ग्वालियर मध्य प्रदेश: विघ्नहर्ता पार्वती नंदन गणपति बप्पा क्षमा करें कि आज उनके संबंध में यह खबर लिखनी पड़ रही है। लेकिन शायद यह खबर आप और हम जैसे लोग नहीं शायद विघ्नहर्ता ने स्वयं लिखी है और शायद उनका यह उद्देश्य हो कि शायद उनके द्वारा रचित इस घटना पर शासन प्रशासन जाग। जाए और ग्वालियर शहर की जर्जर सड़कों की हालत में सुधार हो। पहले आप समझ लीजिए कि गणपति बप्पा के साथ हुआ क्या गणपति बप्पा की विशालकाय मूर्ति स्थापना से पहले ही धराशाई हो गई क्योंकि वह स्थापना स्थल तक पहुंच ही नहीं पाई। सड़क पर इतनी बाधाएं और तमाम असुविधाओं के चलते कल। से विराजमान होने के लिए निकली गणपति की मूर्ति आज शाम स्थापना स्थल पर पहुंचने से पहले ही सड़क पर गड्ढों के कारण अनियंत्रित होकर गिर गई।
मामला ग्वालियर के शिंदे की छावनी क्षेत्र के खल्लासी पुरा। का है जहां इस क्षेत्र में खल्लासी पुरा के राजा के नाम से गणपति की स्थापना की जाती है। इस वर्ष यहां के आयोजकों ने 22 ft ऊंची प्रतिमा। की स्थापना का संकल्प किया था। यह मूर्ति जीवाजीगंज मैं निर्मित की गई थी और कल स्थापना के दिन वहां से इसे स्थापना स्थल लाया जा रहा था। आप यकीन करेंगे ये 4 km थी। यह दूरी तय करते करते कल। से चौबीस घंटे होने के बावजूद भी आज तक यह प्रतिमा स्थापना स्थल तक नहीं पहुंच पाई थी। कारण है सक्रिय सडकें और बेतरतीबी से लगाए गए बिजली के तार। जिनसे बचते बचाते बहुत धीमी गति से रुक रुककर इस प्रतिमा को स्थापना स्थल तक ले।जाने का प्रयास किया जा रहा था। लेकिन शिंदे की छाओ नहीं नवाब साहब का कुआं पर पहुंचते ही गड्ढे में अनियंत्रित होने के कारण गणपति बप्पा कि यह मूर्ति सीधे जमीन पर आ गिरी और चकनाचूर हो गई।
इस मामले में आयोजकों का कहना है कल से इस मूर्ति। को स्थापना स्थल पर लाने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें प्रशासन ने कोई भी सहयोग नहीं किया और सड़क पर इतने गड्ढे हैं। इसके चलते यह मूर्ति गिरकर खंडित हो गई। कांग्रेस नेता सुनील शर्मा ने इस मामले में दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह मामला धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाला है। सड़कों के गड्ढे इतने दुखदाई हो गए हैं। यह आप समझ सकते हैं और अब गणपति जी की मूर्ति अभी इन सड़क के गड्ढों के चलते ही धराशाई होकर खंडित हुई है। निस्संदेह घटना तो दुखद है। अब घटना के बाद आरोप प्रत्यारोप। का दौर चलेगा। अब यदि प्रशासन ने इतनी बड़ी मूर्ति की स्थापना की अनुमति दी थी तो उसके पहुंचने के लिए समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की। और यदि प्रशासन ने मूर्तियों के आकार को लेकर कोई नियम तय किए हैं तो फिर उस नियम के विरुद्ध यह मूर्ति कैसे बनाई गई और कैसे इसे सड़क से लाने का प्रयास किया गया? दोष आयोजकों का है या व्यवस्था का है अब इस पर एक जांच उठा।दी जाएगी जिसकी रिपोर्ट आपको कुछ दिनों में देखने को मिलेगी। लेकिन लेकिन विघ्नहर्ता गणपति बप्पा तो अपनी जांच और अपना संदेश शायद इस घटना से दे ही चुके हैं। शायद यह घटना बप्पा की तरफ से एक संकेत है कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था जर्जर सड़कें इस हालात में पहुंच चुकी हैं के आने वाले समय में शायद कोई भी बड़ी घटनाएं रोज देखने को मिल सकती हैं, और उन घटनाओं कष्ट विघ्नहर्ता ने हर कर अपने स्वयं के ऊपर ले लिया ताकि शहर की जनता और प्रशासन जागरूक होकर आने वाले समय में इस व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर सके।
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