ग्वालियर मध्य प्रदेश: अपने विज्ञापनों के माध्यम से हमेशा देश की और समाज की बात करने वाले राम देव जब भी पतंजलि के उत्पादों की बात करते हैं तो वो उसे हर कसौटी पर खरा बताते हैं। लेकिन ग्वालियर में। उनके कंपनी पतंजलि के दो उत्पादों में ऐसी खामी का उजागर हुआ है। जिसके चलते उत्पाद बेचने वाले विक्रेता डीलर के साथ ही निर्माता फर्म पर जुर्माना आरोपित किया गया है। जिस तरह की कमी उजागर हुई है उसने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या रामदेव द्वारा संचालित है पतंजलि देश के कानूनों से खिलवाड़ करके अपने उत्पाद लोगों के बीच में पहुंचा रही है। क्या पतंजलि को देश के नियमों को तोड़ने की खुली छूट मिली हुई है। चलिए पहले मामला समझ लेते हैं कि क्या गड़बड़ पकड़ में आई है और किस तरह से जुर्माना लगा है। हालाँकि इस मामले में सबसे बड़ी हकीकत तो यह है ये पतंजलि ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए राजीनामा करके यह जुर्माना राशि भर भी दी है।
पूरा मामला पतंजलि के दो उत्पाद पतंजलि का लीचि जूस जिसकी टैग लाइन घूँट-घूँट में ताजगी और स्फूर्ति है। और पतंजलि का ही एक और उत्पाद पतंजलि केश कांती हर्बल मेहंदी से जुड़ी हुई है। इन दोनों ही उत्पादों के निर्माण में पतंजलि ने एक इतनी बड़ी। भूलकर दी जिसके चलते उनको वह जुर्माना अदा करना पड़ा। आपको बता दें कि पतंजलि जिस तरह से अन्य प्रोडक्ट्स को नियम अनुसार बताती है। उसी तरह यह नियम भी तमाम विभागों के नियम कायदों के अनुसार बनाए गए बताए जाते रहे। लेकिन एक बार फिर उस समय पतंजलि। के दावों की पोल खुल गई। जब यहाँ पर पतंजलि के इन दोनों उत्पादों के निर्माण में यह बड़ी त्रुटि देखने को मिली। और इस कमी को देखते हुए जब पतंजलि के इन दो उत्पादों को बेचने वालों से लेकर निर्माण करने वालों तक जुर्माना लगाया गया तो कंपनी ने स्वयं न्यायालय न जाते हुए अपनी गलती माँग ली और राजीनामा करते हुए जुर्माना राशि जमा कर दी।
आपको बता दें कि कुछ समय पूर्व भी भ्रामक विज्ञापन के मामले में आई एम ए द्वारा लगाई गई याचिका की सुनवाई के दौरान पतंजलि और रामदेव बाबा की बहुत किरकिरी हुई थी। सुनवाई के दौरान रामदेव के वकील बलवीर सिंह ने कोर्ट से कहा कि योगगुरु माफी मांगने के लिए यहां मौजूद हैं। भीड़ की वजह से कोर्टरूम नहीं आ पाए। अदालत ने एफिडेविट देखने के बाद फटकार लगाई और कहा कि यह प्रॉपर एफिडेविट नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद रामदेव और बालकृष्ण कोर्ट रूम पहुंचे और रामदेव ने बिना शर्त माफी मांगी। अदालत ने कहा कि जब पतंजलि हर कस्बे में जाकर कह रही थी कि एलोपैथी से कोविड में कोई राहत नहीं मिलती तो केंद्र ने अपनी आंखें क्यों बंद कर रखी थीं। इस मामले में भी जिस तरीके से पतंजलि के मालिक। बाबा। रामदेव बैकफुट पर नज़र आए थे।। उसने साफ साबित कर दिया था कि रामदेव देव भ्रामक विज्ञापन के जरिए पतंजलि के उत्पादों को आम नागरिकों तक फैला रहे हैं।
ग्वालियर में पतंजलि के दो उत्पाद लिची जूस और केश कांती, हर्बल मेहँदी के मामले में 4 जुलाई, 2024 को नाप तौल विभाग ने प्रकरण पंजीबद्ध किया था। जिसमें पाया गया था। की नाप तौल के नियम अनुसार हर उत्पाद के ऊपर कुल सामग्री और कुल कीमत के साथ-साथ। प्रति यूनिट कीमत लिखा जाना भी अनिवार्य होता है। लेकिन पतंजलि द्वारा बनाए गए इन दो उत्पाद ली ची जूस और केश कांति हर्बल मेहँदी पर। प्रति यूनिट कीमत अंकित नहीं थी। नाप तौल बिभाग के इंस्पेक्टर वी॰एस॰ सिंघानिया ने बताया कि यह नाप तौल के नियम पैकेज में रखी वस्तुएं नियम 2011 के प्रावधान 6(11), 18 के विपरीत था जिसके चलते इस उत्पाद को बेचने वाले विक्रेता अभिषेक गर्ग मेसर्स श्रद्धा एंटरप्राइजेज पतंजलि आरोग्य केंद्र, पर जुर्माना राशि पांच हजार रुपए राजी नामा राशि के रूप में अधिरोपित कर वसूल किए गए। डीलर सतीश कुमार गर्ग सिकरौदा ग्वालियर से पांच हजार रुपए राजीनामा राशि के रूप में अधपित कर वसूल किए गए। निर्माता राम भरत पतंजलि फूड्स लिमिटेड लकसर रोड हरिद्वार पर पच्चीस हजार रुपए, फर्म पतंजलि फूड्स लिमिटेड लक्सर रोड हरिद्वार पर पच्चीस हजार रुपए, स्वामी अर्थर वेद डायरेक्टर पतंजलि नेचुरल कोलोरोमा प्राइवेट लिमिटेड लक्सर। रोड हरिद्वार पर पच्चीस हजार रुपए, स्वामी दिव्य देव डायरेक्टर पतंजलि नेचुरल कोलोरमा प्राइवेट लिमिटेड लक्सर। रोड हरिद्वार पर पच्चीस हजार रुपए, फर्म पतंजलि नेचुरल कोलोरमा प्राइवेट लिमिटेड लक्सर रोड हरिद्वार पर पच्चीस हजार रुपए अधरोपित कर वसूल किए गए। यह सारी राशि कार्यालय उप नियंत्रक नाप तौल विधिक माप विज्ञान ग्वालियर कार्यालय द्वारा वसूल कर ली गयी है। इस तरह नाप तौल की कार्रवाई मैं पतंजलि के इन दो उत्पाद में नियमों का उल्लंघन पाया गया पतंजलि ने भी इन नियमों के उल्लंघन को स्वीकार करते हुए राजीनामा करके यह राशि जमा कर दी है। लेकिन तरह से देश के नियमों को तोड़ते रहना और एक बार फिर नाप तौल के नियमों के विरुद्ध उत्पाद बनाकर बाज़ार में उतारना वह साफ बताता है के माननीय सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी बाबा। रामदेव द्वारा संचालित पतंजलि क्रियाकलापों कोई सुधार नहीं हुआ है।