साइंस कॉलेज की बेशकीमती जमीन पर अवैध निर्माण, पूर्व सीएम शिवराज सिंह इसी जगह उपसंचालक कार्यालय का भूमिपूजन
ग्वालियर मध्य प्रदेश: शहर के बीच स्थित शासकीय श्रीमंत माधव सिंधिया आदर्श विज्ञान महाविद्यालय जिसे सामान्य रूप से साइंस कॉलेज कहते हैं।इस कॉलेज की बेश कीमती जमीन हमेशा भू माफियाओं की नजर में रहती है। और यहां कुछ ना कुछ अतिक्रमण होता रहता है। लेकिन अभी हाल ही में जो अतिक्रमण हुआ है वह काफी चौंकाने वाला है क्योंकि जिस जगह पर अवैध निर्माण कार्य चल रहा है वह ठीक संभागायुक्त। कार्यालय के सामने है और खुलेआम हो रहे इस अवैध निर्माण को रोकने के लिए कॉलेज प्रबंधन द्वारा तमाम पत्र जिला प्रशासन और नगर निगम को लिखने के बाद भी इस अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले में चौंकाने वाला सच तो यह है कि जिस जगह पर यह अवैध निर्माण हो रहा है वह कोई और नहीं बल्कि नगर निगम ही करा रहा है। यहां पर नगर निगम बिना साइंस कॉलेज की अनुमति के संजीवनी क्लीनिक।का निर्माण कर रहा है।
साइंस कॉलेज प्रिंसिपल वीपीएस जादौन का कहना है की काफी समय से साइंस कॉलेज परिसर में पीछे की ओर एक अवैध निर्माण चल रहा है और जब वहां निर्माण करने वालों से कुछ पूछा जाता है। तो वह कोई भी जवाब नहीं देते हैं इस मामले में साइंस। कॉलेज प्रबंधन ने संबंधित थाना को लिखित शिकायत दी। लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कोई कार्रवाई नहीं की इस। मामले में कॉलेज प्रिंसिपल स्वयं जाकर ग्वालियर कलेक्टर निगम आयुक्त को भी पत्र के माध्यम से इस अवैध निर्माण से अवगत करा चुके हैं। इसके बावजूद जिला प्रशासन और नगर निगम कुंभकर्णीय नींद में सोया हुआ है। और अवैध निर्माण लगातार जारी है और अब तो यहां पर आरसीसी का पूरा ढांचा बनकर।तैयार हो गया है। अभी तक इस बात का भी संशय है कि यह अवैध निर्माण कोई निजी भू।माफिया करा रहा है या कोई सरकारी संस्था क्योंकि इस तरह की बात भी निकलकर आई है कि यह निर्माण नगर निगम की निगरानी में ही हो रहा है। नगर निगम यह निर्माण तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा को ताक पर रखकर कर रहा है।
इस मामले में सबसे बड़ा चौंकाने वाला तथ्य यह है कि जिस जमीन पर यह अवैध निर्माण हो रहा है वह साइंस कॉलेज की भूमि तो है ही लेकिन साथ में पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसी भूमि पर अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग के कार्यालय के निर्माण के लिए। भूमि पूजन किया था। मतलब यह निर्माण चाहे निजी भू माफिया कर रहा हो यह सरकारी संस्था लेकिन यह निर्माण एक तरह से पूर्व मुख्यमंत्री के भूमि पूजन और उनकी घोषणा को सीधे तौर पर एक चुनौती है। यहां नगर निगम और जिला प्रशासन भी पूर्व मुख्यमंत्री की उस घोषणा को ठेंगा। दिखा रहा है क्योंकि लगभग एक महीने तो कॉलेज प्रबंधन को शिकायत किए हुए भी होने जा रहा है लेकिन अभी तक इस अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।