रिश्तों को तारतार करके अपनी हवस मिटाने। की तमाम घिनौनी घटनाएं आपने सुनी होंगी। और ऐसी ही एक घटना रीवा मध्य प्रदेश। से निकलकर आ रही है जहाँ एक सगे। भाई नहीं अपनी छोटी बहन के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। इस मामले में भाई इतना ज्यादा हैवान और वहशी था कि उसने न केवल बहन के साथ दुष्कर्म किया बल्कि उसकी हत्या भी कर दी। यह घटना 3 महीने पुरानी हैं लेकिन पुलिस जांच में जब इस घटना की सच्चाई का खुलासा हुआ और पता चला के भाई नहीं इस। दुष्कर्म और हत्या की घटना को अंजाम दिया है। पूरे क्षेत्र में जब यह खबर फैली तो लोगों को विश्वास नहीं हुआ कि देख सगा भाई ही इतनी घिनौनी हरकत कर सकता है।
मामला रीवा जिले के जवां थाना क्षेत्र के एक गांव का है, जहाँ 24 अप्रैल की रात को इस सगे। भाई ने अपनी बहन को अपनी हवस। का शिकार बनाया और हवस का शिकार बनाने के बाद साक्ष्य को छुपाने के लिए वह सब कुछ किया जो एक दुर्दांत अपराधी करता है। इस घटना में सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि कुकर्मी भाई की उम्र मात्र 13। साल है और उसके बहन की उम्र मात्र नौ।साल है। घटना की रात के दोनों भाई बहन आंगन में एक ही बिस्तर पर सोए हुए थे। घटना के बाद में उसी आंगन से बहन का शब्द बरामद हुआ। जब पुलिस ने पूरी घटना की जांच की तो खुलासा हुआ कि भाई ने ही अपनी बहन के साथ दुष्कर्म किया और फिर घटना को छुपाने के लिए पूरी पूरी योजना के तहत बहन। की हत्या भी कर दी। पुलिस ने जांच में यह भी पाया ही भाई। की कुकृत कुछ पाने के लिए उसकी माँ और दो बड़ी बहनों ने भी। भाई का साथ दिया। घटना के बाद घटना की हकीकत को चौंकाने की कोशिश की इसलिए पुलिस ने माँ और दोनों बहनों को भी गिरफ्तार किया है।
इस घटना के बाद यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि एक तेरह वर्ष का नाबालिग भाई इतना वहशी इतना दरिंदा कैसे हो सकता है? पुलिस की पड़ताल में पता चला है के 13 वर्षीय नाबालिग।कुकर्मी भाई को मोबाइल पर पोर्न वीडियो देखने का बहुत शोक था।। उसको पोर्न वीडियो देखने की लत लग चुकी थी और यही पोर्न वीडियो देखने की लत में इस। नाबालिग भाई को दरिंदा बना दिया। उसके मन में इतनी गन्दी हवस। को भर दिया कि उसने अपनी बहन को ही अपनी दरिंदगी का शिकार बना लिया।
जनहित में अपील; द इंगलेज पोस्ट जनता से अपील करता है जो भी माँ बाप अपने छोटे बच्चों को मोबाइल देते हैं उसमें ऐसी साइट्स को लॉक करने की व्यवस्था रखें वह अपने बच्चों के मोबाईल की सर्च हिस्ट्री को हमेशा चेक करें। वैसे तो बच्चों को मोबाइल दें ही नहीं। लेकिन यदि ऑनलाइन क्लास या किसी अन्य जरूरत के लिए देना भी पड़े तो खास निगरानी जरूर रखें।