लखनऊ /अयोध्या उत्तर प्रदेश: राम मन्दिर के निर्माण के समय जिस तरह की बातें चल रही थी कि इससे देश को क्या लाभ होने वाला है तो अब उसके जवाब लोगों के सामने आने लगे हैं और सरकार की झोली भी भरने लगी है आपको बता दें कि अयोध्या राम मंदिर में पर्यटक तो बढ़े ही हैं वह सरकार को अब ज्यादा टैक्स भी दे रहा है। बीते पांच सालों में राम मंदिर की तरफ से 400 करोड़ का टैक्स दिया गया।
राम मंदिर निर्माण से अयोध्या का अर्थतंत्र बदल गया है। रामनगरी में पिछले पांच साल में दस गुना पर्यटक व श्रद्धालु बढ़े हैं तो रोजगार के भी नए-नए अवसर बढ़े है। अयोध्या धार्मिक पर्यटन का हब बनता जा रहा है। इसके चलते न सिर्फ अयोध्या की आर्थिक स्थिति बदली है बल्कि सरकार को भी फायदा मिला है। पिछले पांच साल में राम मंदिर से सरकार को 400 करोड़ का टैक्स मिला है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक साल में पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए हैं।

चंपत राय के अनुसार महाकुंभ 2025 के दौरान 15 जनवरी से 28 फरवरी तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो हर दिन चार से साढ़े चार लाख लोग दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचे। इस अवधि में करीब डेढ़ करोड़ लोगों ने रामलला के दर्शन किए। 10 ट्रेन प्रतिदिन कुंभ से अयोध्या आ रही थीं। रेलवे की ओर से मिली जानकारी के अनुसार हर दिन चार चार हजार लोग एक ट्रेन से अयोध्या पहुंचते रहे। इस तरह 40 से 50 हजार लोग रोजाना ट्रेन से अयोध्या पहुंचते थे।
चंपत राय के अनुसार ट्रस्ट का अकाउंट्स देखने के लिए कई बार सीएजी के अधिकारी आते हैं। करीब छह माह पहले जब सीएजी के अधिकारी आए थे तो उनसे हमने अयोध्या का आर्थिक विश्लेषण करने को कहा था। पांच फरवरी 2020 से 28 फरवरी 2025 तक 396.26 करोड़ रुपये का टैक्स सरकार को दिया है। ये राउंड फिगर 400 करोड़ रुपये है। शुरूआती कुछ समय में ही जिस तरीके से राममंदिर अर्थव्यवस्था की मजबूती की एक धुरी बन गया है उससे साफ समझा जा सकता है कि आने वाले समय में यह देश के सबसे ज्यादा मजबूत अर्थ तंत्र वाला मंदिर होगा और निश्चित ही इसका लाभ पूरे क्षेत्र के साथ साथ देश को भी मिलेगा।
