भोपाल मध्य प्रदेश: भोपाल डेवलपमेंट अथॉरिटी के बाबू को लोकायुक्त पुलिस ने चालीस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकडा है। आरोपी सहायक ग्रेड-1 तारकचंद दास ने यह रकम रत्नागिरी प्रोजेक्ट में रहने वाले एक व्यक्ति से लीज रिन्यू करने के नाम पर मांगी थी। वह 3 लाख 35 हजार रुपए मांग रहा था। अंत में चालीस हजार रुपये में डील हुई और यह रकम लेते हुए ही यह भ्रष्ट बाबू रंगे हाथों पकड़ा गया। BDA की राजस्व शाखा में खासतौर से लीज नवीनीकरण, नामांतरण, NoC के 300 से ज्यादा मामले पिछले छह महीने से पेंडिंग हैं। जिसके लिए लोग यहां चक्कर काटते रहते हैं। अब आप इस बात से अंदाजा लगा। लें कि भोपाल डेवलपमेंट अथॉरिटी में फाइलें क्यों लटकाई जाती है और फिर किस तरीके से शुरू होता है रिश्वत लेने का खेल
रिश्वत लेते पकड़े गये बाबू तारक चन्द दास। की संपत्ति की जांच जब लोकायुक्त पुलिस ने की तो उसकी आलीशान घर और अन्य मकान देखकर लोकायुक्त पुलिस के अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। तारक चन्द दास पद पर तो एक बाबू है लेकिन इसके रहीसी थाट। किसी बडे अधिकारी या बडे व्यापारी से कम नहीं दिखाई दिए। लोकायुक्त निरीक्षक नीलम पटवा के अनुसार, ताराचंद दास के खिलाफ शिकायत मिली थी कि वह अवैध तरीके से धन कमा रहा है और कई संपत्तियों का मालिक है। जांच के दौरान पता चला कि दास के पास करोड़ों की संपत्ति है, जो उसने अपने नाम, अपने परिजनों और परिचितों के नाम पर जमा की है। और जब जांच की गई तो परत दर परत खुलती गई और इस बाबू के काले कारना में बाहर आने लगे।
अभी तक तारक चंद दास की जिन। संपत्तियों की जानकारी मिली है। उनकी कुल कीमत करोड़ों में हैं जो इस बाबू कि जीवन भर की कमाई से कई गुना अधिक कीमत के हैं। उसकी कुछ संपत्तियों का खुलासा लोकायुक्त पुलिस ने किया है। ताराचंद दास की पत्नी मंदिरा दास के नाम पर कस्तूरबा नगर में माँ गंगा होटल, बॉयज हॉस्टल, और एक निर्माणाधीन फ्लोर है। मंदिरा MP नगर में स्टाम्प वेंडर का काम करती हैं और पंचशील नगर में ग्राहक सेवा केंद्र (SBI kiosk) का संचालन करती हैं। पंचशील नगर में मंदिरा के दो मकान हैं, जिनमें कुल 30 किरायेदार हैं। MP नगर जोन 2 में आनंद नमकीन के पास एक दुकान भी है जो किराए पर दी गई है। मंदिरा और उनकी मां के नाम पर E6 अरेरा कॉलोनी में 4500 वर्गफुट का प्लॉट था, जिसे 2016 में ₹1.9 करोड़ में बेचा गया था। सभी दस्तावेज और संपत्तियों की जानकारी के साथ, लोकायुक्त की टीम ने ताराचंद दास के निवास पर सर्च ऑपरेशन जारी रखा है। पुलिस अधीक्षक मनु व्यास के निर्देश पर उप पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र सिंह और अनिल बाजपेई के नेतृत्व में यह छापेमारी की जा रही है।
आपको बता दें कि भोपाल डेवलपमेंट अथॉरिटी का कार्यालय भ्रष्टाचार का गण बन चुका है। यहां तमाम बाबू किसी न किसी बात पर फाइलों को लटका देते हैं।हितग्राहियों को चक्कर कटवाते हैं और उन्हें मजबूरन अपने काम कराने की एवज मोटी रकम देनी पड़ती है। यहां के तमाम कर्मचारियों पर आय से अधिक संपत्ति की सूचना है। अब बाबू तारक चंद के खुल रहे चिट्ठों ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि भोपाल डेवलपमेंट अथॉरिटी मैं किस तरह कर्मचारी रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार में लिप्त है। होशंगाबाद रोड स्थित विद्या नगर में अनिल साखी के प्लॉट की अवैध रजिस्ट्री को लेकर 19 जून को क्राइम ब्रांच ने FIR दर्ज की है। इस मामले में भोपाल डेवलपमेंट अथॉरिटी (BDA) के सीनियर अधिकारियों की भूमिका पर भी संदेह जताया जा रहा है। फिलहाल, कलेक्ट्रेट में इस मामले की जांच की जा रही है। यदि ऐसे ही कुछ और मामले खुलते हैं तो भोपाल डेवलपमेंट अथॉरिटी के कुछ और कर्मचारी और अधिकारी भी राडार पर आ सकते हैं।