लखनऊ उत्तर प्रदेश: अभी तक आपने तमाम फिल्मों टीवी सीरियल और क्राइम पेट्रोल में ऐसी हकीकत देखी होगी जिसमें कोई चाल फरेर करने वाला व्यक्ति खुद। को इसलिए मृत दिखा देता है ताकि वह कर्जे से बच सकें या इंश्योरेंस का फैसला ले सके। लेकिन असल जिंदगी में यदि कोई ऐसा करने की सोचें दो शायद उसके लिए यह बहुत मुश्किल हो लेकिन क्राइम पेट्रोल के ऐसे किस्से। देखकर ही एक डॉक्टर ने चाल फरीब का ऐसा जाल बुना जिसमें उसने अपने ही कद। काठी के एक युवक को अपनी ही कार में ज़िन्दा जला दिया ताकि वह खुद को मृत साबित कर सके। और खुद के ऊपर चढ़े लाखों रुपए के कर्ज से बच जाए। लेकिन जैसा कि हर अपराधी करता है कि वह प्लान कितना भी फुल प्रूफ बनाए लेकिन कोई न कोई छोटी गलती कर ही जाता है और इस मामले में भी इस। डॉ की एक छोटी सी चूक इसके प्लान पर भारी पड़ गई और पुलिस ने उस चूक से कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए इस सनसनीखेज मामले का खुलासा कर दिया
सहारनपुर बागपत के यूनानी चिकित्सक ने खुद को मृत दिखाने के लिए एक युवक को कार में जिंदा जला दिया। उसका मकसद था कि इससे वह लोन के 20 से 25 लाख रुपये चुकाने से बच जाएगा। पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया है। योजना में कोई चूक न हो इसके लिए उसने एक एपिसोड करीब दस बार देखा। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए अब उसे एक कार और एक शव की आवश्यकता थी। जिससे वह खुद को मृत साबित कर सके। एक महीने पहले उसने 26 हजार रुपये में पुरानी मारुति 800 कार खरीदी। अब उसे एक शव की तलाश थी, जिसकी कद काठी उससे मिलती जुलती हो। काफी ढूंढने के बाद भी उसे शव नहीं मिला। इस बीच वह अपने बहनोई के कारखाने में पहुंचा। वहां उसने सोनू को देखा जो कद काठी में उसके जैसा ही था। सोनू यमुनानगर से आकर मोहल्ला हबीबगढ़ में रह रहा था। डॉक्टर ने सोनू से दोस्ती कर ली ताकि वह अपने षड्यंत्र में कामयाब हो सके।
22 दिसंबर की शाम उसने सोनू को ढाबे पर बुलाया। वहां से मंडी समिति रोड पर एक ठेके से उसने शराब खरीदी। इसके बाद अपनी पुरानी कार में सोनू को बैठकर बिजोपुरा के पास नहर की पटरी पर गया। वहां दोनों ने शराब पी। इस दौरान सोनू के गिलास में नशे की गोलियां डाल दीं, जिससे वह बेसुध हो गया। डॉक्टर ने उसके गले से चेन निकाल ली। इसके बाद कार में पेट्रोल डालकर आग लगा दी और वहां से भाग निकला, लेकिन अपनी एक गलती की वजह से वह पकड़ा गया।
उसने ऐसा प्लान बनाया कि हत्या का पुलिस को पता न चल सके। कार में युवक को जिंदा जलाने की योजना बनाई। इसके बाद उसने ऐसी जगह तलाश की, जहां न कैमरे हों और न ही लोगों की ज्यादा आवाजाही हो। उसने सोचा कि अगर रात के समय कार में आग लगाई तो लोगों को भनक नहीं लगेगी और काम भी आसानी से हो जाएगा। उसने कई स्थानों की रेकी की। पुलिस ने घटनास्थल से लेकर हत्यारोपी के बहनोई के कारखाने तक 60 से अधिक सीसीटीवी खंगाले। बागपत निवासी यूनानी डॉक्टर मुबारिक खान ने कर्ज चुकाने से बचने के लिए खुद को मृत दिखाने की साजिश क्राइम पेट्रोल देखकर रची। उसने एक महीने पहले पुरानी कार खरीदी। इसके बाद अपनी ही कद काठी के एक युवक को ढूंढा। युवक को शराब पिलाकर कार में जिंदा जला दिया।
पूछताछ में हत्यारोपी मुबारिक ने बताया कि छह महीने पहले दो कार और दो बाइक फाइनेंस पर खरीदी थी। पांच लाख रुपये का बीमा और 10 लाख रुपये पर्सनल लोन बैंक से लिया था। जीएसटी भी भरना शुरू कर दिया। मुबारिक ने सस्ती जमीन दिलाने के लिए अपने पड़ोसी मसूद उर्फ लीलू से नौ लाख रुपये लिए। इसके अलावा अन्य लोगों से भी लाखों रुपये ले लिए। उस पर करीब 20 से 25 लाख रुपये का कर्ज हो गया। अब वह कोई ऐसा तरीका ढूंढने लगा, जिससे उसे कर्ज न चुकाना पड़े। यह तरीका उसे क्राइम पेट्रोल सीरियल से मिल गया।