ग्वालियर मध्य प्रदेश: ग्वालियर शहर में नगर सेठ के नाम से चर्चित गोयल परिवार द्वारा सागर ताल रोड पर पाम वर्ल्ड सिटी के नाम से आधुनिक सुविधायुक्त कालोनी बनाई जा रही है। पाम वर्ल्ड सिटी तरुण गोयल पुत्र श्री अशोक गोयल के द्वारा बनाई जा रही है। जहां यह कालोनी विकसित की जा रही है, वहां बीच में कई सरकारी सर्वे नंबर भी हैं। इन सर्वे नम्बर को भी इस कॉलोनी के निर्माण के लिए बाउंड्री कॉल करके कब्जे में ले लिया गया है। यहाँ सबसे बड़ी बात यह है कि प्रशासन के सभी विभागों ने इस कॉलोनी के निर्माण के लिए सभी तरह की अनुमतियां दे दी हैं। लेकिन जिम्मेदारों को यहां यह गड़बड़ दिखाई नहीं दी।
ग्राम जगनपुरा के सर्वे नम्बर 32, 117, 222, 223, 236, 333, 337, 412, 422 की शिकायत सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से की गयी थी।इस शिकायत पर लंबे समय से राजस्व अधिकारी कोई संज्ञान नहीं ले रहे थे, जब इन सर्वे नंबर की जांच के लिए तहसील दार सत्येंद्र तोमर के निर्देश पर हलके के पटवारी मुकेश सिंह सिकरवार द्वारा मौके पर जांच की गई। जांच के दौरान पटवारी ने पाया की सर्वे क्रमांक 286 एवं 333 पर तरुण गोयल पुत्र अशोक गोयल द्वारा अपनी भूमि में सम्मिलित कर बाउंड्रीवाल से घेर लिया है। कुछ अन्य सर्वे में भूमि किस के द्वारा घेर ली गई है कितनी भूमि किसकी सीमा में आती है। यह सीमांकन के बाद ही पता चलेगा।
आपको बता दें शहर के धनारडे व्यापारी द्वारा गोयल हाउसिंग के नाम से हाउसिंग प्रोजेक्ट का निर्माण कराया जाता है। इनकी यह ज़मीन काफी लंबे समय से सागर। ताल के पास जगनपुरा गाँव में है, पिछले कई सालों से इस जमीन पर खेती हो रही थी। और खेती के दौरान भी यह तमाम सर्वे नंबर जमीन इनकी बाउंड्री वॉल के अंदर ही थी। और इसके बाद जब इन्होंने इस जमीन पर कॉलोनी विकसित करने का निर्णय लिया, तो इन्होंने नगर निगम टाउन एंड कंट्री प्लैनिंग, राजस्व वर्तमान संबंधित विभागों से आवश्यक अनुमतियां ली। ऐसा बताया जा रहा है कि कुछ गड़बड़ी के चलते अभी इनके इस कॉलोनी की फाइल रेरा में लंबित है। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब बीच पे तमाम सरकारी सर्वे नंबर है तो उनको नजरअंदाज करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों ने तमाम अनुमति कैसे दे दी?
आपको बता दें कि पिछले काफी लंबे समय से यह कॉलोनी कॉलोनी विकसित हो रही हैं और यहां पर प्लॉट विक्रय भी शुरू हो चुका है। जिसके लिए। पाम वर्ल्ड सिटी के अंदर ही एक बुकिंग ऑफिस भी बना हुआ है। इस कालोनी में क्लब हाउस स्विमिंग पूल, टर्फ फुटबॉल ग्राउंड, किड्स प्ले ग्राउंड, एम फ़ी थिएटर जैसे ही तमाम आधुनिक सुविधाएं देने का दावा किया जा रहा है। लेकिन जिस तरह से अंदर कुछ सर्वे नंबर सरकारी हैं। उनको देखकर लगता है कि इन सुविधाओं में से कुछ कुछ सुविधाएं सरकारी जमीन पर भी विकसित की जाएंगी। और इन सुविधाओं का शौक़ वह रईस लोग उठाएंगे जो यहां महँगे दामों पर जमीन लेंगे। और बाद में जब सरकार को। इसे शासकीय अस्पताल स्कूल सामुदायिक भवन के लिए जमीन की आवश्यकता होगी। जिससे क्षेत्र के गरीबों को लाभ मिल सके तो ऐसी स्थिति में गरीब लोग इस जमीन का लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे।
मौके पर पहुंचकर तमाम सर्वे नंबर की जाँच करने के बाद पटवारी मुकेश सिंह सिकरवार का कहना है कि इसकी जांच रिपोर्ट तैयार कर जो भी अतिक्रमण किया जा रहा है उसे हटाया जाएगा। साथ ही पटवारी का यह भी कहना है इसमें आगे और भी कुछ जमीन में विवाद है उन सबकी भी जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत कर आगे कार्रवाई की जाएगी। और जिन सर्वे नंबर में दुविधा है वहां भी सीमांकन किया जाएगा। इस मामले में क्षेत्र के एस डी एम अतुल सिंह का कहना है, पूरे मामले की जांचकर सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा। किसी भी स्थिति में किसी भूमाफिया को सरकारी उम्मीद पर कब्जा नहीं करने दिया जाएगा। लेकिन सवाल यही खड़ा होता है कि ऐसा क्या दबाव या रसूख रहा होगा जिसके चलते खुलेआम सरकारी जमीन को घेर कर कब्जा कर लिया गया। और यदि यह दबाव आगे भी रहा तो क्या यह सरकारी जमीन वास्तव में मुक्त हो पाएगी?