साल 2024 अपने अन्तिम दिनों ने हैं और बिहार में बीपीएससी एग्जाम को लेकर जो कुछ हो हल्ला चल रहा है वह आप सब जानते ही हैं। साल का अंत एक इतने बड़े विवाद से हो रहा है। जिसका असर आने वाले साल में भी देखने को मिलेगा। इसके अलावा भी यदि हम दो हजार चौबीस के पिछले कुछ शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी घटनाओं की बात करें तो दिखाई देता है कि 2024 काफी उतार चढ़ाव वाला रहा है। इस वर्ष बहुत से राज्यों में पेपर लीक जैसी समस्याएं रहीं वहीं कई बार परीक्षाओं को रद्द करके दोबारा से आयोजित किया गया। यहां तक कि देश की मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट की परीक्षा में भारी विवाद देखने को मिला। इन सबके चलते इस वर्ष छात्रों ने बहुत से प्रदर्शन किये वहीं परीक्षा आयोजित करने वाले संगठनों/ आयोगों पर भी सवाल उठे।
देशभर में प्रवेश परीक्षाएं और साथ ही बहुत से भर्ती परीक्षाओं का आयोजित करने वाले आयोग नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर भी बहुत से सवाल उठे। जब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट) को आयोजित होने के ठीक एक दिन बाद रद्द कर दी गई थी। इसके अलावा भी एनटीए द्वारा आयोजित कई परीक्षाओं में गड़बड़ियों के सवाल उठाये गए। आपको बता दें कि दो हजार उन्नीस।में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की स्थापना इस उद्देश्य से की गई थी।कि तमाम भर्ती परीक्षाएं सुचारू रूप से कराई जा सकें।
उत्तर प्रदेश में, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा में लीक के बाद गहन जांच के घेरे में आ गया। पेपर लीक के चलते ही उत्तर प्रदेश में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया था। इस पेपर लीक की खबरों ने उत्तर प्रदेश सरकार की पूरे देश में बहुत किरकिरी की थी। यह घटना भी 2024 में शिक्षा के क्षेत्र में होने वाली एक बहुत बड़ी गड़बड़ के रूप में इतिहास में दर्ज हो गयी।
इन सबके अलावा तमिलनाडु और महाराष्ट्र को भी अपने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और पुलिस भर्ती परीक्षाओं में बड़ी खामियों का सामना करना पड़ा। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को भी मई 2023 में पेपर लीक का हवाला देते हुए अपनी राजस्व अधिकारी ग्रेड 2 और कार्यकारी अधिकारी कक्षा 4 परीक्षा रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब परीक्षा मार्च 2025 के लिए पुन: परीक्षा निर्धारित की गई है।
इस वर्ष की परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा। छात्र और टीचर्स दोनों ही इसे नुकसान के रूप में देख रहे हैं। इसी के चलते उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में छात्रों ने इसको लेकर बड़ा विरोध किया। इसके चलते आयोगों को परीक्षाओं एक दिन में संपन्न करवानी पड़ी।
साल 2024 का शिक्षा जगत का सबसे बड़ा गड़बड़झाला तब सामने आया जब डॉक्टर बनने के लिए आयोजित की जाने वाली नीट परीक्षा मैं एक साथ 67 लोगों को सात सौ बीस में से सात सौ बीस पूरे मार्क्स दे दिए गए। इस प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक और एग्जाम में बहुत से अनियमितता देखने को मिली। जिसके चलते इस परीक्षा को आयोजित करने वाले संस्थान पर भी उंगलियां उठीं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली को स्वीकार किया था। इस परीक्षा में गड़बड़ा को देखते हुए छात्र फिर से नीट परीक्षा कराने की मांग करते रहे लेकिन सरकार ने इस मांग को पूरी तरह दरकिनार कर दिया। और इस परीक्षा में हुई गड़बड़झाला का खामियाजा तमाम योग्य छात्रों को भुगतना पड़ा।
#BPSC परीक्षा को लेकर बिहार में विवाद गरमाया हुआ है। हालात यह हैं कि इस मुद्दे पर बिहार की राजनीति भी गर्म है। परीक्षा के नियमों को लेकर विद्यार्थी सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। विद्यार्थियों के साथ पुलिस बल का प्रयोग और लाठी चार्ज भी किया गया। 13 दिसंबर को 70वीं बीपीएससी परीक्षा प्रदेश के 925 सेंटर पर आयोजित की गई. इसके ठीक कुछ दिन पहले ही तमाम अभ्यर्थी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का विरोध करने लगे. इसको लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि अभ्यर्थी सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने लगे. इस दौरान पुलिस को लाठी चार्ज भी करनी पड़ी. बिहार लोक सेवा आयोग ने इस पूरे मामले में सफाई दी।
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