह तमाम लोग किसी न किसी परेशानी से ग्रसित होते हैं। किसी के घर में कोई बीमार होता है तो किसी के घर में। कोई नौकरी की तलाश में होता है तो कोई अपने बेटी या बेटे के शादी के लिए चिंतित होता है। किसी का कोई जमीन विवाद होता है तो किसी का कोई पारिवारिक विवाद होता है और तमाम सारी परेशानियों से जूझते हुए यह व्यक्ति उनका समाधान पाने के लिए जो उसे सबसे सुगम रास्ता मिलता है उसे अपना लेता है है और यह बाबा अपने फर्जी मायाजाल पहल। फैलाकर और प्रलोभन भरी बातें करके इन मजबूरी में फंसे लोगों को आसानी से को फ़ोन करो अपने मायाजाल मे फंसा लेते हैं।

अब आप सोचेंगे कि यदि यह सब परेशानियां हैं तो मैं इसके लिए सरकार को किस तरीके से दोषी मान रहा हूँ। इसमें हमारी सरकार किस तरीके से शामिल है या सरकार का क्या दोष है तो मैं आपको बता दूं कि देश के हर नागरिक को मूलभूत सुविधा प्रदान करना उसकी परेशानियों को दूर करना उसके साथ पूरे अन्याय। से उसको न्याय दिलाना यह सब हमारी सरकार का कर्तव्य ही होता है लेकिन यदि किसी व्यक्ति को या उसके परिवारजन को सही इलाज नहीं मिल रहा है तो मजबूरी बस वह बभूत ताबीज गंडा के चक्कर में इन बावाओं के चक्कर में फंस रहा है तो कहीं न कहीं यह हमारे सरकार की असफलता।है। जब एक पीड़ित व्यक्ति न्याय की गुहार जगह जगह लगाकर तंग आ जाता है उसे भी इन बाबा के मायाजाल का रास्ता ही सरल नजर आता है। कुछ भक्तों का भी यदि अनायास काम हो जाता है तो फिर इसे आग की तरह सभी क्षेत्रों में फैलाना।इन बाबाओं के से लगे हुए गुर्गे बखूबी निभाते हैं।

सरकार में हमारे चुने हुए नुमांदे जनप्रतिनिधि भी जब ऐसे ही तमाम बाबाओं की ढोक लगाते नजर आते हैं तो इससे जनता के बीच में यह संदेश जाता है कि जब इतने बड़े माननीय भी इन बाबाओं की शरण में है तो इन भावों में कोई न कोई चमत्कारिक शक्ति तो अवश्य होगी जबकि। पर्दे के पीछे देखें तो यहां धर्म की आरंभ पर। धन का गंधा धंधा संचालित होता है जिसमें ये बावा और सफेद पोश नेताओं का नेक्सस होता है। सरकार ही ऐसे तमाम बाबाओं को पोषित करती है इसीलिए ऐसे तमाम बाबाओं को देश के हर कोने में तमाम लंबी चौड़ी जमीन कौड़ी के भाव मिल जाती है बिना सरकार की मदद के यह बिल्कुल संभव नहीं है।

हमारी सरकार अपने नागरिकों को आने वाली पीढी को एक अच्छी शिक्षा देने में पूर्ण रूप से असफल रही है। ज्यादातर लोग किताबी ज्ञान तो ले लेते हैं लेकिन सही गलत का निर्णय नहीं ले पाते और शिक्षा के बाद जब उनको रोजगार नहीं मिलता है तो रोजगार की तलाश में तमाम तरह के चमत्कारों का सहारा भी यह लोग लेते हैं यदि हमारी शिक्षा नीति में। इस तरह का पाठ्यक्रम भी डाला जाए जो लोगों को अंधविश्वास से दूर रखने के तरीके सिखाए तो यह पाठ्यक्रम शायद कुछ हद तक कारगर साबित हो सकता है। बेरोजगारी हमारे देश में एक बहुत बड़ी समस्या है और जब कहीं पर भी प्रयास करने के बाद रोजगार नहीं मिलता है है तो तमाम जगह से ऐसे बेरोजगार युवकों और उनके माता पिता को यही सुझाव मिलता है कि फलां फलां बाबा के पास जाओ उनके अंदर चमत्कार है उनकी बहूति खाओ उनकी चरण रज। माथे पर लगाओ उनके इस तरह के। प्रचार प्रसार के हथकंडे में ऐसे भोले भाले लोग फंस जाते हैं और इनमें से कुछ लोगों को भी यदि रोजगार अनायास ही मिल जाए तो फिर इस तरह का प्रोपोगैंडा फैलाया जाता है। इससे ऐसे और लाखों लोग इन चमत्कार का ढोंग करने वाले बाबाओं के मायाजाल में फंस जाएं।

इस तरह के ढोंगी बाबाओं का फलना फूलना पूरी तरह से हमारी सरकार की असफलता दर्शाता है। सरकार अपने नागरिकों को अच्छी शिक्षा देने में असफल साबित हुई है। सरकार अपने नागरिकों को अच्छा इलाज देने में असफल साबित हुई है। सरकार अपने नागरिकों को त्वरित न्याय दिलाने में असफल साबित हुई है। सरकार अपने नागरिकों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार दिलाने में असफल साबित हुई है। सरकार अपने नागरिकों को आनंदपूर्वक जीवन जीने देने के अधिकार को दिलाने में असफल साबित हुई है। और सरकार यदि इन तमाम मूलभूत सुविधाओं को अंतिम को फ़ोन करो पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचाने में कामयाब नहीं होती है तो इस तरह के ढोंगी बाबा यूं ही फलते फूलते रहेंगे।

theinglespost

Our vision is to spread knowledge for the betterment of society. Its a non profit portal to aware people by sharing true information on environment, cyber crime, health, education, technology and each small thing that can bring a big difference.

Recent Posts

दिव्यांग युवती से दुष्कर्म के मामले में स्नेहालय संचालक डॉ दंपति को 10-10 साल की सजा, चौकीदार को उम्र कैद

ग्वालियर मध्य प्रदेश: शहर के सिकरौदा तिराहा स्थित स्नेहालय में 6 साल पहले हुए सनसनीखेज…

17 hours ago

चीते की सैर शहर की सड़कों पर, श्योपुर स्टेडियम व कलेक्ट्रेट के पास नजर आया चीता

श्योपुर मध्य प्रदेश: कुनों के जंगल से निकलकर चीते अब शहर की सैर भी करने…

17 hours ago

मोबाइल यूजर्स के लिए खुशखबरी, आएंगे सस्ते इनकमिंग प्लान, डेटा एसएमएस के लिए भी होंगे अलग स्पेशल वाउचर

नई दिल्ली: यदि आपको भी इस बात से शिकायत थी कि सिर्फ इनकमिंग के लिए…

23 hours ago

Under19 वर्ल्ड कप महिला क्रिकेट टीम में ग्वालियर की  वैष्णवी का चयन

ग्वालियर मध्य प्रदेश: ग्वालियर की क्रिकेटर वैष्णवी शर्मा का भारतीय Under-19 टीम में वर्ल्डकप के…

23 hours ago

भोपाल में दो पक्षों में विवाद, लहराई तलवारें, हुई पत्थरबाजी, भारी पुलिस बल तैनात

भोपाल मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल  में मंगलवार को 2 पक्षों के बीच…

1 day ago

नेहरू को मुसलमानों की चिंता थी, दलितों-वंचितों की नहीं, जानिए सीएम योगी ने क्यों दिया यह बयान

लखनऊ उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि कांग्रेस की फितरत हमेशा आंबेडकर विरोधी रही…

1 day ago