ग्वालियर मध्य प्रदेश जीवाजी यूनिवर्सिटी काफी लंबे समय से अपना खुद का मेडिकल कालेज खोलने के लिए प्रयासरत है। मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सबसे बड़ी ज़रूरत जमीन आवंटन की होती है और इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिला प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जीवाजी यूनिवर्सिटी को 26.27 हेक्टेयर जमीन आवंटित कर दी है। यह जमीन नोनेरा में आवंटित की गई है। इस बार जमीन के आवंटन में पूरी सतर्कता बरती गई है। साथ ही मेडिकल कॉलेज के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर उपकरण और शैक्षणिक स्टाफ जैसी आवश्यकताएं पूरी करने के लिए पांच सौ करोड़ रुपये की डीपीआर बनाकर शासन को भेज दि गयी है। इस बार जीवाजी यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज के प्रयास में कोई कमी छोड़ना नहीं चाहती है। अपने पुराने अनुभवों से सबक ले जीवाजी यूनिवर्सिटी हर कदम फूँक फूँक कर रख रही है।
आपको बता दें कि काफी लंबे समय से जीवाजी यूनिवर्सिटी अपना स्वयं का मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए प्रयासरत है। पहले भी रीवाजी यूनिवर्सिटी को जिला प्रशासन ने तुरारी गाँव में जमीन आवंटित कर दी थी। लेकिन उस समय जल्दबाजी में की गई यह प्रक्रिया बाद में खटाई में पड़ गई थी क्योंकि किसी व्यक्ति द्वारा जमीन पर मालिकाना हक बताकर। न्यायालय में याचिका दायर कर दी गई और न्यायालय से इस। मामले में स्टे भी मिल गया था जिसके चलते जीबाजी यूनिवर्सिटी का मेडिकल कॉलेज खोलने का सपना चकनाचूर हो गया था। इसके साथ ही जीवाजी यूनिवर्सिटी ने नेशनल मेडिकल काउंसिल मैं मेडिकल कॉलेज की अनुमति के लिए जो आवेदन दिया था वह भी निरस्त हो गया था क्योंकि उस समय जीवाजी यूनिवर्सिटी के पास इंफ्रास्ट्रक्चर शैक्षणिक स्टाफ उपकरण जैसी तमाम आवश्यक सुविधाएं नहीं थी। अब इस बार यदि सब कुछ ठीक चलता है तो आने वाले एक दो साल में जीवाजी यूनिवर्सिटी का अपना मेडिकल कॉलेज शुरू हो सकता है।
जमीन आवंटन में पिछली बार हुए गड़बड़ी से सबक लेते हुए इस बार जीवाजी यूनिवर्सिटी ने बहुत ध्यान दिया है और जमीन आवंटन से पहले बाकायदा। विज्ञापन निकालकर जमीन फ्री होल्ड होना सुनिश्चित कर लिया है। इसके साथ ही नगर निगम और टाउन। एंड कंट्री प्लानिंग की एनओसी मिलने के बाद ही इस जमीन का आवंटन किया गया है। जो जमीन जिला प्रशासन ने जीवाजी यूनिवर्सिटी को मेडिकल कॉलेज के लिए आवंटित की है वह उच्च शिक्षा विभाग के नाम आवंटित की गई है और इसमें तमाम शर्तें भी लगाई गई हैं। शर्तों में साफ लिखा हुआ है कि इस जमीन का उपयोग किसी अन्य कार्य के लिए नहीं किया जाएगा। यदि इस जमीन पर कुछ और निर्माण किया जाता है और मेडिकल कॉलेज के लिए यह उपयोग नहीं की जाती तो उस पर किया गया निर्माण शासन की संपत्ति में शामिल हो जाएगा। आवंटित की गई जमीन का उपयोग उचित काम के लिए हो रहा है या नहीं इसका निरीक्षण शासन। का प्रतिनिधि कभी भी कर सकेगा।
आपको बता दें कि ग्वालियर में वर्तमान में एकमात्र मेडिकल कॉलेज गजरा।राजा मेडिकल कॉलेज है जो आजादी से पहले ही स्थापित हो था। वर्तमान में यदि हम इंदौर और भोपाल से तुलना करें तो मेडिकल कॉलेज की संख्या में ग्वालियर काफी पिछड़ गया है। यहाँ कम से कम पाँच मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता है, जिससे गजरा राजा मेडिकल कॉलेज और उससे संबंधित यह आरोग्य अस्पताल पर मरीजों का भार कम होगा और साथ ही डॉक्टर बनने का सपना देख रहे युवाओं को अपने ही क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज की सुविधा मिल जाएगी। जीवाजी युनिवर्सिटी के अलावा एक निजी विश्वविद्यालय भी अपना। मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए प्रयासरत है जो संभवत अगली साल शुरू हो जाएगा। इस के अलावा एक अन्य व्यापारी भी अपना मेडिकल कॉलेज खोलने जा रहे हैं। यदि सभी प्रयासरत संस्थानों के मेडिकल कॉलेज धरातल पर आते हैं तो ग्वालियर में मेडिकल कॉलेजों की संख्या एक से बढ़कर पाँच पर पहुंच जाएगी।