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रतन टाटा से सीखें सफलता का मंत्र, ग्वालियर में उन्होंने जो बातें साझा की उन्हें पढ़ें और सीख लें

उद्योग जगत के महानायक रतन टाटा ने न सिर्फ टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि भारतीय उद्योग को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाई। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई ऐतिहासिक अधिग्रहण किए और समाज कल्याण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। रतन टाटा भारतीय समाज और उद्योग जगत। को जो कुछ दे गए हैं यदि हम उनकी उस प्रेरणा को सदैव जीवित रखें तो हम उनके जाने के बाद भी उन्हें उनके सिद्धांतों के आधार पर जीवित रख सकते हैं।  रतन टाटा की विरासत हमेशा प्रेरणादायक रहेगी, और उनका जाना देश को गहरे शोक में डाल गया है। वर्तमान में टाटा ग्रुप की कमान एन चंद्रशेखरन के हाथों में है। 

साल 1937 में जन्मे रतन टाटा का पालन-पोषण 1948 में उनके माता-पिता के अलग होने के बाद उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया था। रतन टाटा साल 1962 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से बी.आर्क की डिग्री प्राप्त की थी. 1962 के अंत में भारत लौटने से पहले उन्होंने लॉस एंजिल्स में जोन्स और इमन्स के साथ कुछ समय काम किया। 2008 में भारत सरकार ने उन्हें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण, प्रदान किया था. वह 28 दिसंबर 2012 को टाटा संस के चेयरमैन के रूप में रिटायर हुए थे।
रतन टाटा ने इक्कीस अक्टूबर 2016 को अपने ग्वालियर दौरे पर ऐसी कई बातें की थी जो आज भी मेरे स्मृति पटल पर सजीव हैं। मैं स्वयं को भाग्यशाली मानता हूं की भारत के एक ऐसे उद्योगपति के साथ मैंने आधा घंटा व्यतीत किया, जो एक सफल और इतने बड़े व्यक्तित्व होने के बावजूद सरल और सहज थे। सिंधिया स्कूल में एग्जिबिशन विजिट के दौरान वह जिस तरह से छात्रों से चर्चा कर रहे थे और उन्हें मोटिवेट कर रहे थे उनका वह हर शब्द एक सफलता का मंत्र था। मंच से भी आयोजित टॉक शो के दौरान जब छात्रों के प्रश्नों का जवाब वह दे रहे थे, तब उनके जवाब में स्पष्टता थी छात्रों के लिए एक सबक था। कुछ प्रश्नों के बाद वह और भी प्रश्नों का जवाब देना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने वहां मंच पर होस्ट से कहा था। लेकिन समय अभाव के चलते आयोजकों ने ही इस टॉक शो को रोक दिया था। रतन टाटा का वह स्पीच वह टॉक शो और टॉक्सों के दौरान रतन टाटा द्वारा दिए गए जवाब और उनके अनुभव सभी को सुनना चाहिए। उसमें वह सब कुछ था जो रतन टाटा ने अपने जीवन में अपनाया और जिसके आधार पर वह एक सफल और समाज हित में कार्य करने वाले उद्योगपति बने। 


टॉक शो के दौरान जब एक छात्र ने पूछा कि अभी आपने कहा हम कल कैसा भारत दिखना चाहते हैं तो इसे हम कैसे अचीव कर सकते हैं, इसके बारे में आपके क्या सुझाव हैं इस पर रतन टाटा बोले एक ऐसे भारत का निर्माण होना चाहिए जहां सभी समान हो, सहिष्णु देश होना चाहिए, किसी भी प्रकार की असहिष्णुता नहीं होनी चाहिए, हर नागरिक की पहचान उसकी मेरिट के आधार पर होना चाहिए न कि इस आधार पर कि वह किस बैकग्राउंड से आता है। एक छात्र ने रतन टाटा से पूछा कि एक नव आंत्रप्रनर क्या तीन सुझाव आप देंगे? इस पर रतन बोले कि यह बहुत मुश्किल सवाल है फिर भी मैं जवाब देने की कोशिश करता हूं। मैं मानता हूँ कि स्टार्टअप्स के क्षेत्र में मैंने बहुत देर से शुरुआत की। मेरे पास कई स्टार्टअप्स के प्रपोजल्स आए जो कुछ खास नहीं लगे लेकिन जब मैं उन फाउंडर से मिला तो उनका जोश जज्बा लगन बिजन को देखते हुए मैंने इन्वेस्टमेंट किया। और मैंने हमेशा कहा कि मैंने स्टार्टअप्स में नहीं फाउंडर्स और को फाउंडर में इनवेस्ट किया है। उन कंपनियों के सफल होने की उम्मीद मुझे ज्यादा है उन कंपनियों के फाउंडर्स।का जोश देखते हुए। एक छात्रा ने जब पूछा कि शिक्षक और पैरंट्स हमेशा हाई मार्क लाने पर जोर देते हैं इसे आप किस तरह देखते हैं तो रतन टाटा बोलें कुछ हद तक हाई मार्क्स आपको बाकी लोगों से अलग साबित करते हैं, यदि आप अच्छे संस्थान से हैं तो यह एक उपलब्धि है यदि हाई मार्स हैं तो यह एक उपलब्धि है लेकिन स्टीव जॉब्स और बिल गेट्स स्कूल कॉलेज से ड्रॉप आउट करके निकले थे, लेकिन अपने जीवन में सफल हुए, आपके मास कम हैं। इसका मतलब ये नहीं कि आप डंब हैं, हाई मार्क्स न होने के कारण आपको अपने करियर में कभी नकारा नहीं जाएगा।यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप क्या दे सकते हैं। एक छात्र ने रतन टाटा से बड़ा ही गंभीर प्रश्न पूछा कि भारत में करप्शन और रेड टेपिज़्म बहुत है, इनके बीच।एक ईमानदार उद्योगपति होना कितना कठिन है? टाटा ग्रुप ने हमेशा से करप्शन से दूर रहा है।मुझे व्यक्तिगत रूप से इसके लिए कभी संपर्क नहीं किया गया, लेकिन ऐसे कई उदाहरण हैं जब टाटा ग्रुप को ऐसा न करने पर नुकसान उठाना पड़ा है। मेरे कंपनी के कई लोग मेरे पास आते थे और कहते थे कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं, आप कंपनी के भविष्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेकिन मैं उनसे कहता था मैं हर। रात घर जाकर सोता हूं और यकीन से यह कहता हूं कि मैं आज हारा नहीं हूँ। टाटा ग्रुप की जो ग्रोथ और परफॉर्मेंस देखी है वह बताती है कि भारत के इस माहौल में भी सर्वाइव कर सकते हैं आगे बढ़ सकते हैं। आप क्या करना चाहते हैं?इस पर आपको दृढ़ होना चाहिए। ऐसा करने पर एक समय पर भ्रष्टाचार अप्रासंगिक हो जाएगा। आप में से हर व्यक्ति को अपने फैसले पर दृढ़ होना पड़ेगा और यह कोशिश करनी होगी।की रात को घर जाएं और कहें कि मै आज सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार के सामने परास्त नहीं हुआ। सिस्टम से करप्शन को हटाने के लिए संकल्प करें और इसे अपने डीएनए का हिस्सा बनाएं। एक छात्र के प्रश्न के जवाब में अपनी बचपन की वह यादें उन्होंने साझा जिन्होंने रतन टाटा के जीवन को प्रभावित किया। रतन टाटा ने बताया मेरा बचपन एक बड़े से घर में बीता और मेरा परिवार मुझे वह सब आराम दे सकता था लेकिन ईमानदारी से बताऊँ मुझे और मेरे भाई को बहुत ज्यादा वह सब कुछ नहीं मिला। इस मामले में मेरे परिवार ने हम। दोनों को थोड़ा भूखा रखा। बचपन से ही दो लोगों के जीवन ने मुझे बहुत प्रभावित किया, एक मेरी दादी जो बहुत ही अनुशासित महिला थी और हाईवैल्यू में विश्वास रखती थी और दूसरे जेआरडी टाटा ( रत टाटा के चाचा ) जिनके मार्गदर्शन में मैंने कंपनी में काम किया जो हर तरह से मेरे लिए मेरे पिता से भी बढ़कर थे। मेरी दादी ने मुझे सिखाया कि कैसी भी परिस्थितियां आ जाएं और उनसे किस तरीके से बाहर निकलना है। वह मेरे पूरे जीवन में मुझे मार्गदर्शित करता रहा। मेरी दादी ही हैं जिन्होने मेरे जीवन में सबसे ज्यादा सीख थी। ओ जी आई डी टाटा ने वह जीवन जिया जिसमें वह जो उपदेश देते थे वही करते थे। उनके कभी भी दो चेहरे या दो तरह की बातें नहीं देखी इसलिए यह दो लोग ऐसे हैं जिनको मैं अपने जीवन में सफलता के लिए सम्मान देता हूँ। जब रतन टाटा से पूछा गया क्या आप जो नए स्टार्टअप्स में इन्वेस्ट करते हैं तो उसमें जुड़ी हुई रिस्क को कैसे कैल्क्युलेट ते हैं, इस सवाल के जवाब में रतन टाटा बोले, यह कुछ इस तरह से है कि जब आप किसी लड़की के साथ प्यार में होते हैं तो आप उसके लुक्स को नहीं बल्कि चित्त जिस इमोशन के साथ वह आपके साथ जुड़ी है उसको ध्यान में रखते हैं। स्टार्टअप के साथ होना भी कुछ इसी तरह का है। आप जिस स्टार्टअप में इन्वेस्ट करते हैं जरुरी नहीं कि वह सफल होने वाला लेकिन वह समाज में परिवर्तन लाने वाला हो सकता है।लंबे समय पर कुछ बदलाव लाने वाला हो सकता है, यह एक तात्कालिक लाभ हो सकता है यह एक दीर्घकालिक सफल कंपनी का आधार हो सकता है, और आपने जो इन्वेस्ट किया उससे कई गुना आप प्राप्त कर सकते हैं, यह बताना बहुत कठिन है क्योंकि आपने जब इन्वेस्ट किया है तब आप सही हैं या नहीं इसके लिए आपको कल का इंतजार करना होता है। रतन टाटा से पूछा गया कि ऐसा क्या यूनिक है जो टाटा फैमिली को स्पेशल बनाता है, इस सवाल के जवाब में रतन टाटा बताते हैं 150 साल से टाटा ग्रुप भारत में काम कर रहा है। और टाटा ने अपनी एक फेयर प्ले की छवि बनाई है। कोई आपको जो वैल्यू देता है, उसे अदा करें, टाटा ने कभी भी किसी प्रोडक्ट को ओवर सेल नहीं किया। इसके कुछ अपवाद भी हैं, कुछ लोग यह आवाज़ भी उठा सकते है। आपके एयर कंडीशन फेल हुए, आपकी बनाई कारे खराब होती हैं, आपकी बनाई चाय स्वादिष्ट नहीं है, इन अपवादों के बाद भी मैं कहता हूँ कि टाटा ने ऐसे प्रोडक्ट बनाए हैं जो एक्सेप्टेबल हैं। जब हम भारत के बाहर जाते हैं तो यह रेपयूटेशन हमें शुरुआत से बनानी होती है। जब मैं कंपनी का मुखिया बना और एक कंपनी को एक्वायर किया तो सबसे पहले यह देखा कि उनकी वैल्यू भी हमारे जैसी है, उनके मैनेजमेंट की सोच हमसे मेल खाती है। करप्शन और एथिक्स पर उनके सिद्धांत वही हैं। एक बात मैं आपको बताना चाहता हूँ।क्या आप रेपुटेशन को खरीद नहीं सकते। किसी कंपनी को एक्वायर करके आप रेप्यूटेशन एक्वायर कर सकते। इसे आपके पास पहले से होने होता है।इससे आपको बच्चा कर रखना होता है। और आपको प्रयास करना होता है कि तात्कालिक छोटे लाभों के लिए यह आपसे दूर न चली जाए। ऐसा करके आप अपने कंपनी और ग्रुप की रेपुटेशन को बनाए रख सकते हैं।

रतन टाटा ने अपने जीवन व्यापार और देश के सिस्टम पर जो  कुछ अपना अनुभव साझा किया वह विचारणीय है। उन्होंने एक और वह मन्त्र दिए जिन्हें जीवन में अपनाकर आप सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं और साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जीवन में सफल होने के लिए हाई। मार्क्स और गलत रास्ता अपनाने की ज़रूरत नहीं है उद्योग जगत। में भी सफलता हासिल करने के लिए सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार क्या आगे झुकने की जरूरत नहीं है। यक़ीन मानिए उनका एक एक शब्द एक एक पुस्तक के बराबर ज्ञान समाहित किए हुए है। उनके जीवन के आदर्श हमेशा से हमारे लिए प्रेरणा स्रोत रहेंगे। और वह अपने जीवन मूल्यों और सिद्धांतों के आधार पर अपने इन। विचारों के साथ सदैव भारत के युवाओं के बीच सजीव रहेंगे। 

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