Education

निजी स्कूलों द्वारा किताबों की मनमानी वसूली पर दिया ऐतिहासिक निर्णय, भिंड कलेक्टर से सीख लें अन्य कलेक्टर

भिंड मध्य प्रदेश:  कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने निजी स्कूलों द्वारा मनमानी ऊंची कीमतें पर बेचे। जाने वाली किताबों से अभिभावकों को राहत देने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला दिया है। कलेक्टर का यह आदेश। पर पूरी तरह से रोक लगा देगा इस तरह की उम्मीदें अब की जाने लगी हैं। आपको बता दें कि पूरे मध्य प्रदेश के ज्यादातर शहरों में निजी स्कूल किताबों।के नाम पर मनमानी कीमत वसूलते हैं। और तमाम प्रशासनिक कवायदों के बाद भी यह मनमानी वसूली नहीं रुकती और अभिभावकों को हर साल ठगा जाता है।  भिंड कलेक्टर द्वारा प्राइवेट स्कूलों में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक की किताबों की कीमत निर्धारित करने का आदेश दिया है। भिंड कलेक्टर श्रीवास्तव ने जिले भर में प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबों के दामों को लेकर आने वाली शिकायतों पर जिले के अफसरों के साथ बीते 23 अगस्त को बैठक कर मंथन किया था। इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ जिला शिक्षा अधिकारी समेत निजी स्कूलों के संचालक गण भी मौजूद रहे थे। संचालक ज्यादा किताबें खरीदने के लिए विवश करते थे ये बैठक कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित की गई थी। इस दौरान निर्णय लिया गया कि प्राइमरी और मिडिल में पढ़ने वाले छात्रों के बस्ते का बोझ बढ़ा हुआ है, उसे कम किया जाए। इस के अलावा स्कूल संचालकों द्वारा किताबों के नाम पर मनमानी कीमत वसूलने और अभिभावकों को ऊंची कीमत पर किताबें बेचे जाने का मामला भी चर्चा में रहा। इस बैठक में इस समस्या पर भी बड़ा निर्णय लिया गया। 

बैठक में भिंड कलेक्टर ने सर्वसम्मति से 1 से लेकर 8वीं तक की किताबों के मूल्य का निर्धारण किया है। अब इनमें पढ़ाई जाने वाले किताबों की कुल कीमत 800 से लेकर 1200 के बीच रहेगी। कक्षा एक और दो में पढ़ने वाले छात्रों की किताबों की कीमत 800 रुपए होगी। इसी तरह कक्षा 2 और 3 में पढ़ने वाले छात्रों के सिलेबस की कीमत 900 रुपए होगी। इसी तरह 5वीं के छात्र का सिलेबर् 1 हजार रुपए में खरीदा जा सकेगा। वहीं 6वीं से 8वीं का सिलेबस 12 सौ रुपए का रहेगा। जिन बच्चों ने इससे पहले किताबें खरीद ली हैं उनके पैसे वापस होंगे। भिंड कलेक्टर ने यह भी कहा है कि निर्धारित रेट से अधिक कीमत की किताबें न खरीदी जाएं। जो छात्र अधिक कीमत की किताबें खरीद चुके हैं, उनके पैसे वापस भी कराये जाएंगे। जिस तरह का आदेश भिंड कलेक्टर ने दिया है उससे उम्मीद लगाई जा सकती है के आगामी समय में भिंड में अभिभावकों को ठगने में यह स्कूल अब नाकाम रहेंगे। अन्य अन्य जिला कलेक्टर्स को भी इसी तरह के आदेश देकर निजी स्कूल संचालकों द्वारा इस तरह से किताबों की मनमानी कीमत वसूलने पर विराम लगाया जाना चाहिए। 

Gajendra Ingle

Our vision is to spread knowledge for the betterment of society. Its a non profit portal to aware people by sharing true information on environment, cyber crime, health, education, technology and each small thing that can bring a big difference.

Recent Posts

डाक्टरों की आपसी गुंडई और विभागीय खींचतान का खामियाजा भुगत रहे मरीज, आपसी ईगो क्लेश और मरीजों की मौत!

ग्वालियर मध्य प्रदेश: ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज और उससे संबंधित जय आरोग्य अस्पताल…

9 hours ago

मैगी में निकले कीड़े उपभोक्ता फोरम ने ठोका भारी जुर्माना

नई दिल्ली: अगर आप या आपके बच्चे मैगी खाते हैं तो सावधान हो जाएं और…

9 hours ago

बैंक की लापरवाही से लुट गए एटीएम, पुलिस जाँच में बड़ा खुलासा

ग्वालियर मध्य प्रदेश: अभी हाल ही में ग्वालियर में एटीएम लूट की दो घटनाएँ हुई…

10 hours ago

एक ब्रोकर से एक विश्व गुरु का संवाद

मैंने बचपन से ' कास्ट ' के बारे में सुना था। बड़ा हुआ तो  …

10 hours ago

राजस्व मंत्री को आया गुस्सा कहां सब को सस्पेंड कर दूंगा; क्या राजस्व अधिकार सुधर पाएंगे

भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी है, लेकिन राजस्व महा अभियान 3.0 के तहत भोपाल जिला…

1 day ago

विपक्षी दलों में खलबली के ख़तरनाक संकेत

भारत में लोकतंत्र खतरे में हो या न हो लेकिन तमाम विपक्षीदल जरूर खतरे में…

1 day ago