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साइबर फ्रॉड को रोकने शासन प्रशासन के सारे दावे फैल, जागरुक बनें और ऐसे करें ख़ुद का बचाव

जैसे जैसे तकनीक का उपयोग बढ रहा है बचपन का वह निबंध भी आपको याद आता होगा विज्ञान एक वरदान है और अभिशाप भी। जिस तकनीक को जिस मोबाइल को जिस इंटरनेट को आप एक वरदान के रूप में उपयोग कर रहे हैं वही आपके लिए एक अभिशाप बन जाता है जब आपके साथ कोई साइबर ठगी या कोई साइबर अपराध हो जाता है। जिस तरह से डिजिटल इंडिया का सपना देखा गया है डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रयास किए हैं, उसमें एक सबसे बड़ी कमी यह है कि देश की जनता की सुरक्षा के लिए डिजिटल सेफ्टी। की पाबंदियां उसमें शामिल नहीं की गई है। देश में डिजिटल सेफ्टी से संबंधित कोई सख्त कानून नहीं है। साइबर फ्रॉड का शिकार हुए तमाम लोगों में से केवल कुछ ही पुलिस तक पहुँचकर अपनी एफआईआर दर्ज करा अपनी रकम वापस ले पाती है। ज्यादातर मामले फाइलों में दबकर ही रह जाते हैं। 

पिछले कुछ समय से तो जब भी आप सुबह अखबार उठा के देखते हैं रोज ही साइबर ठगी की कोई न कोई बड़ी और सनसनीखेज खबरें आपको दिखाई देती हैं। और इसमें ठगी की रकम हजार दो हजार नहीं बल्कि लाखों और करोड़ों में होती है। साइबर ठगी का एक नया तरीका डिजिटल अरेस्ट इस समय सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। आए दिन डिजिटल अरेस्ट की घटनाएँ हो रही हैं। और इन्हीं डिजिटल अरेस्ट की खबरें भी तमाम मीडिया हाउस प्रमुखता से छाप रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी लगातार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। साइबर फ्रॉड के मास्टर बन चुके अपराधी कैसे न कैसे लोगों को झांसे में लेकर डिजिटल अरेस्ट कर। ठगी कर रहे हैं। कोई नहीं कह सकता की उसके हाथ में एक स्मार्टफोन है। उसके हाथ में इंटरनेट से जुड़ी डिवाइस है। और वह सुरक्षित है कभी भी कोई भी घटना उसके साथ हो सकती है। एक समय था जब ओटीपी ओपन मांग कर साइबर ठगी होती थी। लेकिन ज्यादातर लोग अब जागरूक हो गए और ओटीपी और पिन। शेयर नहीं करते हैं इसलिए। साइबर ठग नए नए तरीके ठगी।के लिए निकालते हैं। 

जिस तरह से यह ठगी की वारदात हो रही है उसमें हमारे सिस्टम का यह दोष है की ठगी करने वाले लोगों को यह सारी डिवाइस उपलब्ध कैसे हो जाती है। हमारे देश में मोबाइल कनेक्शन यह मोबाइल सिम लेना बहुत ही आसान प्रक्रिया है। इन ठगों को इस तरह से सिम उपलब्ध हो जाती है। और इन मोबाइल सिम का उपयोग ही यह कॉल करने के लिए करते हैं। मोबाइल सिम जारी करने की प्रक्रिया को और जटिल बनाया जाना चाहिए। जिससे इन ठगों का यह हथियार कमजोर किया जा सके। इस के अलावा ठगों के पास एक और हथियार होता है। बैंक अकाउंट जिस तरह से इन ठगों को बैंक अकाउंट मिल जाते हैं वह साफ दर्शाता है। कहीं न कहीं हमारे बैंकिंग सिस्टम में बहुत बड़ा झोल है जिसका फायदा यह साइबर ठग उठाते हैं। आजकल बैंक जल्दबाजी और टारगेट के चक्कर में ज्यादा से ज्यादा खाते खोलने में लगे रहते हैं। बैंक में खाता खोलने की प्रक्रिया जटिल होनी चाहिए। नए खातों में शुरू के कुछ दिनों में ट्रांजैक्शन की लिमिट बहुत कम होनी चाहिए और हो सके तो हर महीने-दो महीने में खातों के वेरिफिकेशन की व्यवस्था होनी चाहिए। बैंक खातों से जुड़े तमाम रिफॉर्म्स कर साइबर ठगी के मामलों में कमी लाई जा सकती है।

अब यहां सायबर ठगों के पास मोबाइल सिम और बैंक खाते के अलावा उनका सबसे बड़ा हथियार जो होता है वह है आप। जी हाँ। आप क्योंकि आपके अंदर ही कुछ न कुछ। ऐसी कमी है। जिसका फायदा यह साइबर ठग उठाते हैं। मैं हमेशा से कहता हूँ कि साइबर ठगी से बचने के लिए आपका जागरूक होना बहुत जरूरी है। आज यदि आप अपने जीवन में तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। । स्मार्टफोन का उपयोग कर रहे हैं तो साइबर सुरक्षा को भी अपने जीवनशैली में उतारना आपके लिए बहुत आवश्यक है। कुछ छोटी-छोटी बातें अपने जीवन में अपना कर। आप साइबर ठगी से बच सकते हैं आपको कभी भी अनजान नंबर से आने वाले फ़ोन पर या अनजान। व्हाट्सऐप वीडियो कॉल पर बात नहीं करना चाहिए। मैसेज। में आई अंजान लिंक और व्हाट्सऐप पर आई। किसी भी तरह की फाइल या डॉक्यूमेंट्स को डाउनलोड नहीं करना चाहिए यदि आप उसके बारे में पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है वह सुरक्षित है। आपको किसी भी जगह पर कस्टमर के नंबर यह शिकायत के लिए कंपनी का। नंबर चाहिए तो उसकी खोजो गूगल पर डायरेक्ट न करते हुए। उस सम्बंधित कंपनी की। वेबसाइट पर जाकर अधिकृत वेबसाइट पर जो अधिकृत नंबर दिया हो उसी पर कॉल करें। आप जिस अकाउंट से ऑनलाइन बैंकिंग करते हैं उसमें। कम पैसा रखें और बड़ी रकम रखने के लिए कोई दूसरा अकाउंट उपयोग करें। अपने निजी डॉक्यूमेंट आप किसी भी अनजान व्यक्ति को न दें जिसका उपयोग वह बाद में फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए यह फर्जी मोबाइल से लेने के लिए कर सके। और सबसे बड़ी जरूरी बात। जो मैं हमेशा कहता हूं। यदि आपको साइबर ठगी से बचना है। तो केवल दो बातों का ध्यान रखें। साइबर ठगी। केवल दो वजह से होती है। या तो आपको कोई डर दिखाकर। या फिर आपको कोई लालच देकर इसलिए आप अपने डर और अपने लालच। पर काबू रखें। यदि आप यह कर पाएँगे तो दुनिया का कोई भी ठग आपको नहीं थक सकता। इन सब बातों को अपने आम जीवन में अपना कर आप साइबर ठगों के चंगुल से दूर रह सकते हैं। । और यदि इसके बावजूद किसी व्यक्ति के साथ कोई साइबर ठगी होती है तो उसे राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड पोर्टल  https://cybercrime.gov.in/ पर या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1 9 3 0 पर अपनी शिकायत तुरंत दर्ज करना चाहिए।

सूचना: नमस्कार पाठकों। मैं गजेंद्र इंगले इस न्यूज पोर्टल का फाउंडर और संपादक आप सभी से निवेदन करता हूँ जो बातें मैने समझाने का प्रयास किया है उसको अपने जीवन में अपनाएँ और इसके अलावा यदि आप किसी भी तरह की साइबर ठगी से संबंधित कुछ और जानकारी चाहते हैं या सहायता चाहते हैं तो मुझे मेरे व्यक्तिगत नंबर 9039071164 पर संपर्क करें… continue reading next article on cyber awareness

Gajendra Ingle
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