ग्वालियर मध्य प्रदेश: हर साल डेंगू प्रकोप की तरह आता है और स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की पोल खुल जाता है और इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग कोई सबक नहीं लेता। जब स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों से डेंगू की बात करो। तो वह मलेरिया को कंट्रोल करने के आंकडे दिखाकर अपनी पीठ थपथपाने लगते हैं। ऐसा ही हुआ था दो माह पहले जब तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ॰ आर॰ के राजोरिया ने डेंगू के लिए किए प्रश्न में मलेरिया के आंकड़े गिनाए थे। हालांकि उस समय डेंगू के मरीज नहीं थे। लेकिन यह पूरी संभावना थी कि बारिश के रुकते ही जगह जगह गड्ढों में भरा पानी डेंगुओं के लिए अनुकूल साबित होगा। और डेंगू के लार्वा लगातार बढ़ेंगे और डेंगू हर। साल की तरह अपना विकराल रूप ले लेगा।
यदि 2024 के कुल आंकड़ों की बात करें तो जनवरी से जून तक तो संख्या न के बराबर थी और जनवरी से जुलाई तक की बात करें, तो डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या दो।सौ के पार पहुंची थी। लेकिन सितंबर माह के पहले सप्ताह में ही डेंगू बुलेट पर सवार होकर। तेज गति से बढ रहा है। सितंबर के पहले सप्ताह में ही डेंगू के छियासी मरीज मिल चुके हैं। मतलब साफ है कि सितंबर में डेंगू ने रफ्तार पकड़ ली है और डेंगू की रफ्तार के सामने स्वास्थ्य अमले द्वारा लार्वा की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे सभी प्रयास बौने साबित हो रहे हैं। यहाँ आंकड़े बता रहे हैं कि इतिहास से स्वास्थ्य विभाग ने कुछ नहीं सीखा पिछले साल सितंबर माह में डेंगू के दो। सौ तीस मरीज मिले थे जिनमें एक बच्ची की मौत भी हो गई थी। इस साल जिस तरह से पहले सप्ताह में ही डेंगू के 86 मरीज मिल चुके हैं उससे लग रहा है कि डेंगू के यह आंकड़े पिछले साल का। रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं और इसका एकमात्र कारण स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ही है जिन्होंने पिछले साल के आंकड़ों से सबक न लेते हुए इस साल डेंगू को रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए।
नवागत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सचिन श्रीवास्तव को कुर्सी पर बैठते ही डेंगू बढते प्रकोप को रोकने की बड़ी चुनौती है। उनकी यह जिम्मेदारी अब और इसलिए भी बढ़ जाती है कि उनसे पूर्व में कुर्सी पर बैठे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डेंगू की रोकथाम के लिए कुछ ज्यादा प्रबंध करके नहीं गए। एक बड़ी समस्या कर्मचारियों की कमी की भी है क्योंकि छासठ वार्ड और ग्रामीण क्षेत्र मिलाकर 28 लाख की जनसंख्या के ऊपर चौबीस स्वास्थ्य कर्मियों की टीम है। इस के अलावा भोपाल से विशेष आदेश पर 18 युवाओं कि टेम्परेरी भर्ती भी कुछ माह के लिए की गई जिन्हें मात्र साढ़े सात हजार रुपए दिए जाते हैं। मतलब डेंगू जैसे घातक बीमारी को रोकने के लिए मानव संसाधन की कमी है। जबकि होना यह चाहिए के डेंगू के निपटारे के लिए योग्य और शिक्षित कर्मचारियों की एक टीम होनी चाहिए। लेकिन यह भी एक हकीकत है कि स्वास्थ्य अमला। कितने भी प्रयास कर ले वह हर गली हर मोहल्ले हर घर तक पहुंचकर डेंगू लार्वा की जांच नहीं कर सकता। और जब एक जागरूक शिक्षित डॉ जो गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में पदस्थ हैं उनके घर पर ही डेंगू का लार्वा। मिल जाए तो आप समझ सकते हैं कि कहीं ना कहीं जनता के बीच में भी डेंगू के बचाव को लेकर जागरूकता नहीं है।
डेंगू से बचाव का रास्ता बिल्कुल आसान है और वह है मच्छरों का खात्मा यदि मच्छर नहीं होंगे तो डेंगू नहीं होगा। हमें स्वास्थ्य विभाग के भरोसे बैठने की बजाय हमें स्वयं भी डेंगू की रोकथाम के लिए समुचित कदम उठाने चाहिए। डेंगू को रोकने के लिए सबसे बड़ा हथियार जन जागरूकता ही है। यदि आप स्वयं जागरूक होकर अपने आस-पास कहीं पर भी मच्छर को न पनपने दें अपने घर में भी मच्छरों को न घुसने दें और कहीं मच्छर है भी तो उनका तुरंत निस्तारण करें, तो आप डेंगू से बच सकते हैं। आपके कूलर बंद होंगे। उनके अंदर पानी भरा होगा और उस। रुके हुए पानी में डेंगू के लार्वा आपको तैरते हुए दिख रहे होंगे फिर भी आप उसे नहीं बदल रहे हैं। तो यहाँ आप डेंगू के फैलने में सहायक हो रहे हैं। यदि आपकी छत पर कहीं भी छोटे बर्तन दिए कटोरे। टायर किसी भी चीज में पानी भरा हुआ है तो आप देखें उसमें आपको लारवा तैरते हुए दिखेंगे। इस तरह का पानी जमा न होने दें। आपके आस-पास भी कहीं पानी भरा हुआ है। तो आप उस जलभराव को भी खत्म करने का प्रयास करें। और यदि संभव हो तो जल भराव। या रुके हुए पानी के ऊपर मिट्टी का तेल की मात्रा डाल दें। मिट्टी के तेल की परत होने से अंदर पानी में डेंगू के लार्वा नहीं पनप पाएंगे। यदि घर में मच्छर दिखाई दें तो मच्छर की। रोकथाम के लिए जो भी एंटी। मॉस्कीटो कॉइल या अन्य साधन हो। उनका प्रयोग करके अपने घर और दफ्तर को पूरी तरह से मच्छर से मुक्त रखें। इसके बाद भी यदि आपको कहीं किसी भी वार्ड में क्षेत्र में आपके गली मोहल्ले में मच्छर पनपते दिखाई दे रहे हैं तो आप नगर निगम के हेल्पलाइन नंबर 7974195434 पर सूचना दे कर फॉगिंग के लिए नगर निगम की टीम को बुला सकते हैं। याद रखिए आपकी जागरुकता आपका प्रयास आपको डेंगू के प्रकोप से बचा सकते हैं।