इंदौर मध्यप्रदेश: जब से मध्यप्रदेश शासन ने फैसला लिया है भोपाल यूनियन कार्बाइड का कचरा पीतमपुर में नष्ट किया जाएगा तब से पीतमपुर क्षेत्र के लोग इसके विरोध में उतरे हुए हैं। और जैसे ही यह कचरा अब पीतमपुर पहुंचने लगा है लोगों का आक्रोश भी बढ़ गया है हजारों लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। और अब तो यह विरोध हिंसक भी हो चुका है जिसमें तमाम लोग इस कचरे के विरोध में जब सड़क पर उतरे हुए थे तो उनमें से दो लोगों ने आत्मदाह का प्रयास भी किया।भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने भी लाठी चार्ज किया है। इसी बीच मध्यप्रदेश सरकार का जनसंपर्क विभाग तमाम तरह के संदेश भी अपने जनसंपर्क के माध्यम से प्रसारित कर रहा है जिन में यह बताया जा रहा है यह कचरा किसी भी तरीके से पीतमपुर क्षेत्र के लिए नुकसानदायक नहीं है।
भोपाल से पीथमपुर में कचरा आने के बाद से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सांसें फूली हुई हैं। पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की समझाइश का जनता पर कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। सभी संगठन, संस्थाएं एक मंच पर आकर इसका विरोध कर रही हैं। पीथमपुर में हालत बहुत अधिक बिगड़ चुके हैं। दो लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया है। दोनों को गंभीर हालत में चोइथराम अस्पताल में भर्ती किया गया। पीथमपुर के हर गली मोहल्ले सड़क पर लोगों की भीड़ उतर आई है।
हालांकि जनप्रतिनिधियों ने आमजन को समझाने का प्रयास किया है लेकिन इस समझाइश का क्षेत्रवासियों पर कोई भी असर दिखाई नहीं दे रहा है और अब तो पर्यावरण संरक्षण का काम करने वाली कई संस्थाएं भी इन लोगों के समर्थन में आ गई हैं। क्षेत्र के कारोबारियों और रहवासियों ने बंद का ऐलान कर दिया है। हर जगह बंद का असर नजर आ रहा है। कोई भी सड़कों पर कारोबार करता नजर नहीं आ रहा। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि कचरा जलाना शुरू किया तो आंदोलन और भी भड़क जाएगा। इंदौर से कई संस्थाओं और सामाजिक संगठनों के लोग पीथमपुर गए हैं। बड़ी संख्या में इंदौर में भी लोग इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मजदूर संघ, किसान संघ, रहवासी संघ और कई संस्थाएं पीथमपुर जाकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रही हैं।
कल सीएम मोहन यादव ने विरोध कर रहे लोगों को संतुष्ट करने का प्रयास किया लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखा। भोपाल से इंदौर आए 337 टन विषैले कचरे को लेकर जारी विरोध के बीच इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में एक बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि हमें भी शहर की चिंता है। रातभर हमने सरकार को सोने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जहरीले कचरे से जनता भयग्रस्त न हो, शंका का समाधान जरूरी है। उन्होंने सभी से बात की लेकिन उनकी बात से भी आंदोलन पर खासा असर नहीं पड़ा। सुबह होते ही लाखों लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए निकल गए।