आप किसी सरकारी कार्यालय में जाएं और वहां पर आपको गंदे इस कदर गंदे शौचालय दिखाई दें कि आप उसमें घुसने में भी घबरा जाए और आपको उबकारी आने लगे तो यदि हम कहें कि यह हालात हैं। नगर निगम के शौचालय केजी हां वही नगर निगम जिसके ऊपर जिम्मेदारी होती है पूरे शहर को साफ रखने की। तो क्या आप यकीन करेंगे कि नगर निगम ग्वालियर के मुख्यालय के शौचालय भी इतने गंदे हो सकते हैं। हो सकता है कि आपको लगे कि पूरे शहर को साफ रखने वाले नगर निगम पे तो कम से कम ऐसे कर्मचारी रहते होंगे जो अपने ही कार्यालय को कम से कम इतना साफ रखें कि पूरे शहर में एक मिसाल कायम कर सकें। तो पहले आप ये नीचे दी गई लिंक क्लिक करके उन तस्वीरों को देख लीजिए जो चीख चीख के कह रहे हैं के नगर निगम केवल शहर ही नहीं खुद के कार्यालय के शौचालयों को साफ रखने में भी पूरी तरह फेल साबित हुआ है…
यह शौचालय है शहरी आजीविका मिशन कार्यालय का, जो नगर निगम मुख्यालय कैंपस में ही बना हुआ है है और नगर निगम का ही एक विभाग है। इस विभाग में ज्यादातर वह हितग्राही आते हैं जो छोटे मोटे रोजगार के लिए लोन लेना चाहते हो और जब से यहां आने पर इन्हें घंटों इंतजार करना होता है तो फिर इन्हें शौचालय की जरूरत भी महसूस होती है लेकिन जब हितग्राही शौचालय की तरफ रुख करते हैं तो वहां फैली गंदगी। और बदबू के मारे हालात यह हो जाते हैं के इन्हें अपनी सब आवश्यक के लिए हैं नित्य प्राकृतिक क्रियाएं रोकने के लिए मजबूर होना पड़ता है। अब सवाल यह उठता है कि जिस नगर निगम से हम उम्मीद करते हैं कि वह शहर के हर मोहल्ले कॉलोनी गली चौराहे को साफ सुथरा रखेगा, वह निगम अपने कैम्पस में अपने खुद के ही एक कार्यालय में सफाई रखने में फेल नजर आ रहा है। जब खुद के कार्यालय में ही इतनी गंदगी पसरी है तो ऐसे नगर निगम से पूरे शहर को साफ सुथरा रखने की उम्मीद कैसे करें?