बीते दो-तीन दिन से प्रदेश में हो रही भारी वर्षा की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार सुबह सीएम आवास कार्यालय में आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश भर में बाढ़ जैसी समस्या से निपटने के लिये संचालित रेस्क्यू सहित राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तृत समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्थिति सामान्य होने तक अधिकारियों-कर्मचारियों को छुट्टी पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि जहां पर भी बाढ़ के पानी में लोग फंसे हैं, उन्हें हेलिकॉप्टर की सहायता से एयरलिफ्ट करने की तत्काल व्यवस्था की जाए।
अलर्ट वाले क्षेत्रों में तत्पर काम करें प्रशासन-
बैठक में उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभाग शीर्ष प्राथमिकता और पूर्ण संवेदनशीलता के साथ राहत व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने में जुटे रहें। जिन जिलों के लिए अलर्ट जारी किए गये हैं, वहां जिला प्रशासन तत्परता से काम करे, कोई जनहानि न हो, यह सुनिश्चित करें।
निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों को समय रहते अलर्ट और दूसरी जगह शिफ्ट करें-
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा का चक्र बदलने के कारण सितंबर माह में जितनी वर्ष होनी चाहिए उससे अधिक हो रही है। अति वर्षा के बावजूद भी जनजीवन सामान्य रहे, अतः समय रहते आवश्यक सावधानियां बरतते हुए बचाव के कार्य किए जाएं। निचली बस्तियों में रहने वालों को समय रहते सतर्क किया जाए और आवश्यकता अनुसार उन्हें राहत कैंपों में शिफ्ट किया जाए। जिन रपटों और पुलों पर पानी है वहां तत्काल आवश्यक सावधानी व सतर्कता बढ़ाई जाए।
तुरंत करें सहायता-
उन्होंने यह भी कहा कि अति वर्षा के प्रभाव से हुई जनहानि और पशु हानि की स्थिति में राहत उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों को जनहानि की स्थिति में चार-चार लाख रुपए की सहायता राशि तत्काल राशि परिजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पुराने जीर्ण-क्षीर्ण भवनों को चिन्हित कर सुरक्षात्मक व्यवस्था की जाए और आवश्यकता होने पर निवासियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए।
बैठक में ये रहे मौजूद-
समत्व भवन में हुई इस बैठक में सीएस वीरा राणा, एसीएस डॉ राजेश राजौरा, डीजीपी, डीजी होमगार्ड, अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव जल संसाधन, गृह विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, राजस्व विभाग, लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जनसंपर्क विभाग आदि मौजूद रहे। इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी संभागीय आयुक्त, आईजी, पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी बैठक से जुड़े।