डिजिटल डेस्क नई दिल्ली: पहलगाम हमले में छब्बीस आम नागरिकों के मारे जाने के बाद भारत पाकिस्तान के बीच तनाव के हालात पिछले पन्द्रह दिन से देखे जा रहे हैं और दो दिन से तो युद्ध जैसे हालात हैं। भारत ने पाकिस्तान कोकरारा जवाब देते हुए हवाई हमले किया है। और इन सबके बीच प्रदेश की नवाज़र है।अंतर्राष्ट्रीय समर्थन पर और इसी बीच अमेरिका की तरफ से एक ऐसा बयान आ रहा है जो भारत पाकिस्तान के वर्तमान हालात को देखते हुए हमें समझना जरूरी है। अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने भारत पाकिस्तान के तनाव की स्थिति के बीच अमेरिका के स्टैंड को लेकर बड़ा बयान दिया है।
भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका ऐसे किसी युद्ध में शामिल नहीं होगा, जो मूल रूप से हमारा काम नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान को नियंत्रित नहीं कर सकता, लेकिन वह दोनों परमाणु शक्तियों को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति वेंस ने बृहस्पतिवार को एक साक्षात्कार में इस बात पर चिंता जताई कि कहीं दो परमाणु शक्तियां आपस में टकरा न जाएं, जिससे कि किसी बड़े संघर्ष को जन्म मिले। वेंस से जब इस बारे में पूछा गया कि ट्रंप प्रशासन भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को लेकर कितना चिंतित है। इस पर उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो का हवाला दिया और कहा कि अमेरिका चाहता है कि तनाव जल्द से जल्द कम हो जाए।
वेंस ने आगे कहा कि अमेरिका भारतीयों और पाकिस्तानियों से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकता। हम कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से इस मामले को आगे बढ़ाते रहेंगे। हालांकि, वेंस ने इस बात पर चिंता जताई कि दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय युद्ध कहीं परमाणु संघर्ष में न बदल जाए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से यह विनाशकारी होगा। हालांकि, वेंस ने यह भी उम्मीद जताई कि ऐसा नहीं होने वाला है।

भारत पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति पर अमेरिका नज़र रखे हुए है और यह देखते हुए उपराष्ट्रपति वेंस ने आगे कहा कि भारत को पाकिस्तान से कुछ शिकायतें हैं। पाकिस्तान ने भारत को जवाब दिया है। हम दोनों देशों को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं, लेकिन हम युद्ध के बीच में नहीं पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह हमारा काम नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका का युद्ध को नियंत्रित करने की क्षमता से कोई लेना-देना नहीं है।