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पुष्पा 2 फिल्म देख थिएटर के बाहर अल्लू अर्जुन की स्टाइल में खा लिया दूसरे का कान

ग्वालियर मध्य प्रदेश: फिल्मों में दर्शाए गए हिंसक दृश्यों का असली जीवन में क्या असर होता है, वह ग्वालियर में एक थिएटर में उस समय देखने को मिला जब थिएटर में पुष्पाटू फिल्म लगी हुई थी और थिएटर के बाहर ही जब झगड़ा हुआ तो एक व्यक्ति ने पुष्पा 2 के अल्लू अर्जुन के तरह ही दूसरे व्यक्ति का कान काट लिया और बिल्कुल उसी स्टाइल में फिल्म में दर्शाए गए सीन को हकीकत में तब्दील कर दिया। यह हम हैरान कर देने वाली घटना हमें यह सोचने को मजबूर करती है कि क्या फिल्में समाज। का आईना हैं। यह फिल्मों में दिखाई गयी फूहड़ता और हिंसा समाज पर गलत प्रभाव डाल रही है।

अभिनेता अल्लू अर्जुन की ब्लॉकबस्टर मूवी पुष्पा 2 इन दिनों सिनेमाघरों में धमाल मचा रही है। हर कोई फिल्म को देखकर वाह वाह कर रहा है। फिल्मों से मनोरंजन मिलने के साथ साथ लोगों पर बुरा असर पड़ता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जहां कैलाश सिनेमा थिएटर में पुष्पा टू फिल्म चल रही थी। और थिएटर के कैंटीन में ही फिल्म की जबरदस्त फाइट देखकर एक शख्स ने दूसरे शख्स का कान काट लिया और उसे चबा कर खा गया। ग्वालियर के गुड़ा गुड़ी नाका का रहने वाला शब्बीर नाम का युवक भी फिल्म देखने पहुंचा हुआ था। 

शब्बीर ने बताया कि वह फिल्म देख रहा था। फिल्म में जबरदस्त फाइट सीन चल रहे थे। अभिनेता अल्लू अर्जुन विलन के कानों को अपने मुंह से उखाड़ कर फेंक देने का जबरदस्त फाइट सीन खत्म ही हुआ था, इसी दौरान वह कैंटीन पर खाने का सामान खरीदने पहुंचा और पैसों को लेकर उसका कैंटीन में काम करने वाले राजू चंदन और एम ए खान से विवाद हो गया। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि तीनों ने मिलकर शब्बीर के साथ पहले जमकर मारपीट की फिर एक ने उसका कान अपने मुंह में दबा कर काट लिया और उसे चबाकर खा गया। शब्बीर ने बताया कि वह वहां से तुरंत लहूलुहान हालत में अस्पताल पहुंचा और इलाज कराया। उसके कान पर लगभग आठ टांके आए हैं। इसके बाद उसने इंदरगंज थाना पहुंच तीनों बदमाशों के खिलाफ शिकायत दर्ज की। पुलिस ने शब्बीर का मेडिकल कराया, जिस के बाद राजू, चंदन और उसके साथी एम ए खान के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।

फ़िल्म केवल एक फिल्म होती है हकीकत से उसका कोई वास्ता नहीं होता यदि। कोई वास्तविक स्टोरी पे भी फिल्म हो। तो उसमें मिर्च मसाला लगाया जाता है। इस तरह के फूड और हिंसक सीन। को केबल और केवल वहीं तक सीमित रखना चाहिए।किसी भी दर्शक को फिल्म से इस तरह के फूहड़ता और हिंसा को कॉपी करने से बचना चाहिए। जिस तरह की घटना अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा। 2 में दिखाए गए कान काटने वाले हिंसक सीन के बाद ग्वालियर में घटी है। उसने फिर से एक बार यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या फिल्मों में दिखाई गई हिंसा समाज में हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं?

Gajendra Ingle
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