भोपाल मध्य प्रदेश: प्रदेश सरकार जनविश्वास कानून ला रही है। इसे विधेयक के रूप में मंगलवार को विधानसभा में पेश कर दिया है। इस विधेयक के जरिए उद्योग, श्रम, ऊर्जा, सहकारिता, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और नगरीय विकास एवं आवास विभाग समेत 6 विभागों के कानूनों की कई धाराओं में संशोधन किया गया है। मौजूदा समय में इन धाराओं के उल्लंघन पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। जुर्माना भी कोर्ट जाकर भरना पड़ता है। नए कानून में कई धाराओं में सजा का प्रावधान हटाया गया है। अब इन कानूनों का उल्लंघन करने पर संबंधित विभाग के कार्यपालन अधिकारी पेनल्टी लगाएंगे।
बिना अनुमति नगरीय क्षेत्र में भूस्वामी की अनुमति के बिना दीवार लेखन या पर्चा चस्पा किया तो अब पांच हजार रुपये अर्थदंड भी लगेगा। ऐसे मामले न्यायालय नहीं जाएंगे। अधिकारियों को अर्थदंड लगाने का अधिकार रहेगा। इसका प्रविधान सरकार ने जन विश्वास विधेयक में किया है, जिसे मंगलवार को विधानसभा में प्रस्तुत किया गया। भारत सरकार ने कामकाज में अनावश्यक लंबी प्रक्रिया को समाप्त करने के लिए वर्ष 2023 में जन विश्वास विधेयक प्रस्तुत किया था। इसी तरह प्रदेश सरकार ने भी विधेयक तैयार किया है। इसमें विभागों के विभिन्न अधिनियमों के उन प्रविधानों को शामिल किया है, जिनमें जुर्माने का प्रविधान था। इसके लिए संबंधित विभाग को प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करने होते थे, जबकि इनका निराकरण समझौते के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है।
इसी तरह नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने यह प्रविधान प्रस्तावित किया है कि पानी की नाली या सड़क को अपने उपयोग के लिए क्षतिग्रस्त किया या फिर निजी भूमि पर मार्ग के लिए चूने की लाइन डालकर प्लाटिंग की जाती है तो अर्थदंड पांच सौ के स्थान पर पांच हजार रुपये लगेगा। इसी तरह के प्रविधान सहकारिता, श्रम सहित अन्य विभागों के अधिनियम में संशोधन करके किए गए हैं। स्वयं के उपयोग के लिए कैप्टिव पावर प्लांट लगाने वाले व्यक्तियों को उत्पादन और खपत का लेखा-जोखा रखना होता है और इसका लेखा-जोखा प्रस्तुत नहीं करने पर पांच हजार रुपये तक जुर्माने का प्रविधान था। इसे अब पांच हजार रुपये अर्थदंड कर दिया है ताकि किसी को यह अवसर न रहे कि वे मर्जी से दो, तीन या फिर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगे सके।
पूरे विधेयक में जो प्रावधान जुर्माने के लिए किए गए हैं उनको बिंदुवार आप इस तरह समझ सकते हैं।
धारा 145: किराए पर दी गई प्रॉपर्टी के भाड़े में की गई बढ़ोत्तरी की जानकारी नहीं देने पर 200 रुपए की पेनल्टी।
धारा 165: टैक्स संबंधी जानकारी छिपाने पर 1 हजार रुपए की पेनल्टी।
धारा 166: गलत जानकारी देने पर भू-स्वामी पर 1 हजार रुपए की पेनल्टी को बढ़ाया जाएगा।
धारा 200: नगर निगम आयुक्त अथवा मुख्य कार्यपालन अधिकारी की अनुमति के बिना पानी की निकासी का रास्ता बदलने पर पेनल्टी 500 से बढ़ाकर 5000 रुपए।
धारा 236: मेन पाइप लाइन से अवैध नल कनेक्शन करने पर पेनल्टी 500 से बढ़ाकर 5000 रुपए।
धारा 302: अवैध तरीके से भवन निर्माण करने पर 5 हजार के जुर्माने को और बढ़ाया जाएगा।
धारा 332: बिना अनुमति पेड़ काटने पर जुर्माना 500 रुपए से बढ़ाकर 5 हजार प्रस्तावित।
जनविश्वास बिल का मुख्य उद्देश्य उद्योग और बिजनेस सिस्टम में सहजता लाना यानी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देना है। व्यापार के लिए कई विभागों से लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन की जरूरत पड़ती है। कानून के नियमों का पालन करना पड़ता है। इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने के साथ सजा का भी प्रावधान है। अब इसमें बदलाव होगा। उद्योग विभाग के अलावा श्रम, ऊर्जा, सहकारिता, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के कानूनी प्रावधान बदले गए हैं। इनमें जहां सजा और जुर्माने का प्रावधान है, उसे हटा दिया गया है। जुर्माने की जगह पेनल्टी का प्रावधान किया गया है।
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