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सीएम हैल्पलाइन हकीकत ए सुधार; प्रशासन पीटे अपना ढोल और शिकायतकर्ता पीटे अपना माथा

जिले की रैंकिंग में हुआ उल्लेखनीय सुधार , पिछले माह की 23 से इस माह 12 पर आई रैंकिंग। आइए करते हैं इन दावों का रियलिटी चेक ।

सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में ग्वालियर जिले में उल्लेखनीय सुधार का दावा प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। मई माह में जिले की रैंकिंग 12 रही है, जो पिछले माह से 11 अधिक है। अप्रैल माह में जिले की रैंकिंग 23 थी। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान द्वारा लगातार की जा रही सीएम हैल्पलाइन की समीक्षा एवं विभागीय अधिकारियों के प्रयासों की बदौलत जिले को यह सफलता मिली है। ऐसा प्रशासन ने जारी प्रेस रिलीज में दावा किया है।

डिस्ट्रिक्ट ई-गवर्नेंस मैनेजर आशीष जैन ने बताया कि मई महीने में सीएम हैल्पलाइन पोर्टल के माध्यम से जिले को 13 हजार 204 शिकायतें प्राप्त हुईं थीं। इन शिकायतों में से संतुष्टिपूर्वक निराकरण का वेटेज स्कोर 73.83 रहा है। अप्रैल महीने में 10 हजार 221 शिकायतें प्राप्त हुईं थीं, जिसमें संतुष्टिपूर्वक निराकरण का वेटेज स्कोर 65.89 रहा था।

जब डिस्ट्रिक्ट ई-गवर्नेंस मैनेजर आशीष जैन से पूछा की जो शिकायतें बंद की गई हैं उनका क्या स्टेट्स है। इनमें से कितनी शिकायतें फोर्स क्लोज्ड हैं और कितनी को शिकायतकर्ताओं को आश्वासन देकर ही बिना कार्यवाही के बंद किया गया है। इस संबंध में श्रीमान जैन पर कोई जानकारी या तो थी ही नहीं या वह देना नहीं चाहते थे। RTI कार्यकर्ता आशीष राय का कहना है कि उनका तो सीएम हेल्पलाइन से विश्वास ही उठ गया है। ज्यादातर शिकायतें पहले स्तर पर ही फोर्स क्लोज्ड कर दी जाती हैं। समाजसेवी राकेश कुशवाह का कहना है कि शिकायतकर्ता को संपर्क नहीं किया जाता। ऊपर ही ऊपर आंकड़े बना निराकरण होता है प्रशासन शासन को यह आंकड़े झूठे देता है। मनगढ़ंत तरीके से यह आंकड़े बनाए गए हैं शिकायतकर्ता आज भी परेशान हैं उसकी सुनने वाला कोई नहीं।

सुनिए समाज हित में सीएम हेल्पलाइन लगाने वालों का दर्द

कागजी घोड़े दौडाने में माहिर प्रशासन ने सीएम हेल्पलाइन में भी कागजों पर रैंकिंग सुधार ली ही ऐसा प्रतीत होता है। क्यूंकि कई ऐसी शिकायतों को बंद किया गया है जिसमें अमला न तो स्पॉट पर पहुंचा न ही शिकायतकर्ता को पता चला और शिकायत बंद कर दी गई। जिस तरह से सीएम हेल्पलाइन के कार्यवाही से शिकायतकर्ता असंतुष्ठ हैं वह दिन दूर नहीं जब सीएम हेल्पलाइन अपना विश्वास पूरी तरह खो देगी। और लोग कहेंगे। एक थी सीएम हेल्पलाइन!

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