नई दिल्ली: विवाह समारोह में गोली चलने की घटनाएं तो आप ने तमाम सुनी होंगी को यह गोली किसी तनातनी में यह झगड़े में नहीं बल्कि खुशी से चलायी जाती हैं। इसलिए इसे तमाम समाचार पत्र और न्यूज चैनल हर्ष फायरिंग के नाम से प्रचारित करते हैं। लेकिन हम यहां पर इसे गोली बारी ही नाम देंगे क्योंकि ऐसी कोई भी गोली चलाने की घटना जो किसी दूसरे की मौत का कारण बन जाए। या किसी के घर में मातम छा जाए उसे हर्ष फायरिंग कैसे कह सकते हैं। ऐसे तमाम मामलों के बीच में एक अनोखा। मामला निकलकर आया है जहां गोली चलाने वाले लड़की या लड़के पक्ष के लोग नहीं बल्कि दूल्हा। दुल्हन खुद हैं जो अपनी खुद की शादी में नाच रहे हैं।नाचते नाचते हाथ में बंदूक के लिए गोलियां भी चला रहे हैं।
जयमाला के बाद डीजे फ्लोर पर दूल्हा दुल्हन द्वारा बंदूक लहराने और गोली चलाने के मामले में मोदीनगर पुलिस ने हर्ष फायरिंग की रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। घटना से जुड़ा वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई। एसीपी मोदीनगर ज्ञानप्रकाश राय ने बताया कि शादी समारोह के दौरान दूल्हा-दुल्हन द्वारा बंदूक लहराने और फायरिंग का वीडियो संज्ञान में आया था। जांच में वीडियो बीती 19 फरवरी को गोविंदपुरी के सारा मार्ग स्थित आरएस फार्म हाउस पर आयोजित शादी समारोह का निकला।

पुलिस के अनुसार गोविंदपुरी निवासी तन्नु चौधरी की शादी दिल्ली के हर्ष विहार निवासी हिमांशु चौधरी के साथ आरएस फार्म में बीती 19 फरवरी को की गई। वायरल वीडियो में तन्नु चौधरी व हिमांशु डीजे फ्लोर पर नृत्य कर रहे थे। इसी बीच हिमांशु राइफल से हर्ष फायरिंग करता है। इसके बाद एक अन्य बंदूक तन्नु को भी दी जाती है। दूल्हा दुल्हन बंदूक व राइफल लहराते हैं। एसीपी ने बताया कि जांच के बाद तन्नु चौधरी व हिमांशु के खिलाफ हर्ष फायरिंग की रिपोर्ट दर्ज की गई है। दोनों अस्लाह स्वामी का पता लगाया जा रहा है। अगर अस्लाह वैध था तो शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
विवाह समारोह में इस तरह से गोलीबारी की घटनाओं में सबसे बड़ी चूक जो नजर आती है वह हिंदू धर्म के ठेकेदारों की तरफ से नज़र आती है। क्योंकि हिन्दू धर्म में विवाह बंधन भी एक धार्मिक कार्यक्रम समान होता है जिसमें यज्ञ व हवन होते हैं आहुति दी जाती है। वैदिक मंत्रोच्चारण तक होता है। इस तरह से देखें एक धार्मिक आयोजन में इस तरह से गोलीबारी करना किसी भी तरीके से हिंदू धर्म के पक्ष में नहीं है। और हिंदू धर्म के किसी ग्रंथ में भी इस तरह के फायरिंग करने का कोई जिक्र नहीं है। जब अपने विवाह कार्यक्रम में खुशियां बढ़ाने के लिए इस तरह से गोलीबारी की जाती है। तो इसे कथित रूप से हर्ष फायरिंग। का नाम दिया जाता है जबकि यह हार्टफायरिंग किसी न किसी परिवार के लिए मातम बन जाती है।

कई शहरों में कई इस तरह की घटनाएं अब तक सामने आ चुकी हैं जहां विवाह समारोह के समय खुशी मनाने के लिए चलायी गई गोलियों। से किसी न किसी के साथ हादसा हो गया हो।। इसके बावजूद भी इन घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। तमाम ऐसे मैरिज। गार्डन है जहां पर। बाहर तो बैनर लगा होता है कि बन्दूक ले जाना प्रतिबंधित है लेकिन फिर भी रसूख के दम पर लोग इस तरह से मैरी गार्डन में प्रवेश कर जाते हैं और गोलीबारी की घटनाएं भी होती रहती हैं। इस तरह की घटनाओं को लेकर शासन प्रशासन भी केवल घटना के कुछ दिनों तक सख्त नजर आता है।उसके बाद शासन प्रशासन कंबल ओढ़ के सो जाता है और हमारे कथित शिक्षित सम्भ्रांत और रहीस परिवार सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर विवाह समारोह में गोलीबारी करते हैं। शायद उनको यह नहीं पता कि जिसे वह अपनी शान समझते हैं वह एक निंदनीय घटना है और ऐसे काम करके वह खुद को जाहिल साबित करते हैं।