सागर मध्य प्रदेश: सारण जिले की तहसील हटा स्थित मंगल भवन हाल के मरम्मत कार्य का बिल निकलवाने के ऐवज में मांगी गई थी रिश्वत, जुबेर कुरैशी पिता सफीक कुरैशी 39 वर्ष (तत्कालीन सब इंजीनियर, नगर पालिका हटा, जिला दमोह को हुई चार साल की सज़ा
सागर, मध्यप्रदेश: लोकायुक्त पुलिस की मजबूत कार्रवाई के चलते एक रिश्वतखोर सब इंजीनियर को विशेष अदालत ने चार साल की सजा सुनाई है। लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वतखोर सब इंजीनियर जुबैर कुरैशी को 15 अप्रैल 2019 को राजेन्द्र कुमार असाटी की शिकायत पर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। पकड़े जाने के बाद पुलिस ने सभी सबूतों को व्यवस्थित तैयार कर मामला विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया। जिसके चलते ऐसा कोई कारण नहीं रहा कि यह भ्रष्टाचारी। कानून के शिकंजे से बच सके और विशेष अदालत ने से चार साल की सजा सुनाई।
दिनांक 15.04.2019 को राजेन्द्र कुमार असाटी पिता रामकुमार असाटी, चंडीजी वार्ड हटा जिला दमोह ने नगर पालिका हट्टा के सब इंजीनियर। जुबेर कुरैशी के विरूद्ध रिश्वत मांग संबंधी शिकायती आवेदन पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त सागर के समक्ष प्रस्तुत किया था। शिकायत कर्ता ने नगर पालिका हटा के अंतर्गत आनलाईन टेंडर प्रणाली से मंगल भवन हाल का मरम्मत कार्य लिया था, जो कि कार्य पूर्ण होने उपरांत लगभग 13 लाख रूपये के बिल पास कराने के लिए जुबेर कुरैशी ने 03 परसेंट रिश्वत लगभग 60000 रूपये (साठ हजार रूपये) की मांग की जा रही है। शिकायतकर्ता ने सब इंजीनियर को रिश्वत न देते हुए उसे लोकायुक्त से पकड़वाने का फैसला किया।
आवेदक द्वारा की गई शिकायत की तस्दीक पश्चात ट्रेप का आयोजन किया गया एवं ट्रेप के दौरान आरोपी जुबेर कुरैशी से रिश्वत राशि 60000/- रूपया बरामद की गई ,विवेचना में संकलित भौतिक, मौखिक एवं इलेक्ट्रानिक अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर आरोपी जुबेर कुरैशी के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय पेश किया गया। लोकायुक्त पुलिस द्वारा दस्तावेजी साक्ष्य एवं मौखिक साक्ष्य मजबूती से पेश किए गए और अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्को से सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा आज 30 सितंबर 2024 को पारित निर्णय में आरोपी को दण्डित किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री अनंत सिंह ठाकुर द्वारा प्रभारी जिला अभियोजन अधिकारी श्री कैलाश चंद पटेल के मार्गदर्शन में की गई एवं प्रकरण में विवेचना निरीक्षक श्री बी एम द्विवेदी द्वारा की गई एवं सहायक ग्रेड तीन विनय नामदेव द्वारा आवश्यक सहयोग किया गया।