भोपाल मध्य प्रदेश: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हनी ट्रैप का जिन्न एक बार फिर अपने चिराग से बाहर आ गया है हनी ट्रैप में फंसे भेल के डीजीएम ने जो खुलासे किए और उसके बाद जो परतें जांच में खुल रही हैं उसने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल हनी ट्रैप की राजधानी बन चुका है। इस पूरे मामले में चार महिलाओं ममता द्विवेदी, पूजा राजपूत, जया और उज्बेक महिला की मिलीभगत सामने आ चुकी है। उज्बेकिस्तानी महिला कॉल गर्ल बताई जा रही है। बाकी तीनों महिलाएं दलाली का काम करती हैं। तीनों भोपाल में सक्रिय रही हैं। अलग-अलग होटलों में डिमांड के मुताबिक लड़कियों को सप्लाई करने का काम करती हैं।
भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड भोपाल में पदस्थ डीजीएम का कहना है कि मेरे पुराने परिचित स्क्रैप कारोबारी ने मुझे होशंगाबाद रोड की एक होटल में पार्टी में बुलाया। फिर वहां दो लड़कियों से परिचय करवाया। इसमें एक लड़की को उसने मेरे कमरे में भेजकर वहां प्री प्लांट ढंग से वीडियो बनाए। इन्हीं वीडियो को दिखाकर मुझसे 25 लाख रुपए की डिमांड की। मैंने पैसे देने से इनकार कर दिया। उन्हें लग रहा था कि मैं अच्छी पोजिशन में हूं, तो उनकी बात मान लूंगा, लेकिन मैंने तय कर लिया कि मैं ब्लैकमेलिंग का शिकार नहीं बनूंगा।’
भेल के डीजीएम के हनीट्रेप का शिकार होने के बाद एसआइटी जांच में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। जांच में पुलिस के राडार पर नर्मदापुरम रोड मार्ग और एमपीनगर के तीन होटल आए हैं। जहां संदिग्ध महिलाओं को आना जाना था। पुलिस को आशंका है कि यह देह व्यापार का बड़ा गिरोह है। एसआइडी ने रविवार को एमपीनगर में एक ब्यूटीशियन के घर पहुंची और उसके स्वजनों के बयान दर्ज किए। इधर,एसआइटी ने डीजीएम को अगवा कर जिस कार से जबलपुर ले जाया गया था उसे भी जब्त कर लिया है। लेकिन शशांक का इस मामले में कहना है कि डीजीएम अपनी मर्जी से जबलपुर गया था।
हनीट्रैप इस मामले में शिकार हुए भेल के डीजीएम पहले साकेत नगर में रहते थे। यहीं उनका परिचय। शाशंक वर्मा उर्फ सन्नी से हुआ था, शुरूआत में डीजीएम सन्नी को उधर रुपये दिया करता था । इस दौरान दोनों की दोस्ती गहरी हो गई थी। आरोपित में हनीट्रेप में डीजीएम को फंसाने के बाद उसे डराकर जो रुपये लिए थे, उसके अपनी महिला साथी के बैंक खाते में जमा करवाए हैं। जिन महिलाओं के खाते में यह पैसा गया है वह महिलाएं अभी फरार चल रही हैं और एसआईटी उनकी तलाश में जुटी हुई है। एसआइटी को जांच के दौरान ऐसे कुछ संदिग्ध होटलों की जानकारी भी मिली है जिसमें जिस्म पड़ोसी के नाम पर हनी ट्रैप का धंधा जोरों से चल रहा है।
आपको बता दें कि पहले भी भोपाल में कई बार हनी ट्रैप के मामलों का खुलासा हो चुका है। यह इस ओर इशारा करता है कि भोपाल में हनी ट्रैप और जिस्मफरोश का धंधा जोरों पर चल रहा है। इस काम में लिप्त लोगों के टारगेट पर बड़े व्यापारी बड़े अधिकारी भेल रेलवे के अधिकारी होते हैं जो अपनी इज्जत बचाने के लिए बड़ी रकम आसानी से दे।देते हैं। सूत्रों की मानें तो तमाम अधिकारी तो इस हनीट्रैप का शिकार होने के बाद चुप हो जाते हैं। कुछ ही लोग इसका विरोध कर सामने आने की हिम्मत कर पाते हैं। सालों पहले भी भोपाल से हनी ट्रैप का एक चर्चित मामला निकल आया था जिसमें कई आईएएस आईपीएस के साथ बड़े नेताओं के नाम भी शामिल थे और ऐसा माना जाता है कि राजनीतिक दबाव में उस मामले की जांच दवा दी गई। अब देखना होगा कि भेल डीजीएम हनीट्रिप मामले की परतें खुलती हैं।तो किस किस का नाम उजागर होता है!