छतरपुर मध्य प्रदेश: धर्म के वह ठेकेदार जो धार्मिक आयोजन के दौरान अश्लीलता और फूहड़ता पर भी खामोश रहते हैं। उनको शर्म के चुल्लू में डुबोने के लिए। यह हादसा पर्याप्त है कि जो काम धर्म की रक्षा के लिए करने में ऐसे धर्म? के ठेकेदार फेल हो गए हैं। वह इस लड़के ने करने का प्रयास किया हालांकि इसको धर्म रक्षा के विरोध में बहुत यातनाएं झेलनी पड़ी। छतरपुर से एक शर्मनाक वीडियो वायरल हो रहा है इसमें एक नाबालिग लड़के की कुछ युवक पिटाई करते दिख रहे हैं। यहां तक उसको जूता भी चटा रहे हैं यह पूरा मामला माता विसर्जन के समय निकल रही रैली। में फूहड़ अश्लील गानों को बजाने से संबंधित है।
वीडियो में साफतौर पर दिख रहा है कि आरोपी युवक एक नाबालिग लड़के को लात-घूसों से पीट रहे हैं. उसे जूता भी चटवाया जा रहा है. पीड़ित नाबालिग के मुताबिक, दुर्गा मूर्ति विसर्जन के बाद जब वह छत्रसाल नगर में अपने दोस्त के घर पर था, तभी कुछ लड़के आए और उसे और उसके दोस्त को मोहल्ले में ही दो भूत बंगला के पास ले गए। यहां उसे और उसके दोस्त दोनों के साथ मारपीट की। जहां एक आरोपी ने जूते चाटने पर मजबूर किया। नाबालिग ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के दौरान कुछ लड़के डीजे पर अश्लील गाने बजा रहे थे। मैंने और मेरे दोस्त ने रुकवाया तो वो नाराज हो गए और बहस करने लगे. उस समय तो मामला जैसे-तैसे खत्म हो गया, लेकिन विसर्जन के बाद दोस्त के घर आकर वो हमें ले गए और मारपीट की।
इस मामले में पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ 296, 115, 341, 354, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। तमाम जगह पर दबिश दी जा रही है। दो आरोपी पुलिस गिरफ्त में है और दो अन्य आरोपी अभी फरार चल रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह घटना रोकी जा सकती थी जी? हां इस घटना को और इस तरह की फूहड़ता और अश्लीलता जो धार्मिक आयोजनों के नाम पर चल रही है उसे रोका जा सकता है उसे रोकने की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा उन धर्म के ठेकेदारों की है जो वास्तव में धर्म की रक्षा करने के ऐसे मुद्दों पर कार्य करने की बजाय। फिजूल विरोध प्रदर्शन तक ही अपना धर्म कार्य सीमित रखते हैं। यदि ऐसे धर्म के ठेकेदार अपने संगठन के कुछ लोगों को सेवादार के रूप में ऐसे आयोजन में तैनात करें और ऐसे आयोजन में बज रहे फूहड़ अश्लील गानों को रुकवाएं, तो इस तरह के आयोजन आस्था के अनुरूप और इस तरह की घटनाओं से दूर रह सकते हैं।