डिजिटल डेस्क: क्या आपके बच्चे स्कूल पढ़ने जाते हैं और स्कूल पढ़ने जाने के दौरान आपने कभी भी उनके बैग चैक नहीं किए हैं। उनके स्कूल बैग में क्या हो सकता है? क्या नहीं? इसकी आपको कोई जानकारी नहीं है। और यह सवाल भी खड़ा होता है के क्या नियमित? रूप से आपको अपने बच्चों के बैग चेक करने चाहिए? यह सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं क्योंकि एक चौंकाने वाली घटना हुई है जिसमें स्कूल की तरफ से छात्रों के बैग चेक किए गए तो उसमें तमाम आपत्तिजनक सामग्री निकली और यह सामग्री देखकर स्कूल प्रशासन हैरान हुआ और उन्होंने इसकी सूचना इन छात्रों के पालकों को भी दी।
पुणे के एक स्कूल में सातवीं से दसवीं के बच्चों के बैग की अचानक चेकिंग की गई. इस चेकिंग की जानकारी बच्चों को पहले नहीं दी गई थी। जैसे ही खबर फैली, स्कूल में हड़कंप मच गया। कई बच्चे अपने बैग को चेक करवाने में आना-कानी करने लगे। जब स्कूल प्रशासन ने सख्ती दिखाकर बैग खुलवाए तो उनके होश ही उड़ गए. इन बच्चों के बैग से ऐसी-ऐसी चीजें मिली, जिसे देखने के बाद आपको एक बार के लिए यकीन नहीं होगा कि बच्चे इन चीजों के साथ स्कूल में करने क्या आए थे? यह छात्र 7वीं से 10वीं तक क्लास के थे और हैरान करने वाली बात है। इसमें लड़कियां के बैग से भी आपत्तिजनक सामग्री मिली है।

मामला घोटी के एक स्कूल का बताया जा रहा है. यहां सातवीं से दसवीं के बच्चों के बैग की अचानक तलाशी ली गई. टीचर्स की हैरानी का ठिकाना नहीं रहा जब इन बच्चों के बैग से चाकू, कंडोम मिले। इन आइटम्स की बरामदगी ओर स्कूल के वाइस प्रिंसिपल ने कहा कि उन्हें सारे आपत्तिजनक चीजें एक ही बच्चे के बैग से नहीं मिले हैं। अलग-अलग बच्चों के बैग में अलग चीजें थी. साथ ही उन्होंने बताया कि बच्चों के अंदर क्राइम की टेंडेंसी ना विकसित हो, इसके लिए वो समय-समय पर ऐसे चेकिंग करते रहते हैं।
इतनी छोटी क्लास के छात्र अपने स्कूल बैग में कौंडम क्यों रख रहे थे और अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी जब उनके बैग में थी तो उनके अभिभावकों को अभी तक पता क्यों नहीं चला? यह घटना साफ बताती हैं कि आज के समय पर अभिभावक कितने लापरवाह हो गए हैं। वह अपने बच्चों के स्कूल बैग तक को चेक नहीं करते हैं। पुणे की इस घटना की जानकारी भी जब इन छात्रों के अब माता पिता को दी गई तो उनका यही कहना था कि की व्यस्तता के चलते वह अपने बच्चों के बैग चैक ही नहीं कर पाते साथ ही उन्होंने स्कूल द्वारा बैग चेक किए जाने के कार्य की सराहना भी की।
पुणे में हुई इस घटना ने सवाल खड़ा कर दिया है के का बाकी शहरों के स्कूल में भी यही हालात हैं। आपके शहर में आपके बच्चे किस स्कूल में जाते हैं?आप यदि स्कूल संचालक हैं तो आपके स्कूल के बच्चों बैग में किस तरह की सामग्री है? क्या स्कूल संचालकों ने या अभिभावकों ने कभी स्कूल छात्रों के बैग को चेक किया है? यदि नहीं किया है आप भी इन बच्चों के बैग को चेक कर लें हो सकता है कि आपकी थोड़ी सी जागरूकता आने वाले समय की किसी बड़ी घटना को रोक दे।

आपको बता दें कि कुछ समय पूर्व राजस्थान में एक घटना हुई थी। इसमें 7वीं क्लास का एक बच्चा स्कूल बैग में छुपाकर चाकू स्कूल ले गया था। उसको अपनी शिक्षिका से रंजिश थी और वह तलाश में था कि वह अपने रंजिश का बदला लें और इस छात्र ने मौका मिलने पर अपनी शिक्षिका पर चाकू से वार किया था। यह घटना साफ बताती है। कहीं न कहीं आज हमारे बच्चों में भी अपराध की प्रवृत्ति और अनैतिक कार्यों के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। यदि स्कूल संचालक नियमित रूप से छात्रों के बैग चेक करने लगे तो इन घटनाओं को होने से रोका जा सकता है। संचालकों से ज्यादा जवाबदेही ऐसे मामलों में अभिभावकों की है उन्हें भी अपने बच्चों के स्कूल बैग और अन्य चीजों को नियमित रूप से जांच करनी चाहिए।