ग्वालियर मध्य प्रदेश: आज 6 अक्टूबर, 2024 ग्वालियर इतिहास रचने जा रहा है और ग्वालियर में एक बार फिर एक अंतरराष्ट्रीय मैच होने जा रहा है। हालांकि टी20 की यदि हम बात करें तो यह ग्वालियर में होने वाला पहला अंतर्राष्ट्रीय टी20 मैच है जो आज शाम 7 बजे ग्वालियर के शंकरपुर क्रिकेट स्टेडियम में भारत और बांग्लादेश के बीच खेला जाएगा भारत और बांग्लादेश दोनों ही टीमें अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। लेकिन यह शंकर को क्रिकेट स्टेडियम में खेले जाने वाला पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच है यहां पिच का क्या मूड़ है मैदान का क्या स्वभाव है इससे दोनों ही खिलाड़ी अनभिज्ञ हैं क्योंकि यह इस ग्राउंड का पहला अंतरराष्ट्रीय मैच है।
14 साल बाद यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच ग्वालियर में हो रहा है। अब लोगों के मन में यह जिज्ञासा है कि यह मैच कौन जीतने वाला है और साथ ही लोगों के मन? में यह भी प्रश्न उठ रहा है कि अभी तक ग्वालियर में कितने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच हो चुके हैं और इनमें से भारत कितने मैचों में खेला है? भारत ने जो मैच खेले हैं उसमें से कितनों में भारत को जीत मिली है और कितनों में भारत?की हार हुई है। ग्वालियर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच की बात करें 2010। में साउथ अफ्रीका के विरोध में खेले गए मैच को शायद आज तक लोग नहीं भुला सके। हैं जिसमें सचिन तेंदुलकर ने दोहरा शतक लगाकर इतिहास रच। दिया था क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय वनडे में उस समय तक का पहला दोहरा शतक था। और यह मैच भारत भारत एक सौ।तिरेपन रन से जीत गया था। चलिए हम आपको बताते हैं कि इसके अलावा ग्वालियर में अभी तक कितने मैच हुए हैं और उनके क्या परिणाम रहे हैं
22 जनवरी, 1988 को ग्वालियर में पहला अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट मैच खेला गया था। यह क्रिकेट मैच वेस्टइंडीज के विरुद्ध खेला गया जिसमें भारत को 73 रन से करारी शिकस्त। मिली थी और ग्वालियर में हुए इस पहले ही मैच ने ग्वालियर के क्रिकेट प्रेमियों को निराश किया था। वेस्टइंडीज से मिली इस हार के बाद 27 जनवरी 19। सौ नवासी को एक और मैच ग्वालियर में हुआ जो इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था, इस मैच में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को छब्बीस रन से हरा दिया था। हालांकि इस मैच में भारत नहीं था फिर भी ग्वालियर के क्रिकेट प्रेमियों ने इस मैच को लेकर खासा उत्साह दिखाया था। बारह नवंबर उन्नीस सौ इक्यानबे को ग्वालियर के रूप सिंह क्रिकेट स्टेडियम में एक बार फिर एक अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया और यह मैच भारत और साउथ अफ्रीका के बीच था। और इस मैच में ग्वालियर की धरती पर भारत ने अपनी जीत के सूखे को खत्म करते हुए जीत दर्ज की और साउथ अफ्रीका को 38 रन से हरा। दिया था। इसके बाद साल उन्नीस सौ तिरानबे ग्वालियर की धरती के लिए और कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम के लिए यादगार बन गया क्योंकि ऐसा कभी कभी ही होता है जब किसी एक ही स्टेडियम को लगातार दो अंतरराष्ट्रीय मैच मिल जाएँ। यहां पर ग्वालियर को मौका मिला। भारत इंग्लैंड सीरीज के दो मैचों का गवाह बनने का। इसमें पहला मैच चार मार्च उन्नीस सौ तिरानवे को खेला गया जिसमें भारत ने इंग्लैंड को तीन विकेट से हरा दिया और इसके बाद अगले ही दिन चार मार्च को भारत और इंग्लैंड दोनों की टीम फिर से मैदान में उतरीं और यह मैच भारत फिर से चार विकेट से जीत गया। इसके बाद 21 फरवरी, 1996 को एक बार फिर मौका था जब ग्वालियर में एक अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच खेला गया लेकिन इस मैच में भारत के सामने थी वेस्टइंडीज वहीं वेस्टइंडीज जो ग्वालियर में अभी तक कोई मैच नहीं हारी थी। इनका पहला मैच भारत के विरोध और दूसरा मैच इंग्लैंड के विरोध वेस्टइंडीज ने ग्वालियर में जीता था। लेकिन इस मैच ने इतिहास बदल दिया और ग्वालियर के स्टेडियम में लगातार जीतने वाली वेस्टइंडीज। को भारत के सामने पांच विकेट से मैच हारना पड़ा। इस समय तक लगातार मिल रही जीतों के चलते भारतीय क्रिकेट टीम के लिए ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह क्रिकट स्टेडियम को लक्की कहा जाने लगा। 12 मई, 1997 को ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड कप। का मैच खेला गया जिसमें पाकिस्तान ने श्रीलंका को तीस रन से हराया था। इसके बाद 28 मई, 1998 को ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम को एक और अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैच मिला जो। कीनिया जैसी कमजोर टीम के विरुद्ध था और ग्वालियर के क्रिकेट प्रेमी इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि भारत की एक तरफा जीत होगी। लेकिन ग्वालियर में खेले गए इस मैच के परिणाम ने पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया और कीनिया की टीम ने पहली बार भारत को एक अंतरराष्ट्रीय मैच हरा दिया। इस मैच में कीनिया ने 69 रन से जीत दर्ज की। निया के विरुद्ध खेले गए इस मैच के परिणाम ने ग्वालियर के क्रिकेट प्रेमियों को बहुत निराश किया और इस मैच के बाद कई दिनों तक भारत के हारो। कीनिया की जीत की चर्चा ग्वालियर के क्रिकेट प्रेमियों के बीच चलती रही। इसके बाद ग्यारह नवंबर 1999 को एक और अंतर्राष्ट्रीय वनडे क्रिकेट मैच न्यूजीलैंड विरुद्ध ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में खेला गया। निया के विरुद्ध मिली हार से निराश ग्वालियर के क्रिकेट प्रेमियों को इस मैच के सुखद परिणाम देखने को मिले। भारत ने यह मैच न्यूजीलैंड को चौदह रन से हरा दिया।
26 अक्टूबर, 2003 को एक और अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैच ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम को मिला और यह मैच उस समय की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सबसे मजबूत टीम ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध था। एक तरफ आस्ट्रेलिया की मजबूत 3 तेज से हराना मुश्किल था। तो दूसरी ओर था ग्वालियर का कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम जो ज्यादातर मैचों में भारत की जीत का।साक्षी रहा। इस मैच को लेकर अधिकांश प्रयास यहीं लगाए गए थे कि भारतीय मैच हार जाएगा और दूसरी रीडिंग के शुरुआती ओवर तक स्थिति भी यही लग रही थी। लेकिन कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम की पिच। ने इस डेनाइट मैच में रात के समय कमाल दिखाया और नमी के चलते एकदम। से मैच बदल गया और भारत ने ऑस्ट्रेलिया की टीम को ऑलआउट करके सैंतीस रन से यह मैच जीत लिया। इसके बाद पन्द्रह नवंबर दो हजार सात को जो अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच ग्वालियर में खेला गया वह अब तक का सबसे रोमांचक मैच था क्योंकि यह मैच था भारत की चिर प्रतिद्वंद्व पाकिस्तान की टीम के विरुद्ध। वहीं पाकिस्तान जिसके विरुद्ध भारत के मैच का क्रेज। किसी वर्ल्ड कप फाइनल से कम नहीं होता इसलिए 15 नवंबर, 2007 का वह यादगार दिन जिस। दिन पूरे क्रिकेट प्रेमी यह प्रार्थना कर रहे थे के ग्वालियर में आई पाकिस्तान। की टीम को घुटना टेकना पड़े और उन्हें हार का स्वाद चखाकर वापस भेजा जाए। भारत के क्रिकेट खिलाड़ियों ने ग्वालियर की धरती को निराश नहीं किया और पाकिस्तान को छह विकेट से करारी शिकस्त दी। इसके बाद ग्वालियर वह आखिरी क्रिकेट मैच जो कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में खेला गया उसकी। तारीख़ थी 24 फरवरी, 2010। यह मैच साउथ अफ्रीका के विरुद्ध में खेला गया और इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने ताबड़तोड़ बैटिंग। की सचिन ने दोहरा शतक बनाया।तमाम रिकॉर्ड बने और भारत ने अफ्रीका के ऊपर 153 रन की रिकॉर्ड जीत दर्ज की।
यह सभी मैच ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में खेले गए थे। जो उस समय मध्यप्रदेश का एकमात्र क्रिकेट स्टेडियम था जिसमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले जाते थे। इसके बाद जब इंदौर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बन गया तो ग्वालियर में एक तरह से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अकाल काल शुरू हो गया और ग्वालियर को मैच मिलना बंद हो गए। ग्वालियर का कैप्टन रूप सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम अब तक 12 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच का गवाह बन चुका है। इनमें से दस मैच में भारत मैं किसी न किसी देश के विरुद्ध क्रिकेट खेला है। जबकि दो मैच अन्य टीमों के बीच हुए हैं। ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में भारत द्वारा खेले गए दस मैचों में से आठ मैचों में भारत ने जीत दर्ज की है। इस तरह ग्वालियर एक ऐसा स्थान है जहां पर भारत की जीत का प्रतिशत बहुत अच्छा है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा की ग्वालियर में नवनिर्मित शंकरपुर क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे भारत। बांग्लादेश टी ट्वेंटी क्रिकेट मैच का परिणाम क्या आता है। क्या यह स्टेडियम ग्वालियर के गौरवशाली क्रिकेट इतिहास को आगे बढ़ा पाता है? क्या भारत की जीत का प्रतिशत इस मैच के बाद बढ़ेगा या कम होगा? अभी तक ग्वालियर में जो मैच हुए वे सभी पचास ओवर के वनडे मैच रहे और कैप्टन रूप सिंह क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए। भारत बांग्लादेश टी20 सीरीज का पहला मैच ग्वालियर का पहला टी20। मैच है और शंकरपुर क्रिकेट स्टेडियम का पहला अंतरराष्ट्रीय मैच है। जो आज छह अक्टूबर शाम सात बजे शुरू होगा और संभवतः दस या ग्यारह बजे तक इसके परिणाम आपके सामने आ जाएंगे
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