ग्वालियर मध्य प्रदेश: अभी हाल ही में ग्वालियर में एटीएम लूट की दो घटनाएँ हुई थीं जिसमें पहली घटना में डबरा में लुटेरे एटीएम उठा ले गए थे। उसका सारा केश लूट लिया था। जबकि दूसरी घटना ग्वालियर के आनंद नगर क्षेत्र में हुई थी, जहां पर एटीएम को कटर से काटकर पूरा केश लुटेरे ले भागे थे। इन दोनों ही मामलों में पुलिस को बैंक की लापरवाही नजर आई है। जब बैंक ने इस मामले की पड़ताल की थी तो लुटेरों को तो पकड़ लिया था लेकिन जांच में पुलिस ने यह भी पाया कि बैंक की लापरवाही के चलते ही इन दोनों घटनाओं को अंजाम देने में लुटेरे कामयाब हुए हैं।
ग्वालियर शहर के डबरा और बहोड़ापुर में बीते दिनों बदमाशों के द्वारा एटीएम कटिंग कर लाखों रुपए लूटने की वारदात को अंजाम दिया गया था। जिसे लेकर पुलिस अधिकारियों ने अलग-अलग टीमें लगाकर कार्रवाई की थी। लेकिन पुलिस को जांच पड़ताल के दौरान बैंकों की कमियो के साथ-साथ लापरवाही भी देखने को मिली। पुलिस अधिकारी एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि बैंकों के अधिकारियों सिक्योरिटी एजेंसी और एटीएम में कैश जमा करने वाली कंपनी को बुलाकर एक बैठक की गई थी। जिसमें एएसपी के द्वारा बताया गया था कि डबरा में हुई एसबीआई एटीएम कटिंग के मामले में जांच के दौरान यहां पता चला था कि 2 साल से एटीएम में लगा कैमरा बंद था और दो माह से उसके सभी सिक्योरिटी सिस्टम भी बंद थे जिस कारण अलर्ट नहीं हुआ था। इसके साथ ही बैंक एटीएम में कैश जमा करने वाली कैशवैन का भी ASP ने निरीक्षण उसकी सुरक्षा व्यवस्था देखी साथी उसकी सुरक्षा व्यवस्था में लगे गार्डो से बातचीत की। वही बैंक अधिकारियों ने एटीएम सिक्योरिटी सिस्टम का ठेका लेने वाली कंपनी का ठेका भी निरस्त कर दिया है और उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
जिस तरह का खुलासा पुलिस जांच में हुआ है उससे साफ समझ में आता है कि एटीएम की व्यवस्थाओं को लेकर बैंक लापरवाह हैं। जब भारत में शुरुआत में एटीएम लगाए गए थे। तब सभी इंतजाम दुरुस्त थे और हर एटीएम पर एक गार्ड की तैनाती भी। होती थी। लेकिन धीरे-धीरे ज्यादातर एटीएम से सुरक्षागार्ड गायब होते गए। अब संभवतः शायद ही कोई एटीएम प्वाइंट हो जहां सुरक्षा गार्ड मौजूद हो। सुरक्षा गार्ड की जगह बैंक अपने एटीएम पॉइंट।की सुरक्षा के लिए तकनीक पर निर्भर है लेकिन इस तकनीक का भी उपयोग वह किस तरह कर रहे हैं इसका खुलासा इस बार पुलिस जांच में हो चुका है।
इस मामले में पुलिस ने संबंधित बैंक अधिकारियों को बुलाकर बैठक की है और बैठक में चर्चा करके ये सभी बिंदु साझा किए हैं लेकिन जिस तरह से ए टी एम की सुरक्षा में लापरवाही बरती गई है। उसमें कौन बैंक कर्मचारी दोषी हैं और बैंक की तरफ से ऐसे दोषी कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए इस मामले में अभी तक बैंक की तरफ से कोई दिक्कत बयान नहीं आया है। आपको बता दें कि ऐसे तमाम मामले होते हैं जिसमें बैंक अपने आम ग्राहक को छोटी सी चूक के लिए जुर्माना लगा देते हैं। लेकिन अब यही बैंक यदि खुद की इस तरह की तकनीकी लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं तो यह सवाल खड़ा उठता है कि क्या बैंक का रवैया इसी तरह गैर जिम्मेदाराना रहने वाला है। पुलिस जांच में जिस तरह सामने आया है कि बैंक में लगा सीसीटीवी। कैमरा दो साल से बंद था और बैंक का सिक्योरिटी सिस्टम भी खराब था। जिससे अलाहम नहीं पहुंचा तो क्या इस बात की जानकारी बैंक अधिकारियों को पहले से थी और यदि थी तो उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? अब देखना होगा कि आने वाले समय में तमाम बैंक अपने एटीएम की सुरक्षा को लेकर कितनी जागरूक रहती हैं। सुनिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मा को जो एटीएम लूट में बैंक की लापरवाही का जिक्र कर रहे हैं।
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