नई दिल्ली: आज से संसद में बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसी चर्चा की जा रही है कि इस बार बजट सत्र जबरदस्त हंगामा साथ शुरू होगा। जिस तरह से बजट सत्र से पहले सभी विपक्षी पार्टियों ने बैठक की है उससे साफ अंदाजा लगाया जा रहा है कि कहीं न कहीं विपक्षी पार्टियों ने सत्ताधारी भाजपा को कुछ मुद्दों पे घेरने की रणनीति बनाई है। इसी के साथ बजट में क्या कुछ बदलाव होने वाले हैं और आम जनता के लिए खासकर मध्यम वर्गीय जनता के लिए किस तरह के नए फैसले होंगे। इसको लेकर लोगों के बीच में भी काफी जिज्ञासा है।
राष्ट्रपति का अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण एक दिन बाद पेश किए जाने वाले आम बजट को लेकर कुछ महत्वपूर्ण संकेतक भी देते हैं। शनिवार (एक फरवरी) को वित्त मंत्री सीतारमण आम बजट 2025-26 पेश करेंगी। आम बजट के बारे में माना जा रहा है कि इसमें देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती को दूर करने के साथ ही घरेलू अर्थव्यवस्था में मांग व रोजगार को बढ़ाने वाले उपायों पर खास जोर होगा।
सत्र की शुरुआत से ठीक पहले प्रयाग में आयोजित महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर विपक्षी दलों का साफ तौर पर कहना है कि इस पर सरकार को चर्चा करानी चाहिए। हालांकि सरकार ने बैठक में साफ किया है कि यह राज्य का विषय है और वह इसको देख रही है। बावजूद इसके विपक्ष ने जब बार-बार महाकुंभ की अव्यवस्थाओं पर चर्चा की मांग की, तो सरकार ने कहा कि इसका निर्धारण कार्यमंत्रणा समिति करेगी। बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण से होगी। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण 2025 पेश करेंगी। देश की अर्थव्यवस्था की दशा व दिशा बताने वाला यह महत्वपूर्ण प्रपत्र होता है।
सूत्रों की मानें तो विपक्षी दलों ने बैठक में जब महाकुंभ हादसे व उसकी अव्यवस्थाओं पर चर्चा कराने की मांग की तो राजनाथ सिंह ने कहा कि यह राज्य सरकार का विषय है। वह अपने स्तर पर इसे देख रही है। हालांकि इसके बाद भी कांग्रेस व सपा इस पर चर्चा कराने की मांग पर अड़ी रही। बैठक में मौजूद कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने महाकुंभ के राजनीतिकरण की आलोचना की और कहा कि इस आयोजन के दौरान वीआइपी की आवाजाही से आम आदमी की मुश्किलें बढ़ी हैं। वहीं सपा सांसद राम गोपाल यादव ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की और कहा कि आम तीर्थयात्रियों को दरकिनार कर वीआइपी को इस भव्य धार्मिक आयोजन में प्रमुखता दी गई, जिससे यह हादसा हुआ है। बैठक में कई विपक्षी नेताओं ने बेरोजगारी और किसानों की स्थिति का भी मुद्दा उठाया और चर्चा की मांग की।