नई दिल्ली: डिजिटल पेमेंट वॉलेट के रूप में सबसे ज्यादा पॉपुलैरिटी पाने वाले पेटीएम एक बार फिर मुश्किल में फंसता नजर आ रहा है। पिछले कुछ समय से पेटीएम के साथ कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। अभी हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले कंपनी को 611 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस भेजा था और अब कोर्ट में इस नोटिस को भेजने की वजह भी बताई है। ईडी ने साफ कहा है कि कंपनी की ओर से विदेश में किए गए निवेश को लेकर सही जानकारी नहीं दी गई है और इसी वजह से उसे नोटिस जारी किया गया है। इस समय ईडी काफी सक्रिय नज़र आ रहा है और पेटीएम को दिए नोटिस के मामले में भी यदि आगे जांच होती है तो पेटीएम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

ईडी ने पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्यूनिकेशंस को भी विदेशी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के उल्लंघन के आरोप में 611 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया था. नोटिस में ईडी ने इन रुपयों के लेनदेन को लेकर सवाल उठाया था. 27 फरवरी को जारी इस नोटिस में साल 2015 से 2019 के बीच के वित्तीय लेनदेन को लेकर सवाल पूछा था. यह नोटिस पेटीएम की सहायक कंपनियों लिटिल इंटरनेट और नियरबाय इंडिया के अधिग्रहण से भी जुड़ा है।
यह 6110000000 का नोटिस ईडी के विशेष निदेशक द्वारा न्यायिक कार्यवाही शुरू किया गया है। पेटीएम की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार विजय शेखर शर्मा इसके अध्यक्ष प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। ईडी ने अपने एक बयान में यह खुलासा किया है कि पेटीएम की प्रमुख कंपनी 1। नाइनटी 7 कम्युनिकेशन लिमिटेड। इसके प्रबंध निदेशक और पेटीएम की अन्य सहायक कंपनियों जैसे लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा )के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
