इंदौर मध्य प्रदेश: जब भी भिखारियों की बात आती है तो समाज में दो तरह के लोग देखने को मिलते हैं। एक जो सदैव यह चाहते हैं की जरूरतमंदों की मदद करना चाहिए। 5 ₹10 उन्हें देने से हमारा क्या घट? जाएगा। और दूसरी ओर कुछ लोगों की यह सोच भी हो गई है कि यह भिखारी तो वल फटेहाल होने का दिखावा करते हैं लेकिन वास्तव में भीख में ही ये हजारों रुपए कमा लेते हैं। बात दोनों ही सही हैं। कुछ भिखारी इतनी दयनीय हालत में भी हैं जो दो वक्त की रोटी तक नहीं कमा पाते। वहीं दूसरी ओर ऐसे भिखारी भी हैं जो रोज हजारों रुपए इकट्ठा कर रहे हैं। इंदौर में चलाए जा रहे भिक्षुक मुक्त अभियान के तहत अभी हाल ही में कुछ ऐसे भिखारियों को पकड़ा गया जिनके पास रकम की जानकारी भिक्षुक मुक्त अभियान की टीम ने ली तो आंकड़े चौंकाने वाले रहे।
इंदौर को भिक्षुक मुक्त करने के लिए प्रशासन द्वारा भिक्षुक मुक्त अभियान चलाया जा रहा है। इस टीम के लोगों को कुछ ऐसे लोग मिले जिनकी कमाई चौंकाने वाली थी। मल्हारगंज में शनिदेव मंदिर के पास बैठी एक भिक्षुक महिला को जब इस टीम ने पकड़ा तो उसके पास नकद राशि के रूप में 74,768 रुपए प्राप्त हुए। इतनी बड़ी राशि को देखकर टीम को शकहुआ। और जब टीम ने गहराई से तफ्तीश की तो और भी अधिक चौंकाने वाले खुलासे होने लगे। इस महिला ने टीम को बताया कि यह रकम जो उसने इकट्ठा की है यह केवल एक हफ्ते में इकट्ठा की गई रकम है। यदि इस आंकड़े को महीने की कमाई के रूप में जोड़ें तो एक महीने में इस महिला की कमाई तीन लाख रुपये से भी अधिक हो सकती है। हालाँकि इतने रूपये का यह महिला क्या करती है। यह जानकारी टीम को नहीं मिल पाई। लेकिन जो रकम मिली वह ₹74768 ही थी जिसमें ₹100 के। 400। 23 नोट ₹200 के 18। नोट ₹50 के 174 नोट 20। रुपये के 305 नोट 10। रुपए के 280 नोट मिले।
आप जानते ही है कि इंदौर इस समय देश की नंबर 1 स्मार्ट सिटी है। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में पहचानी जाती है। लेकिन इस आर्थिक राजधानी के भिखारी भी आर्थिक रूप से इतने सक्षम है।यह चौंकाने वाली जानकारी अभी तक शायद आपको कहीं किसी स्रोत से नहीं मिली होगी। इंदौर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए जो अभियान चलाया जा रहा है उसमें तमाम ऐसे भिखारी मिल रहे हैं जो प्रतिदिन हज़ारों रुपये कमाते हैं। बुधवार को ही टीम को चौदह और भिखारी भी मिले जिनसे साठ हजार रुपए प्राप्त हुए। फरवरी में भी टीम ने लव कुश चौराहे के पास। एक महिला को आठ साल की। छोटी बच्ची के साथ भीख माँगते हुए पकड़ा था और उस महिला के पास से भी लगभग बीस हजार रुपए मिले थे। उस महिला ने भी जो खुलासा किया था वह चौंकाने वाला था उस महिला का कहना था पिछले दो। माह में ₹250000 भीख के रूप में इकट्ठा कर चुकी हैं। जिसमें से ₹50000 बैंक खाते में हैं। 50000 अन्य खर्च हो गए अन्य 50000 की एफडी करवाई है और ₹1लाख गांव भी भेजा है।
हो सकता है कि यह खबर पढ़कर कई लोगों के मन। में यह भावना आ जाए कि अब इन भिखारियों की तो मदद करनी ही नहीं है क्योंकि ये तो रोज का हजारों कमा रहे हैं। लेकिन इस तरह हजारों कमाने वाले। कुछ गिने चुने भिखारी हैं। बाकी अन्य तमाम ऐसे लोग हैं जिनके पास कोई रोजगार नहीं है। कोई संसाधन नहीं है इस ठिठुरती ठंड में भी रोड। किनारे पड़े हैं दो वक्त की। रोटी भी। उनको नही मिल पाती है। जब आप किसी जरूरतमंद भिखारी को देखें तो उसकी मदद जरूर करें। क्योंकि वह। कोई पैदाइशी भिखारी नहीं हैं। यह उसकी मजबूरी है। इसके इतर कुछ पेशेवर भिखारी हैं। जो यह हथकंडे अपनाना जानते हैं। कि किस तरीके से लोगों की भावनाओं से खेलकर हज़ारों लाखों रुपये कमाए जा सकते हैं उनसे सावधान रहें। इंदौर प्रशासन शासन का लक्ष्य है के भिक्षुक मुक्त अभियान के तहत एक जनवरी से पहले इंदौर पूरी तरह भिखारियों से मुक्त हो जाए। अब देखना होगा। जब कुछ लोगों को इस पेशे में इतनी कमाई हो रही है तो वह किस तरीके से प्रशासन के इस अभियान में भागीदार बन अन्य व्यवसाय अपनाएंगे?