भिंड मध्य प्रदेश: यदि आप फिल्मों और टीवी पर मुंबई में बने मुम्बई वर्ली सी लिंक ब्रिज को देखकर यह ख्वाब देखते हैं कि आप भी कभी मुंबई जाकर वह ब्रिज देखेंगे और यह सपना अभी तक पूरा नहीं हुआ है। तो ग्वालियर चंबल के लोगों को अब ऐसा ब्रिज देखने के लिए मुंबई जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि जल्द ही आपके क्षेत्र में भी ऐसा ही एक ब्रिज बनने जा रहा है और मुंबई वर्ली सी लिंक की तर्ज पर यह ब्रिज चम्बल नदी पर बनाने का प्रस्ताव है। भिंड इटावा मार्ग पर चम्बल नदी पर बना पुल काफी पुराना है और क्षतिग्रस्त है। उसके विकल्प के रूप में एक नया फ्रिज प्रस्तावित है और इस नए ब्रिज का स्वरूप मुंबई वर्ली सी लिंक ब्रिज की तरह ही होगा।
मध्य प्रदेश के भिंड को उत्तर प्रदेश के इटावा को जोड़ने वाले मार्ग पर चंबल नदी पर मुंबई के बांद्रा-वर्ली समुद्र सेतु की तर्ज पर पुल बनाने की अनुमति वनविभाग और चंबल सेंक्चुरी से मिल गई है। घड़ियाल सेंचुरी होने के कारण इन अनुमतियों में थोड़ा विलंब हुआ है। लेकिन सभी अनुमतियां मिलने के बाद अब पुल बनाने का काम अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में शुरू हो जाएगा। बरही-उदी के बीच चंबल नदी पर बना पुल 1975 में बना था। 49 साल पुराना पुल होने के कारण पिछले पांच से पुल कई बार क्षतिग्रस्त हो चुका है। दो साल पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यमुना नदी पुल से चंबल नदी तक फोरलेन सड़क और चंबल नदी पर नया पुल बनाने के लिए 296 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे।
राष्ट्रीय मार्ग से मिली जानकारी के मुताबिक चंबल नदी पर वायर सपोर्ट पुल मुंबई के बांद्रा-वर्ली सीलिंग की तर्ज पर बनाया जाना है। पुल में आने-जाने के लिए चार लाइन होगी। इसकी चौड़ाई करीब 14 मीटर होगी, जबकि लंबाई 594 मीटर अधिक होगी। पुल की ऊंचाई 130 मीटर है। चंबल पर रोशनी की व्यवस्था होगी। इस पुल का मुख्य स्पेन केबल से बनाया जाएगा। जिसमें कंक्रीट, स्टील, प्रीकास्ट सेगमेंट का इस्तेमाल होता है। तारों पर लटके इस पुल को बनाने में उसी तकनीक का प्रयोग किया जाएगा जिससे मुंबई वर्ली के बीच सी लिंक ब्रिज बनाया गया है। यह ब्रिज अस्तित्व में आने के बाद उत्तरी मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल के लोगों को इटावा कानपुर जाने का मार्ग तो सुगम होगा ही, साथ ही एक खूबसूरत तारों पे लटका ब्रिज देखने का मौका भी मिलेगा।