ग्वालियर मध्य प्रदेश: सोमवार अट्ठाईस मार्च को पूरे देश में कांग्रेस ने संविधान बचाओ रैली निकाली थी। मध्यप्रदेश में भी यह आयोजन था और मध्यप्रदेश। में इस आयोजन के लिए चुना गया था ग्वालियर का लक्ष्मीबाई समाधी के सामने वाला मैदान। जब इस स्थान का और ग्वालियर शहर का चयन हुआ तब से ही यह चर्चाएँ होने लगी थीं ही इतने बड़े अभियान के लिए राजधानी भोपाल छोड़कर कांग्रेस ने ग्वालियर को क्यों चुना। चाहे क्षेत्रीय नेता हों चाहे प्रदेश स्तरीय जब उनसे इस बारे में प्रेसवार्ता के दौरान पूछा गया ग्वालियर को क्यों चुना गया है तो उनके पास भी इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं था।
कांग्रेस ने खुद ही बताया कि संविधान बचाओ। रैली का मुख्य उद्देश्य नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गाँधी और राहुल गांधी के विरुद्ध दायर की गई चार्जशीट।का विरोध है। और आज अखबारों ने भी इस बात को प्रमुखता से छापा है। ग्वालियर में इसकी शुरुआत एक रैली के रूप में की गई। पुलवा के लक्ष्मीबाई समाधि स्थल के सामने मैदान पर आयोजित इस। रैली में कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। लेकिन साथ ही यह भी नजर आया की कांग्रेस के नेताओं के निशाने पर केंद्र सरकार से ज्यादा ज्योतिरादित्य सिंधिया रहे। और शायद यही कारण रहा हो की संविधान बचाओ। रैली भोपाल की जगह ग्वालियर में आयोजित की गई हो। ताकि सिंधिया पर निशाना साधा जा सके सिंधिया को उनके ही गढ़ में कमजोर किया जा सके।

देश की अन्य स्थानों पर इस रैली का आयोजन करके कांग्रेस संविधान को कितना बचा पाई और? कांग्रेस खुद को कितना मजबूत कर? पाई और कांग्रेस आमजन के बीच में कितनी जगह बना? पाई यह तो वक्त बताएगा लेकिन यदि ग्वालियर में आयोजित रैली की बात करें। तो यहां पर रैली में ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया जो कांग्रेस को मजबूत करता दिखा हो। और मंच से दिग्विजय सिंह ने भी इस बात पर मुहर लगा दी जब वह यह कहते नजर आए मैं अब नीचे बैठूंगा क्योंकि सामने कुर्सियां खाली थीं और ज्यादातर नेता मंच पर जगह ढूंढने का प्रयास करते नजर आ रहे थे।
कांग्रेस के कई नेताओं ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपने भाषण के दौरान सिंधिया को टारगेट किया। पूरे भाषण में संविधान से ज्यादा भाजपा और सिंधिया का विरोध नजर आया मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने महल पर हमला बोलते हुए कहा कि रानी लक्ष्मीबाई के साथ धोखा हुआ लेकिन उन्होंने अंग्रेजों के साथ कोई सौदा नहीं किया। भाषण में उनकी इस बात से लगता है कि ग्वालियर का। रानी लक्ष्मीबाई समाधि के सामने का। मैदान शायद यही बात कहने के लिए चुना गया हो। कांग्रेस विधायक मरकाम तो सीधे सिंधिया पर हमला बोलते हुए नजर आए। उन्होंने कहा की कांग्रेस ने उन्हें ( सिंधिया को) क्या नहीं दिया, पिता को सम्मान दिया उन्हें मंत्री बनाया और उन्होंने पार्टी के साथ गद्दारी की।

जब ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके पिता कैलाश वासी। माधव राव सिंधिया कांग्रेस में थे। तो सिंधिया परिवार और दिग्विजय सिंह की अदावत। की चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में हमेशा होती थी। ऐसा लगता है के ग्वालियर की संविधान बचाओ यात्रा दिग्विजय सिंह की उस अदावत का हिस्सा मात्र बनकर रह गई। क्योंकि मंच पर जब दिग्विजय सिंह बैठे हुए थे तो उनकी तरफ देखते हुए ही विधायक मरकाम ने उनसे यह तक कह दिया कि आपने सिंधिया को मुख्यमंत्री नहीं बनाया अन्यथा पूरी सरकार ही भाजपा को सौंप देते। भाषण में इस तरह की बयानबाजी से साफ नजर आता है कि कांग्रेस ने संविधान बचाओ रैली की आड़ में सिंधिया को टारगेट करने के लिए ग्वालियर में इसका आयोजन किया था।