नई दिल्ली: जिस तरह से साल दर साल तकनीक में बदलाव हो रहा है उसके चलते साल 2030 तक दुनिया भर में 7.8 करोड़ नई नौकरियां पैदा होंगी। प्रशासनिक सहायक, कैशियर, क्लर्क और ग्राफिक्स डिजाइन समेत कई पारंपरिक नौकरियां खत्म भी हो जाएंगी। लेकिन एक अच्छी खबर यह है कि स्किल्ड बेस नौकरियों में बेतहाशा बढ़ोतरी भी होगी। हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट- 2025’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह दावा किया गया है।
फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट- 2025 के मुताबिक, 2030 तक भारत में नौकरियों का भविष्य अलग-अलग देशों के बीच तनाव, डिजिटल एक्सेस और जलवायु परिवर्तन रोकने के प्रयासों के चलते प्रभावित होगा। भारतीय रोजगार प्रदाता कंपनियां नई टेक्नोलॉजी को अपनाने में दुनिया भर में सबसे आगे हैं। इस साल 35 फीसदी भारतीय कंपनियां सेमीकंडक्टर्स और एडवांस कम्प्यूटिंग अपनाएंगी। 21 फीसदी कंपनियां क्वांटम और एन्क्रिप्शन टेक्नोलॉजी की मदद से ऑपरेशन्स बदलाव की उम्मीद कर रही हैं।
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किसी भी काम में डिग्री से ज्यादा हुनर जरूरी है। 67 फीसदी भारतीय कंपनियां टैलेंट की जरूरतें पूरी करने के लिए विविध टैलेंट पूल का इस्तेमाल करने की प्लानिंग कर रही हैं। दुनिया के अन्य देशों की बात करें तो यह आंकड़ा 47 फीसदी है। इतना ही नहीं, देश में 30 प्रतिशत भारतीय नियोक्ता डिग्री की जरूरत को हटाकर स्किल्स-बेस्ड हायरिंग करने की रणनीति अपना रही हैं, जोकि वैश्विक औसत 19 फीसदी से अधिक है।
यदि फ्यूचर ऑफ़ जाब्स रिपोर्ट के आंकड़ों की माने और यदि भविष्य में इस तरह के स्किल्ड बेस नौकरियों की भरमार होगी। जिसमें बहुत बड़ी डिग्रियों की आवश्यकता युवाओं।को नहीं है तो आज से युवाओं को भी इस दिशा में सोचना शुरू करना होगा। क्योंकि जिस तरह से इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनियां ज्यादातर उन्हीं लोगों को नौकरी देंगी जिनमें कोई न कोई स्किल होगी तो यह बात साफ है कि आने वाले समय में बड़े बड़े नाम की डिग्रियाँ आप को इन तकनीक आधारित नौकरियों में कोई मदद नहीं करने वाली हैं।
इस रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है। कि कुछ क्षेत्रों में नौकरियों में भारी गिरावट भी देखी जाएगी। इन पारंपरिक क्षेत्रों में लगभग 9 करोड़ नौकरियों के कम होने की या खत्म होने की संभावना भी इस। रिपोर्ट में बताई जा रही है इसलिए युवा आने वाले समय में अपने भविष्य को देखकर कुछ न कुछ रोजगार की योजना बना रहे हैं।उन्हें यह समझना होगा कि यदि वह इन पारंपरिक नौकरियों के अनुसार तैयारी करते हैं तो आगे उन्हें रोजगार पाने में कड़ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
फ्यूचर ऑफ जॉब्स की रिपोर्ट की मानें तो भारतीय कंपनियां AI रोबोटिक्स ऑटोनॉमस सिस्टम व नए जमाने की ऊर्जा तकनीक में आक्रामक तरीके से निवेश कर रही हैं। देश में तेजी से बढ़ते नए तरह के जॉब्स रोल्स संकेत देते हैं कि अब एआई, बिग डेटा स्पेशलिस्ट्स, मशीन लर्निंग स्पेशलिस्ट्स और सिक्योरिटी मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है।
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