Thursday, January 23, 2025
16.1 C
Delhi
Thursday, January 23, 2025
HomeBig Newsजनसंख्या कंट्रोल का खौफनाक शिविर, नसबंदी के बाद कड़ाके की ठंड में...

जनसंख्या कंट्रोल का खौफनाक शिविर, नसबंदी के बाद कड़ाके की ठंड में यह जमीन पर महिलाओं को मरने छोड़ दिया

मुरैना मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के कई शहरों से पहले भी ऐसी तस्वीरें आ चुकी हैं जहां नसबंदी या डिलीवरी के बाद महिलाओं को उन्हीं के भरोसे मौत से जूझने के लिए छोड़ दिया गया हो। अभी हाल का ताजा मामला अम्बाह सिविल अस्पताल मुरैना का है जहाँ जहाँ जहाँ अस्पताल में नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। सरकारी आंकड़े मजबूत करने के लिए इस। शिविर में उनचास महिलाओं की नसबंदी की गयी। जिससे सरकार की योजना और जनसंख्या बेकाबू करने के प्रयास में अपनी भूमिका पता वाहवाही लूटी जा सके। लेकिन 49 महिलाओं की नसबंदी के बाद भी इस शिविर को पूरी तरह असफल माना जाएगा क्योंकि इस सफल में इन महिलाओं की जो बेकद्री हुई वह एक निंदनीय अमानवीय घटना है। जनसंख्या को कॉल करो। कम करने की ऐसी डबल डोज व्यवस्था इस अस्पताल प्रबंधन ने की कि पहले तो इन महिलाओं की नसबंदी कर दी गई और फिर इन्हें मौत से लड़ने के लिए इस कड़ा के दाल ठंड में भी फर्श पर बिना बिस्तर के लिटा दिया गया।

मुरैना जिला अस्पताल में नसबंदी शिविर लगाए गए हैं लेकिन इन शिविरों में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। बाकी सब तो ठीक भी था लेकिन ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जिला अस्पताल में बेड देने की जगह उन्हें जमीन पर ही लेटा दिया, जिससे महिलाएं परेशान हो गईं। नसबंदी के बाद दर्द से कराहती महिलाओं पर सर्दी का सितम था। जमीन पर लेटी महिलाएं सर्दी में ठिठुर रही थीं। महिलाओं के साथ मौजूद उनके परिजन परेशान नजर आए हैं। साथ ही बेड के लिए हॉस्पिटल के स्टॉफ से मिन्नतें करते नजर आए कि पलंग उपलब्ध करवा दीजिए लेकिन स्टॉफ की तरफ से दो टूक कह दिया गया कि अस्पताल में पलंग उपलब्ध नहीं है।

अस्पताल के स्टॉफ ने भले ही महिलाओं के परिजनों से यह कहकर पल्ला झाड़ लिया हो कि उनके पास बेड उपलब्ध नहीं है। हकीकत यह है कि मुरैना जिला अस्पताल के कई वार्ड में पलंग पड़े-पड़े धूल खा रहे हैं लेकिन इनका कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है। साथ ही इनके रखरखाव पर ध्यान दिया जा रहा है। इतनी बड़ी अमानवीय घटना के बाद भी अस्पताल प्रशासन। अपनी ओर से सफाई देने में जुटा हुआ है। और किसी भी लापरवाही से इनकार कर रहा है। जबकि इस नसबंदी शिविर में कड़ाकेदार ठंड में जमीन पर पड़ी हुई महिलाओं की तस्वीरें। चीख चीख कर कह रही हैं। मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था इसी तरह जमीन पर पड़ी हुई है। यदि स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है तो ऐसे शिविर का आयोजन करके वाहवाही लूटने की और इन। मासूम महिलाओं की जान जोखिम में डालने की कोई आवश्यकता नहीं है। अब देखना होगा कि अंबाह सिविल अस्पताल की इस अमानवीय लापरवाही पर जिला प्रशासन मुरैना क्या कार्रवाई करता है?

Gajendra Ingle
Gajendra Ingle
Our vision is to spread knowledge for the betterment of society. Its a non profit portal to aware people by sharing true information on environment, cyber crime, health, education, technology and each small thing that can bring a big difference.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular